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Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.
जवाहरलाल नेहरू युनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर सुर्खियों में है, यहां रविवार शाम कैंपस के अंदर तोड़फोड़ और मारपीट की गई है। छात्रों का आरोप है कि बाहर से आए कुछ लोगों ने चिन्हित कर छात्रों को अपना निशाना बनाया है। इस मारपीट में कई छात्र बुरी तरह से घायल हुए हैं, कई अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। JNU में हुए हमले के बाद से ही कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। जिनमें आरोप लगाया जा रहा है कि ये एक सुनियोजित हमला था जिसे ABVP के छात्रों ने अंजाम दिया तो वहीं दूसरी तरफ ABVP का आरोप है कि लेफ्ट ने ये पूरा हमला प्लान किया था।
जानकारी के मुताबिक JNU में पिछले कुछ दिनों से एग्जाम रेजिस्ट्रेशन को लेकर हंगामा चल रहा था। JNUSU रेजिस्ट्रेशन के खिलाफ था और छात्रों से उसकी अपील थी कि रेजिस्ट्रेशन का बॉयकॉट किया जाए, लेकिन कुछ छात्र रेजिस्ट्रेशन करना चाहते थे। इसी को लेकर कुछ दिन पहले छात्रों के बीच झड़पे हुई थीं। रविवार शाम 4 बजे टीचर असोसिएशन ने छात्रों के साथ एक मीटिंग बुलाई थी जिसके लिए सभी छात्र एकत्रित हुए थे। करीब चार- साढ़े चार बजे कुछ नकाबपोश युवक-युवतियां जमा हुए इन छात्रों की तरफ दौड़े जिसके बाद कई छात्र साबरमती हॉस्टल में जा छिपे तो कई हॉस्टल के पास बने ढाबे में। इन नकाबपोश लोगों ने हॉस्टल में जमकर तोड़फोड़ की और छात्रों को बेरहमी से पीटा।
सोशल मीडिया पर फैली तमाम खबरों और वीडियोज़ के पीछे की सच्चाई जानने के लिए Newschecker की टीम ने JNU Campus में जाकर वहां के हालात देखे और छात्रों से ख़ुद बातचीत की।
GROUND REPORT
लगभग सुबह के 11 बजे जब हम JNU कैंपस के मेनगेट पर पहुंचे तो वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था जिनमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं। पुलिस के साथ गेट के बाहर कई मीडियाकर्मी और न्यूज़ चैनलों की OB वैन्स भी मौजूद थीं।
जैसे-जैसे हम कैंपस के अंदर पहुंचे सब कुछ शांत होता चला गया। कैंपस में हालात सामान्य नज़र आ रहे थे। छात्र हॉस्टलों से निकल कर इधर उधर जा रहे थे। थोड़ी-थोड़ी दूरी पर छात्रों के छोटे-छोटे समूह दिख रहे थे। हम धीरे-धीरे आगे बढ़े और दो टीमों में बंट गए। एक टीम पेरियार हॉस्टल की ओर चल पड़ी और दूसरी साबरमति हॉस्टल की ओर (इन दोनों ही हॉस्टल पर हमला किए जाने की ख़बर थी)।
पेरियार हॉस्टल में हालात
ऊपर दिखाई दे रही तस्वीरें उसी जगह की हैं जहां तोड़फोड़ किए जाने का दावा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यहां दरवाज़े को तोड़कर भीड़ अंदर आई और वहां मौजूद छात्रों के साथ बुरी तरह मारपीट की गई। हालांकि यहां मौजूद छात्रों ने हमारी टीम से बात करने से इनकार कर दिया।
साबरमती हॉस्टल में हालात
यहां पहुंच कर और हालात देखकर मालूम चला कि सबसे ज्यादा नुकसान इसी हॉस्टल को पहुंचाया गया है। दरवाजों पर लगे शीशे चकनाचूर थे। खिड़कियों पर लगे शीशों को भी नुकसान पहुंचाया गया था। बात करने पर पता चला कि भीड़ यहां के Boys Wing (छात्र कक्ष) में घुसी थी। Girls Wing (छात्रा कक्ष) में तोड़फोड़ नहीं हुई।
Boys Wing के कई कमरों की खिड़कियों के शीशे तोड़े हुए थे। जिस तरीके से कमरों को नुकसान पहुंचाया गया था उसे देखकर लग रहा था जैसे तोड़फोड़ कुछ कमरों को चिन्हित कर ही की गई थी। जिन कमरों पर ABVP का नाम था उन्हें बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचाया गया था।
सबसे ज्यादा नुकसान यहां मौजूद अल्पसंख्यक छात्रों के कमरों को पहुंचाया गया था। जिस छात्र के कमरे को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ उसने हमें बताया कि शाम को वो और उसके कुछ दोस्त कमरे के अंदर बैठे थे जब उन्हें ये सूचना मिली कि कुछ लोगों की भीड़ हॉस्टल में तोड़फोड़ कर रही है उन्होंने अपने कमरे को बंद कर लिया। कुछ लोगों ने दरवाज़ा खटखटाया लेकिन जब दरवाज़ा नहीं खुला तो उन्होंने लाइट बंद कर खिड़कियों के शीशों को तोड़ना शुरू कर दिया। शीशे के टुकड़े अंदर बैठे छात्रों को लगे और डर कर उन्होंने बालकनी से छलांग लगा दी। इस दौरान कई छात्र चोटिल भी हुए। पीड़ित छात्र के मुताबिक इन लोगों ने गैस के एक सिलिंडर से उसके कमरे का दरावाज़ा तोड़कर कमरे को बहुत नुकसान पहुंचाया, डरे हुए इन छात्रों ने अपने अन्य छात्रों के साथ पूरी रात बाहर ही काटी। इस छात्र ने हमें ये भी बताया कि इस भीड़ में कैंपस के भी कुछ छात्र मौजूद थे जो उन्हें किस कमरे में कौन रहता है इसकी जानकारी दे रहे थे।
हमले के पीछे ABVP की साजिश!
हमनें वहां मौजूद छात्र-छात्राओं से भी बात की जिनमें से ज्यादातर का यही कहना था कि ABVP के कुछ छात्र उस भीड़ में शामिल थे जिन्होंने हॉस्टल में घुसकर मारपीट की। उन्होंने ABVP के कमरों को नुकसान नहीं पहुंचाया। (कुछ छात्र डरे हुए थे उन्होंने अपना नाम बताने से इनकार किया इसलिए हमनें उनका केवल ऑडियो ही इस लेख में डाला है)
लेफ्ट ने पूरी तरह प्लान किया था ये हमला!
जहां एक तरफ ABVP पर हमला करवाने का आरोप लग रहा है तो वहीं ABVP ने इस पूरी घटना के लिए लेफ्ट को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि पिटने वाले छात्रों में ABVP के भी छात्र शामिल हैं। उनका आरोप ये भी है कि JNUSU की अध्यक्ष आयशी घोष ने खुद ही अपने आप को चोटिल किया है।
दोनों ही तरफ के छात्रों ने जो बयान दिए उसमें पुलिस को भी कटघरे में खड़ा किया गया है। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने सब देखते हुए भी कोई कदम नहीं उठाया। छात्र उनके पास मदद के लिए गए भी तो उन्हें ये कहकर लौटा दिया गया कि ये आप लोगों के आपस का मामला है। हालांकि ये हमला किसके कहने पर किया गया इसका फैसला जांच के बाद ही हो पाएगा लेकिन इस प्रकरण पर कुछ सवाल हैं जो लेफ्ट, ABVP दोनों से पूछे जाने जरूरी हैं:
ABVP से सवाल:
1) मारपीट की जगह पर आपके सदस्यों की तस्वीरें दिख रहीं हैं, तस्वीरें झूठी हैं या फिर आपके नेता वहां पर थे?
2) आपके ऊपर बाहर से लोगों को बुलाने का आरोप लगाया जा रहा है, क्या यह सच नहीं है कि पुलिस के सामने आपका समर्थन करने वाले लोग लाठियां भांजते हुए देखे गए हैं?
3) क्या यह सही है कि आप लोगों ने व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से संगठित तरीके से इस पूरे मामले को अंजाम दिया है?
4) क्या आपको पुलिस का संरक्षण प्राप्त नहीं है?
5) अगर बाहर के लोग जेएनयू में आए तो भागने या मारपीट की बजाय आपने उनमे से कुछ लोगों को पकड़ने की कोशिश क्यों नहीं की?
6) जेएनयू प्रशासन के रोल पर आप क्या कहना चाहेंगे?
लेफ्ट से सवाल:
1) क्या यह सच है कि आपने इंटरनेट कनेक्शन बंद किया है?
2) JNUSU की अध्यक्षा का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमे वह दंगाइयों के साथ जाते हुए और बात करते हुए दिख रहीं हैं अगर दंगाई लेफ्ट विंग के छात्रों को मारने गए थे तो उन्होंने जेएनयूएसयू की अध्यक्षा को कोई नुकसान क्यों नहीं पहुँचाया और वो उन्हें इशारे करते हुए क्यों दिख रहीं हैं?
3) एक वायरल वीडियो में जेएनयू की लेफ्ट विंग से संबंध रखने वाली कुछ मास्क लगाए हुए छात्राओं को जेएनयू प्रशासन द्वारा एक कमरे में बैठा दिखाया जा रहा है, वो छात्राएं कौन हैं, उन्होंने मास्क क्यों लगाया है, वो विश्विद्यालय प्रशासन के सवालों का जवाब क्यों नहीं दे रहीं हैं?
4) साम्भवी झा को दंगे में शामिल होना बताया गया है जबकि वो दंगे के दौरान वहां मौजूद नहीं पाई गई, इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
5) क्या यह सच है कि कालेज का एक धड़ा रजिस्ट्रेशन शुरू करना चाहता था और एक धड़ा उसके विरोध में था इसके चलते मारपीट की शुरुआत हुई?
6) क्या यह सच है कि आपका समर्थन करने वाले कुछ लोग व्हाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से संगठित होकर इस हिंसा को अंजाम दिया गया, कई फेक ग्रुप्स के भी स्क्रीनशॉट्स शेयर किये गए, इस पर आपका क्या कहना है?
7) अगर बाहर के लोग जेएनयू में आए तो भागने या मारपीट की बजाय आपने उनमे से कुछ लोगों को पकड़ने की कोशिश क्यों नहीं की?
JNU से जुड़ी तमाम गतिविधियों पर Newschecker की नज़र है। यदि आपको इस मामले से जुड़े कोई भी वीडियो या जानकारी मिलती है तो हमारे साथ साझा करें:
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