सोमवार, नवम्बर 25, 2024
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शाहीन बाग़ प्रोटेस्ट से कॉन्डम के ढेर को जोड़कर सोशल मीडिया में फैलाया गया भ्रम

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim-
नगर पालिका कर्मचारियों को सफाई करते समय शाहीन बाग के पीछे वाले नाले में ये दृश्य देखने को मिला है।  
 
Verification- 
पिछले 70 दिनों से नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन से संबंधित कई दावे तेजी से शेयर हो रहे हैं। इसी बीच शेयर चैट और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। जहां कई रंगों के कॉन्डोम का ढेर देखा जा सकता है। तस्वीर शेयर करने वाले यूजर का दावा है कि यह ढेर शाहीन बाग के पीछे वाले नाले के पास नगर पालिका के कर्मचारियों को प्राप्त हुआ।
तस्वीर को ट्विटर पर कई अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है।
वायरल पोस्ट का सच जानने के लिए हमने गूगल पर अपनी खोज शुरू की। इस दौरान सबसे पहले lanhmanh.com नामक वेबसाइट पर वायरल तस्वीर प्राप्त हुई जो साल 2017 में प्रकाशित हुई थी।
इसके उपरान्त गूगल पर बारीकी से खोजने पर वियतनाम से प्रकाशित baomoi.com नामक वेबसाइट पर साल 2016 में यही तस्वीर प्राप्त हुई। गूगल ट्रांसलेटर के माध्यम से लेख के शीर्षक का अनुवाद करने पर पता चला कि लेख पुरुष छात्रों के छात्रावास में रहने के तौर-तरीके पर प्रकाशित हुआ है।
उपरोक्त लेखों के अनुसार वायरल हो रही कॉन्डोम के ढेर की तस्वीर पब्लिक डोमेन पर साल 2016 से मौजूद है इसलिए यह स्पष्ट होता है कि इसका मौजूदा शाहीन बाग़ प्रोटेस्ट से कोई लेना देना नहीं है।
Tools Used 
Google Translator
Reverse Image Search
Google Search
Result- False
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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