Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
India Today, ABP News, Times of India, Times Now, News18 और Zee News समेत तमाम मीडिया संस्थानों तथा सोशल मीडिया यूजर्स ने यह दावा किया कि अब भारत के मदरसों में गीता और रामायण जैसे हिन्दू महाकाव्य भी पढ़ाये जायेंगे.
India Today द्वारा प्रकाशित लेख: https://archive.vn/zECoK
ABP News द्वारा प्रकाशित लेख: https://archive.vn/Z1SKr
Times Of India द्वारा प्रकाशित लेख: https://archive.vn/f7Ws6
Times Now द्वारा प्रकाशित लेख: https://archive.vn/q0BeQ
Zee News द्वारा प्रकाशित लेख: https://archive.vn/cxOSL
News18 द्वारा प्रकाशित लेख: https://archive.vn/UvQCC
वर्तमान में केंद्र की सत्ता एनडीए (भारतीय जनता पार्टी तथा घटक दल) के पास है। जो वैचारिक तौर पर दक्षिणपंथी विचारधारा से संबंध रखने वाले दल हैं. पूर्व में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित कई कानूनों को धर्म से जोड़कर देखा गया. नागरिकता संसोधन कानून को लेकर सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच चला लंबा गतिरोध भी लंबे समय तक सुर्ख़ियों में बना हुआ था. असम, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, केरल और तमिलनाडु में आगामी कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में इस चुनावी सीजन में केंद्र सरकार यदि कोई कानून पारित करती है तो विपक्षी दलों द्वारा उसका अलग-अलग मतलब निकालना स्वाभाविक है. कुछ ऐसा ही वाकया केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए एक निर्णय के साथ भी हुआ. दरअसल केंद्र सरकार ने हाल ही में यह फैसला लिया था कि NIOS (National Institute of Open Schools) द्वारा मान्यता प्राप्त मदरसों में अब गीता और रामायण जैसे हिन्दू महाकाव्यों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा. बता दें कि वर्तमान भारतीय शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत स्थापित पाठ्यक्रमों में मुख्यतः दो तरह के विषय प्रचलन में हैं। जिनमें से एक को अनिवार्य तथा दूसरे को वैकल्पिक विषय के रूप में जाना जाता है.
Fact Check/Verification
NIOS द्वारा मान्यता प्राप्त मदरसों में गीता और रामायण पढ़ाये जाने से संबंधित, इस वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च किया। जहां हमें यह जानकारी मिली कि कई अन्य मीडिया संस्थानों ने भी वायरल लेख से मिलते-जुलते लेख प्रकाशित किये हैं.
इसके बाद हमने NIOS द्वारा मान्यता प्राप्त मदरसों में गीता और रामायण पढ़ाये जाने से संबंधित इस वायरल दावे के बारे में अधिक जानकारी के लिए Twitter Advanced Search फीचर का इस्तेमाल किया. इस प्रक्रिया में हमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा संचालित Press Information Bureau Fact Check (PIB Fact Check) द्वारा किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। जहाँ यह जानकारी दी गई है कि सरकार ने गीता, रामायण समेत अन्य वैदिक विषयों के अध्ययन को मदरसों में अनिवार्य रूप से लागू नहीं किया है। यह मदरसे के छात्रों की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वे इन विषयों का अध्ययन करना चाहते हैं या नहीं. गौरतलब है कि PIB Fact Check द्वारा शेयर की गई इस जानकारी में इस विषय पर Times of India द्वारा प्रकाशित लेख को भ्रामक बताया गया है.
बता दें PIB Fact Check ने अपने ट्वीट के साथ ‘एनआईओएस पर स्पष्टीकरण’ शीर्षक के साथ प्रकाशित एक प्रेस सूचना पत्र भी शेयर किया है. जिसमे यह जानकारी दी गई है कि NIOS द्वारा उपलब्ध कराए गए विषयों में से विषय संयोजन का चयन करना छात्र के विवेक पर निर्भर है. उक्त स्पष्टीकरण को English में भी पढ़ा जा सकता है.
इसके बाद NIOS द्वारा मान्यता प्राप्त मदरसों में गीता और रामायण पढ़ाये जाने के संबंध में अधिक जानकारी के लिए NIOS की आधिकारिक वेबसाइट पर हालिया दिनों में प्रकाशित नोटिस और आदेशों को भी खंगाला। लेकिन हमें उक्त विषय पर कोई भी ठोस जानकारी प्राप्त नहीं हुई.
इसके बाद हमें PIB in Odisha द्वारा वायरल खबर के खंडन के लिए शेयर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। जिसमें इन विषयों को ऐच्छिक या Optional बताया गया है.
All India Radio News ने भी एक ट्वीट में इस खबर का खंडन किया है.
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि भारत के मदरसों में गीता और रामायण जैसे हिन्दू महाकाव्य पढ़ाये जाने से संबंधित यह खबर भ्रामक है। ये विषय वैकल्पिक विषय (Optional Subject) के तौर पर पाठ्यक्रम में शामिल किये गए हैं। जिन्हें पढ़ने के लिए मदरसों के छात्र बाध्य नहीं हैं.
Result: Misleading
Sources
PIB Fact Check
AIR News
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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.