सोमवार, नवम्बर 25, 2024
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Fact Check: क्या 2000 रुपये से अधिक UPI भुगतान पर 1 अप्रैल से लोगों को देना होगा 1.1 फीसदी शुल्क? यहां पढ़ें वायरल दावे का सच

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An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

Claim
एक अप्रैल से आम जनता को 2000 से अधिक यूपीआई पेमेंट करने पर 1.1 फीसदी का चार्ज देना होगा।

Fact
यह दावा भ्रामक है। यूपीआई ट्रांजैक्शन पर आम जनता को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा कि 1 अप्रैल से आम लोगों को 2000 से अधिक यूपीआई पेमेंट करने पर 1.1 फीसदी का चार्ज देना होगा। कहा जा रहा कि ‘गूगल पे’, ‘पेटीएम’ जैसे डिजिटल माध्यमों की मदद से दो हजार से अधिक का UPI पेमेंट करने पर अब शुल्क देना पड़ सकता है। 

‘डीएनए इंडिया’, वन इंडिया समेत कई मीडिया संस्थानों ने रिपोर्ट प्रकाशित कर दावा किया कि एक अप्रैल से यूपीआई ट्रांजैक्शन करने पर सरचार्ज देना होगा।

Courtesy : DNAIndia
Courtesy: OneIndia Hindi

(आर्काइव लिंक)

इसके अलावा, कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भी वायरल दावे को शेयर किया है।

Courtesy: Twitter@imayanktiwari

(आर्काइव लिंक)

इसके अलावा हमें यह दावा न्यूजचेकर की व्हाट्सऐप्प टिपलाइन पर भी प्राप्त हुआ।

Courtesy: Newschecker Tipline

आज के दौर में आम लोगों के लिए यूनीफ़ाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (यूपीआई) भुगतान करने का एक सरल साधन बन चुका है। इसके तहत किसी भी व्यक्ति को पैसे ट्रांसफ़र करने की सुविधा मिलती। इसके लिए आपको उस व्यक्ति का फोन नंबर पता होना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में यूपीआई ट्रांजैक्शन में 50 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है और अब यह आंकड़ा 36 करोड़ प्रतिदिन को पार कर चुका है।

बढ़ते यूपीआई ट्रांजैक्शन के बीच अब एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि आम लोगों को 2000 से अधिक यूपीआई पेमेंट करने पर 1.1 फीसदी का चार्ज देना होगा। 

Fact Check/Verification

क्या यूपीआई ट्रांजैक्शन करने पर इसका चार्ज देना होगा?

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के अनुसार, आम जनता को यूपीआई ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज नहीं देना होगा। एनपीसीआई ने 29 मार्च को एक ट्वीट किया है, जिसमें उसके द्वारा जारी किया गया सर्कुलर मौजूद है। इसमें बताया गया है कि बैंक अकाउंट और पीपीआई के बीच पीयर-टू-पीयर और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट में किसी तरह के ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।

इसके अलावा, Paytm ने भी 29 मार्च को ट्वीट के माध्यम से आम उपभोक्ताओंं द्वारा शुल्क दिए जाने की बात का खंडन किया है। पेटीएम ने अपने ट्वीट में लिखा है,” किसी भी ग्राहक को बैंक खाते या पीपीआई/पेटीएम वॉलेट से यूपीआई से भुगतान करने पर कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा। कृपया गलत सूचना ना फैलाएं।”


इसका मतलब है कि अगर आपको किसी व्यक्ति या किसी दुकानदार को 2500 रुपये का भुगतान करना है। इसे करते वक्त आपने पेमेंट का विकल्प, बैंक अकाउंट चुना है तो कोई चार्ज नहीं लगेगा। 

बता दें, पीपीआई (प्रीपेड पेड इंस्ट्रूमेंट) एक तरह का डिजिटल वॉलेट है, जो उपभोक्ताओं को अपने पैसे स्टोर करने की सुविधा देता है। ‘पेटीएम’ और ‘फोन पे’ जैसी कंपनियां पीपीआई का विकल्प उपलब्ध कराती हैं।  

इसके अलावा हमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले PIB (प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो) द्वारा संचालित PIB Fact Check का 29 मार्च को शेयर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। इस ट्वीट में भी वायरल दावे का खंडन किया गया है।

क्या वॉलेट ट्रांजैक्शन करने से आम जनता को चार्ज देना होगा ?

एनपीसीआई के सर्कुलर के अनुसार, आम जनता को वॉलेट ट्रांजैक्शन करने पर भी कोई चार्ज नहीं देना होगा। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि आप किसी पेट्रोल पंप पर गए। वहां आपके पेमेंट को स्वीकार करने के लिए एसबीआई बैंक द्वारा स्थापित किया गया एक क्यूआर कोड लगा है। आपने 3000 रुपये का पेट्रोल डलवाया। पेट्रोल पंप पर आपने क्यूऑर कोड को स्कैन करते हुए अपने पेटीएम वॉलेट से भुगतान किया। इस स्थिति में एसबीआई को इंटरचेंज फीस के रूप में 3000 रुपये का 0.5% ‘पेटीएम’ को भुगतान करना होगा। आपको अपने वॉलेट से केवल 3000 रुपये का ही भुगतान करना होगा। 

यह दुकानदार जिसके स्कैनर पर आपने पेमेंट किया है उसके और उसके बैंक के बीच का मामला है। इसमें आपकी जेब से कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं लगेगा। 

एसबीआई यानी कि जिसे हम भुगतान कर रहे हैं, उसे पेटीएम को जो चार्ज देना पड़ेगा वह इंटरचेंज फीस कहलाता है। 

इंटरचेंज फीस क्या है और कितना देना होगा ?

इंटरचेंज फीस भुगतान सेवा प्रदाताओं (जैसे बैंकों) द्वारा अन्य भुगतान प्लेटफार्मों (‘पेटीएम’ या ‘अमेज़ॅन पे’) को (दूसरे) भुगतान सेवा प्रदाता द्वारा प्रदान की गई बुनियादी सुविधाओं का उपयोग करने के लिए भुगतान किया जाता है।

NPCI के सर्कुलर के मुताबिक, मर्चेंट PPI लेनदेन के लिए इंटरचेंज की दर 0.5% से लेकर 1.1% तक निर्धारित की गई है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस चीज़ के लिए यूपीआई वॉलेट से भुगतान कर रहे हैं। वहीं ईंधन, शिक्षा, कृषि जैसी कैटगरी के लिए इंटरचेंज फीस 0.5-0.7 प्रतिशत है, जबकि खाद्य दुकानों, विशेष खुदरा दुकानों के लिए यह शुल्क अधिकतम 1.1 फीसदी है। 

इससे किसको फायदा होगा ?

यूपीआई यूजर्स के पास पेमेंट करने के तरीके में अधिक लचीलापन आने की संभावाना है। CNBC TV18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूजर किसी दुकान पर अपने पेटीएम वॉलेट से भुगतान करने के लिए अन्य माध्यमों जैसे फोनपे क्यूआर कोड को स्कैन करके बिना किसी अतिरिक्त लागत के भुगतान कर सकते हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर मर्चेंट के नजरिए से देखा जाए तो ये सभी यूपीआई लेनदेन को एक छतरी के नीचे लाएगा। यह व्यापारियों को ग्राहकों द्वारा इस्तेमाल लाए जाने वाले अलग-अलग वॉलेट पेमेंट को स्वीकार करने की अनुमति देगा। 

यह भी पढ़ें: क्या अब UPI के माध्यम से हुए ट्रांजैक्शन पर लगेगा शुल्क? यहां जानें वायरल दावे का पूरा सच

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि 1 अप्रैल से आम लोगों को 2000 से अधिक यूपीआई पेमेंट करने पर 1.1 फीसदी का चार्ज नहीं देना पड़ेगा। भ्रामक दावा शेयर किया जा रहा है। यूपीआई ट्रांजैक्शन पर आम जनता को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।

Result: Missing Context

Our Sources

Tweet by NPCI on March 29, 2023

Tweet by Paytm Payments Bank on March 29, 2023

Tweet by PIB on March 29, 2023

Report Published by CNBC TV18 on March 29, 2023

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An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

Shubham Singh
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

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