Authors
Claim
बेरिकेड्स तोड़ते हुए लगातार दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों की वीडियो।
Fact
यह दावा फ़र्ज़ी है। यह वीडियो 3 फरवरी को ब्लॉगर भाना सिद्धू की रिहाई की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन का है।
किसानों ने 12 मुख्य मांगों को लेकर 13 फरवरी 2024 को पंजाब से दिल्ली के लिए कूच करने का ऐलान किया है। किसानों की सबसे बड़ी मांग यह है कि सरकार सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी ) की गारंटी का कानून बनाये। एक तरफ किसान अमृतसर दिल्ली-नेशनल हाईवे के रास्ते हरियाणा में घुसने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं अंबाला में शभुं बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।
इसी बीच सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से जोड़कर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि ट्रैक्टर्स का एक झुंड पंजाब पुलिस के बेरिकेट्स तोड़ता हुआ निकल जाता है। ट्रैक्टर्स पर कई झंडे लगे हुए हैं। ट्रैक्टर पर सवार लोग ‘जो बोले सो निहाल’ के नारे लगाते सुनाई दे रहे हैं।
एक वेरीफाईड एक्स यूजर द्वारा शेयर किये गए इस वीडियो के साथ कैप्शन में दावा किया गया है कि बेरिकेड्स तोड़ते हुए किसान लगातार दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। पोस्ट में लिखा गया है कि यह बेरिकेड्स किसानों का रास्ता नहीं रोक सकते। पोस्ट के साथ Farmers Protest, Farmers Protest 2024 और किसान मज़दूर मोर्चा जैसे हैशटैग लगाए गए हैं।
Fact Check/ verification
इस वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें 4 फरवरी 2024 को एक इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया गया वीडियो मिला, जिसमें वायरल हो रहा वीडियो मौजूद है। इससे इतना तो स्पष्ट हो गया कि यह करीब एक सप्ताह पुराना वीडियो है। पड़ताल के दौरान हमें 3 फरवरी 2024 को Gemm TV नामक फेसबुक अकाउंट द्वारा शेयर किया गया एक वीडियो मिला। इसमें भी वायरल वीडियो मौजूद है। पंजाबी भाषा में लिखे गए पोस्ट कैप्शन में बताया गया है कि यह भाना सिद्धू के किसान और युवा समर्थकों द्वारा ट्रैक्टर से बैरिकेड हटाकर आगे बढ़ने का वीडियो है।
प्राप्त वीडियो और वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि दोनों वीडियो एक ही घटनास्थल पर दो अलग-अलग एंगल से शूट किये गए हैं। मिलान करने पर ट्रैक्टर, उसपर बैठे लोग, उनकी भाव भंगिमाएं, कपड़ों के रंग सब एक जैसे नजर आते हैं। वीडियो में सुनाई दे रही आवाजें भी एक जैसी हैं।
3 फरवरी को बीबीसी पंजाबी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में भी इस विरोध रैली की तस्वीर देखने को मिलती हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 3 फरवरी को भाना सिद्धू के पक्ष में किसान और युवा समर्थक भगवंत मान की कोठी घेरने के लिए इकठ्ठा हुए थे।’
कौन है भाना सिद्धू और क्या है मामला?
‘द प्रिंट’ की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 30 वर्षीय भाना सिद्धू सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं। बलवंत सिंह उर्फ भाना सिद्धू पर मोहाली स्थित एक इमिग्रेशन कंपनी के मालिक किंदरबीर सिंह बिदेशा से जबरन वसूली और डराने-धमकाने के आरोप लगे थे, जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर 29 जनवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस हिरासत में आने के बाद सिद्धू के हजारों समर्थकों ने गिरफ्तारी के विरोध में बरनाला में उनके पैतृक गांव कोटदुना में एकत्र होकर 3 फरवरी को संगरूर में एक विरोध रैली आयोजित करने की घोषणा की थी।
ट्रिब्यून में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 3 फरवरी को भाना सिद्धू की रिहाई की मांग को लेकर सीएम भगवंत मान के आवास के पास विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद, व्लॉगर भाना सिद्धू के हजारों समर्थकों ने बठिंडा-संगरूर-पटियाला राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और संगरूर में मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास से करीब एक किलोमीटर दूर पहुंचकर धरना दिया।
अमर उजाला में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 12 फरवरी को मोहाली की अदालत से व्लॉगर भाना सिद्धू को जमानत मिल गई है।
Conclusion
अपनी जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि यह वीडियो बेरिकेड्स तोड़कर किसानों के दिल्ली की ओर बढ़ने का नहीं, बल्कि 3 फरवरी को व्लॉगर भाना सिद्धू की रिहाई की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन का है।
Result: False
Sources
Report published by BBC Punjabi on 3rd and 4th February 2024.
Report published by Tribune on 3rd February 2024.
Post by Facebook page Gemm TV on 3rd feb 2024.
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