Authors
An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.
‘सरकारी विद्यालय की शिक्षिकाओं ने बिहार को बदनाम करने वाले दो पत्रकारों को धो डाला.’ सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसके साथ कुछ ऐसा ही दावा किया गया है. वायरल वीडियो किसी स्कूल का है, जहां माइक लिए दो पत्रकारों और शिक्षिकाओं के बीच बहस होती दिख रही है. पत्रकार, टीचर की काबिलियत जानने के लिए उनसे सवाल कर रहा है, लेकिन टीचर उल्टा उन्हीं से सामान्य ज्ञान के सवाल करने लगती हैं। ऐसा करते हुए टीचर पत्रकारों को आड़े हाथ ले रही है कि उन्हें किसी की काबिलियत जानने का अधिकार किसने दिया.
दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो बिहार के एक सरकारी विद्यालय का है, जहां शिक्षिका ने राज्य को बदनाम कर रहे पत्रकारों को सबक सिखा दिया. फेसबुक और ट्विटर पर इस दावे के साथ वीडियो को सैकड़ों लोग शेयर कर चुके हैं.
Fact Check/Verification
कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन Final Post नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला. इस चैनल पर यह वीडियो 21 सितंबर 2022 को अपलोड किया गया था. लंबे वर्जन में वायरल वीडियो को शुरुआत में देखा जा सकता है. लेकिन इसके बाद ‘फाइनल पोस्ट’ के एडिटर इन चीफ शशि शेखर आते हैं और बताते हैं कि वीडियो में पत्रकार और टीचर एक्टिंग कर रहे थे. वीडियो पटकथा पर आधारित है.
इसके बाद शशि बताते हैं कि टीआरपी के लिए टीवी चैनलों के पत्रकार बिहार के शिक्षकों को बदनाम करते हैं. उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश करते हैं. अपने इस वीडियो के जरिए शशि यह बताने कि कोशिश कर रहे हैं कि बिहार में शिक्षकों की हालत इतनी भी खराब नहीं है जितनी टीवी चैनलों पर दिखाई जाती है.
वीडियो में शशि, स्कूल के टीचरों से बातचीत करते हुए बता रहे हैं कि बिहार के स्कूलों में भी पढ़े-लिखे टीचर हैं. लेकिन पत्रकार गलत ढंग से उन्हीं टीचरों का टेस्ट लेने लगते हैं. इससे देशभर में बिहार के टीचर का नाम खराब होता है.
वीडियो को लेकर Newschecker ने शशि शेखर से भी संपर्क किया. उन्होंने भी हमें इस बात की पुष्टि कर दी कि वायरल वीडियो एक ड्रामा है. पूरे वीडियो का एक छोटा सा हिस्सा वायरल किया जा रहा है, जिससे भ्रम फैल रहा है. शशि के अनुसार, उन्होंने यह वीडियो पूर्वी चंपारण के मोतिहारी ब्लॉक स्थित एक सरकारी स्कूल में शूट किया था. इस वीडियो के लिए स्कूल के स्टाफ ने भी उनका साथ दिया, जिन्हें वायरल वीडियो में देखा जा सकता है. साथ ही, शशि ने बताया कि वीडियो में नजर आ रहे पत्रकार पेशे से पत्रकार ही हैं और उनके साथी हैं.
Conclusion
हमारी जांच में यह स्पष्ट हो जाता है कि वायरल वीडियो अधूरा और स्क्रिप्टड है. इस वीडियो को बिहार के शिक्षकों को लेकर एक संदेश देने के लिए बनाया गया था.
Result: Missing Context
Our Sources
YouTube of Final Post, uploaded on September 21, 2022
Quote of Editor-in-Chief of Final Post
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
Authors
An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.