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जेपी नड्डा ने मदुरई एम्स को लेकर किए गलत दावे, सरकारी आकड़ों से पता चलती है असलियत

ये खबर पहले Newschecker English में प्रकाशित हो चुकी है.

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के एम्स मदुरई के 95 प्रतिशत काम पूरा हो जाने वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम मीम्स वायरल हो रहे हैं. इसकी शुरुआत तब हुई जब तमिलनाडु बीजेपी के सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट शेयर कर यही दावा किया गया.

तमिलनाडु बीजेपी ने तमिल में एक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर किया, जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है, “मदुरई एम्स का निर्माण कार्य 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है. एम्स मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की सीटों को भी 100 से बढ़ाकर 250 कर दिया गया है. निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद प्रधानमंत्री एम्स का उद्घाटन करेंगें – जेपी नड्डा.”

 एम्स मदुरई
Courtesy: Twitter@BJP4TamilNadu

बीजेपी राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने भी इसको लेकर एक ट्वीट किया. इस दावे के वायरल हो जाने के बाद कई लोगों ने बीजेपी की खिंचाई करते हुए कमेंट किया कि एम्स मदुरई का निर्माण कार्य अभी शुरू ही नहीं हुआ है.

मदुरई सांसद एस वेंकटेशन (CPIM) और विरुधुनगर सांसद मनिकम टैगोर (कांग्रेस) मदुरई में एम्स वाली साइट पर भी पहुंच गए. दोनों ने खाली जमीन की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए जेपी नड्डा पर कटाक्ष किया.

कुछ देर बाद तमिलनाडु बीजेपी ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया और फिर “सन टीवी” की एक वीडियो रिपोर्ट शेयर की. रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि मदुरई एम्स का प्री इन्वेस्टमेंट कार्य 95% पूरा हो चुका है.

न्यूज़चेकर ने इस रिपोर्ट में जेपी नड्डा के एम्स मदुरई को लेकर किए गए दो दावों का फैक्ट चेक किया है.

पहला दावा -एम्स मदुरई के लिए 1225 करोड़ खर्च किए गए

जेपी नड्डा ने यह दावा तमिलनाडु की कराइकुडी में 22 सितंबर को बीजेपी‌ की एक जनसभा में किया था. जनसभा में दिए गए जेपी नड्डा के भाषण का वीडियो यूट्यूब पर देखा जा सकता है. यह भाषण जेपी नड्डा ने अंग्रेजी में दिया था, जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह से है, ‌

“प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम तमिलनाडु को मदुरई में एक एम्स देने में सक्षम हो पाए. मुझे याद है उस समय पॉन राधाकृष्णन जी मंत्री थे. वह मेरे पास आते थे और कहते थे कि हमें एम्स चाहिए, हमें एम्स चाहिए. और आज मुझे आपके साथ यह बात साझा करते हुए खुशी हो रही है कि 750 बिस्तर वाले एम्स के लिए 1225 करोड़ खर्च हो चुके हैं जिसमें 250 आईसीयू हैं. और आपको यह जानकर भी खुशी होगी कि मदुरई एम्स के लिए 164 करोड़ रुपए का अतिरिक्त फंड दिया गया है”

जांच की शुरुआत करते हुए हमने इस बात का पता लगाया कि इस प्रोजेक्ट लिए कितने रुपए आवंटित हुए थे और कितने खर्च हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट से पता चलता है कि इस प्रोजेक्ट की शुरुआती आवंटित राशि 1264 करोड़ थी.

 एम्स मदुरई
Written response by MoS Health Dr Bharti Pawar on the status of AIIMS Madurai

लेकिन, कुछ खबरों के अनुसार, दिसंबर 2020 में इस आवंटित राशि में संशोधन कर इसे लगभग 2000(1997.8) करोड़ रुपए कर दिया गया था. केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ भारती पवार ने बताया था कि यह संशोधन संक्रामक रोगों के लिए अलग से 150 बिस्तर जोड़े जाने की वजह से किया गया था.

2021‌‌ में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने डीएमके सांसद दयानिधि मारन को एम्स मदुरई प्रोजेक्ट को लेकर लोकसभा में एक जवाब भी दिया था. इस जवाब में एम्स प्रोजेक्ट के लिए जारी किए गए फंड का विवरण था. विवरण में यह बात गौर करने वाली है कि इसमें स्वीकृत राशि 1264 करोड रुपए बताई गई है, जबकि इसे 2020 में बढ़ाकर 1997.8 करोड़ कर दिया गया था.

 एम्स मदुरई
MoH response to the question by DMK MP Dayanidhi Maran in Lok Sabha in December 2021

इस विवरण के अनुसार, 10 दिसंबर 2021 तक जारी की गई राशि 12.32 करोड़ थी, जिसमें से 11.99 करोड़ प्रोजेक्ट के प्री इन्वेस्टमेंट काम के लिए खर्च किया गया था. पिछले महीने ही संसद के मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ भारती पवार ने लिखित जवाब में बताया था कि एम्स मदुरई के लिए अभी तक 12.35 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं.

 एम्स मदुरई

Conclusion

इस तरह निष्कर्ष निकलता है कि जेपी नड्डा का यह दावा गलत है कि एम्स मदुरई के लिए 1225 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. सरकार का लेटेस्ट डाटा ही यह बताता है कि प्रोजेक्ट के लिए अभी तक सिर्फ 12.35 करोड़ ही जारी किए गए हैं.

Result: False

दूसरा दावा – एम्स मदुरई का 95% काम पूरा हो चुका है.

यह दावा जेपी नड्डा ने 22 सितंबर को मदुरई में किया था. नीचे वीडियो में जेपी नड्डा का यह दावा 10.55 मिनट के बाद सुना जा सकता है.

जांच के दौरान हमें अगस्त 2022 में द प्रिंट में छपा एक आर्टिकल मिला. खबर में बताया गया है कि मदुरई में जहां एम्स का कैंपस बनने वाला है वो जगह‌ तीन साल बाद भी खाली पड़ी हुई है. एम्स मदुरई के पहले बैच के बच्चे एक सरकारी कॉलेज में ट्रेनिंग ले रहे हैं. प्रधानमंत्री ने इसका शिलान्यास 2019 में किया था. खबर‌ के अनुसार, शुरुआत में इस कैंपस के निर्माण कार्य के लिए निर्धारित समय 45 महीने था. लेकिन करोना महामारी की वजह से इस काम में देरी हो गई और अब यह तारीख अक्टूबर 2026 तक खिच गई है.

इसके साथ ही, सांसद एस वेंकटेशन और मनिकम टैगोर द्वारा साझा की गई तस्वीरों से भी पता चलता है कि प्लॉट पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है. मदुरई के एक पत्रकार एस सुंदर ने भी इस बात की पुष्टि की है कि दोनों नेताओं ने जो तस्वीरें ट्विटर पर पोस्ट की हैं वो एम्स मदुरई वाली साइट की ही हैं. गूगल मैप्स पर भी यह नजर आता है कि इस साइट पर अभी कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है.

 एम्स मदुरई

The Hindu की एक खबर के मुताबिक, राज्यमंत्री भारती पवार ने भी सांसद एस वेंकेटेशन को दिए गए एक जवाब में यही बताया था कि संस्था‌ अक्टूबर 2026 (अनुमानित तारीख) में कार्यशील हो जाएगी. मंत्री पवार ने कहा था कि साइट का प्री इन्वेस्टमेंट कार्य 92% पूरा हो चुका है, जिसमें इसकी बाउंड्री वॉल का निर्माण शामिल है. पवार ने यही जानकारी 22 जुलाई 2022 को लोकसभा में दिए एक लिखित जवाब में भी दी थी.

 एम्स मदुरई

Conclusion

हमारी जांच में जेपी नड्डा का ये दावा भी गलत निकलता है. एम्स मदुरई का निर्माण कार्य अभी शुरू ही नहीं हुआ है.

Result: False

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