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बहराइच हिंसा: क्या राम गोपाल मिश्रा के हत्यारोपियों के घरों पर चला बुलडोजर? नहीं, वीडियो हालिया हिंसा से पहले का है

Authors

Vasudha noticed the growing problem of mis/disinformation online after studying New Media at ACJ in Chennai and became interested in separating facts from fiction. She is interested in learning how global issues affect individuals on a micro level. Before joining Newschecker’s English team, she was working with Latestly.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
बहराइच में राम गोपाल मिश्रा की हत्या के आरोपियों के घरों पर चला बुलडोजर।
Fact
वीडियो बहराइच हिंसा से पहले का है। बहराइच पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वीडियो पिछले महीने चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान का है।

उत्तर प्रदेश के बहराइच में बीते 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में एक युवक की जान चली गई थी। महाराजगंज कस्बे में प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान डीजे बजाने और झंडा लगाने को लेकर दो पक्षों में हुई कहासुनी हिंसक झड़प में बदल गई। इस दौरान हुई फायरिंग में 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा की मौत हो गई। इस घटना के बाद से जिले में हालात तनावपूर्ण हो गए।

इसी हिंसा से जोड़कर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में मलबे का ढेर नजर आ रहा है, जो बुलडोजर द्वारा गिराई गई इमारतों का लग रहा है। यूजर्स ने दावा किया है कि यह घर उन लोगों का ही जिन्होंने राम गोपाल मिश्रा की हत्या की थी।

21 अक्टूबर 2024 के एक्स पोस्ट (आर्काइव) में एक मिनट के वीडियो को शेयर कर लिखा गया है, ‘योगी जी ने बदला ले लिया। गोपाल मिश्रा के कातिलों के घर टूट चुके हैं।’ पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “यह गाजा नहीं यह बहराइच है l अपने बाबा जी बेंजामिन नेतनयाहू से कम थोड़े ही है बताओ..”

ऐसे अन्य पोस्ट यहाँ, यहाँ और यहाँ देखें।

यह दावा हमें हमारे व्हाट्सएप टिप-लाइन (9999499044) पर भी मिला।

Whatsapp Tipline

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह प्रशासन द्वारा बहराइच में हिंसा से जुड़े 23 लोगों के मकानों पर ध्वस्तीकरण का नोटिस चस्पा किया था। जिनमें हिंसा मामले में आरोपी अब्दुल हमीद भी शामिल था। नोटिस में उन्हें कार्रवाई से बचने के लिए तीन दिनों के भीतर सरकारी भूमि पर बने अवैध निर्माण को हटाने का निर्देश दिया गया था।

पढ़ें: Fact Check: घरेलू नुस्खे से मिनटों में आँखों का उपचार बताती अंजना ओम कश्यप का यह वीडियो डीपफेक है

Fact Check/Verification

गूगल पर “बहराइच हिंसा” और “विध्वंस” कीवर्ड सर्च करने पर हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिलीं। रिपोर्ट्स में बताया गया था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोटिस का जवाब देने के लिए लोगों को 15 दिन का समय दिया है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को तय की है, जो दर्शाता है कि अभी तक बहराइच हिंसा में “बुलडोजर की कार्रवाई” नहीं हुई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है।

Screengrab from Times of India

इसके बाद हमने वायरल फुटेज के कीफ्रेम्स को गूगल लेंस पर सर्च किया। इस दौरान हमें 26 सितंबर, 2024 को @LavkushVishwakarma90 नामक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया वीडियो मिला। वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है “वजीरगंज बाजार जिला बहराइच।” इस वीडियो में वही फुटेज था जो हालिया हिंसा के बाद बहराइच में बुलडोजर की कार्रवाई का बताकर शेयर किया गया है।

Screengrab from YouTube video by @LavkushVishwakarma90

हमने यूट्यूब वीडियो में “@altaf.studio” का वॉटरमार्क देखा। इसे ऑनलाइन खोजने पर उसी यूजरनेम के साथ इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल मिली। प्रोफ़ाइल को खंगालने पर हमें 
26 सितंबर, 2024 को “वज़ीरगंज | अपना वज़ीरगंज | बहराइच” कैप्शन के साथ पोस्ट किया गया वायरल फुटेज मिला।

Screengrab from Instagram post by @altaf.studio

गूगल पर “वजीरगंज” और “बुलडोजर” कीवर्ड सर्च करने पर हमें अमर उजाला द्वारा 25 सितंबर, 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इसमें बताया गया है कि बहराइच जिले के फखरपुर ब्लॉक के अंतर्गत सराय जगना ग्राम पंचायत के वजीरगंज बाजार में कोर्ट के आदेश के बाद 23 मकान गिराए गए। इसमें यह भी बताया गया है कि खलिहान और सड़क के लिए चिह्नित किए गए इस क्षेत्र में प्लॉट नंबर 92, 211 और 212 की जमीन पर ग्रामीणों ने अतिक्रमण किया था।

Amar Ujala

हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में कैसरगंज के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आलोक कुमार का बयान मौजूद है। आलोक कुमार के अनुसार, “सराय जगना गांव में ग्राम पंचायत की जमीन पर 23 अवैध निर्माण पाए गए। अवैध रूप से अतिक्रमण की गई जगहों को खाली करने के लिए सभी कब्जाधारियों को नोटिस दिए गए… यह कार्रवाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के आदेश के अनुपालन में की जा रही है।” रिपोर्ट के अनुसार, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एक स्थानीय निवासी द्वारा दायर याचिका पर मई 2023 में यह आदेश पारित किया था।

जांच के दौरान हमें 19 अक्टूबर 2024 को बहराइच पुलिस द्वारा किया गया एक एक्स पोस्ट भी मिला, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि ये दृश्य अदालत के आदेश पर 25.09.24 को बहराइच जिले के फखरपुर क्षेत्र में चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान के हैं। बहराइच पुलिस ने लिखा है “प्रदर्शित विज़ुअल एक कोर्ट द्वारा आदेशित एंटी एंक्रोचमेंट ड्राइव के हैं जो कि जनपद बहराइच के फखरपुर क्षेत्र में दिनांक 25.09.24 को चली थी न कि विगत दिनों घटित महराजगंज की घटना का है । भ्रामक पोस्ट से सौहार्द और कानून व्यवस्था बिगाड़ने के विरुद्ध विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।”

Screengrab from X post by @bahraichpolice

पढ़ें: Fact Check: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनाया मुस्लिम धर्म? नहीं, तीन साल पुराना वीडियो फर्जी दावे से वायरल

Conclusion

जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि बुलडोजर चलाए जाने का यह वीडियो बहराइच का ही है, लेकिन हालिया हिंसा से संबंधित नहीं है।

Result: False

Sources
YouTube Video By @LavkushVishwakarma90, Dated September 26, 2024
Instagram Post By @altaf.studio, Dated September 26, 2024
X Post By @bahraichpolice, Dated October 19, 2024

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Vasudha noticed the growing problem of mis/disinformation online after studying New Media at ACJ in Chennai and became interested in separating facts from fiction. She is interested in learning how global issues affect individuals on a micro level. Before joining Newschecker’s English team, she was working with Latestly.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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