Authors
Claim
यह संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव आंबेडकर के असल भाषण का ऑडियो क्लिप है.
Fact
यह ऑडियो क्लिप फिल्म निर्देशक जब्बार पटेल द्वारा निर्देशित डॉ आंबेडकर नामक फिल्म का हिस्सा है.
सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसे शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि यह बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के असल भाषण का ऑडियो क्लिप है, जो उन्होंने लंदन में आयोजित दूसरे गोलमेज सम्मेलन में दिया था.
हालांकि हमने अपनी जांच में पाया कि यह ऑडियो फिल्म निर्देशक जब्बार पटेल द्वारा निर्देशित फिल्म डॉ आंबेडकर का है, जिसे साल 2000 में रिलीज किया गया था.
वायरल वीडियो में डॉ आंबेडकर कथित तौर पर भारत में ब्रिटिश शासन से पहले और शासन के दौरान दलित और वंचित समुदायों की स्थिति का ज़िक्र करते हुए नजर आ रहे हैं. इस दौरान वे मंदिरों में दलितों के प्रवेश पर रोक और नौकरियों में वंचित समुदाय को दरकिनार करने का भी जिक्र कर रहे हैं. इस ऑडियो को एक तस्वीर के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी और अन्य लोग नजर आ रहे हैं.
इस ऑडियो को X पर गोलमेज सम्मेलन में डॉ आंबेडकर के असल भाषण का बताकर शेयर किया गया है.
Fact Check/Verification
Newschecker ने सबसे पहले संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया, इस प्रक्रिया में हमें PARI की वेबसाइट पर प्रकाशित एक आर्टिकल मिला. लेख में डॉ आंबेडकर के भाषण वाले किताब का जिक्र करते हुए बताया गया है कि डॉ आंबेडकर ने लंदन में आयोजित पहले और दूसरे गोलमेज कांफ्रेस में भाषण दिया था.
1930-31 में हुए पहले गोलमेज सम्मेलन में उन्होंने अपने भाषण मे वंचितों के अधिकार और उनसे जुड़े मुद्दों का ज़िक्र किया था. वहीं दूसरे गोलमेज सम्मेल में उन्होंने अपने भाषण में वंचितों के अधिकारों के सवाल पर महात्मा गांधी से कई मुद्दों पर असहमति जताई थी.
इसके बाद हमने डॉ आंबेडकर के असल भाषण के टेक्स्ट को खंगालना शुरू किया तो हमें विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर डॉ आंबेडकर के भाषणों के संकलन का दूसरा संस्करण मिला. इस संस्करण में गोलमेज सम्मेलन में उनके द्वारा दिए गए भाषणों का पूरा टेक्स्ट मौजूद है.
इस संस्करण के पेजों 503-509 पर हमें पहले गोलमेज सम्मेलन में डॉ आंबेडकर द्वारा दिया गया भाषण मिला. इस भाषण को पढ़ने पर हमने पाया कि यह वायरल ऑडियो में मौजूद कंटेंट से थोड़ा बहुत मेल खाता है लेकिन हुबहू वैसा नहीं है.
उदाहरण के लिए, दोनों ही भाषणों में उनके साथ मौजूद राव बहादुर श्रीनिवासन का ज़िक्र है और वंचित समुदाय की संख्या बताई गई है. लेकिन असल भाषण के शुरुआती हिस्सों में मंदिरों में अछूतों के प्रवेश और नौकरियों में हिस्सेदारी ना होने का जिक्र नहीं है, जैसा कि वायरल ऑडियो में है.
हमारी अभी तक की जांच से यह तो स्पष्ट हो गया कि वायरल ऑडियो गोलमेज सम्मेलन में डॉ आंबेडकर द्वारा दिए गए असल भाषण का नहीं है.
इसके बाद हमने वायरल ऑडियो को खंगालना शुरू किया. इसके लिए हमने ऑडियो में बोले जा रहे शब्दों से जुड़े कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च करना शुरू किया तो हमें साल 2000 में फिल्म निर्देशक जब्बार पटेल द्वारा डॉ आंबेडकर पर बनाई गई फिल्म मिली.
करीब 3 घंटे लंबी इस फिल्म में 1 घंटे 35 मिनट के बाद हमें वायरल ऑडियो वाला हिस्सा मिला. इस हिस्से को देखने और सुनने पर हमने पाया कि फिल्म में दिखाया गया है कि 1930-31 में हुए पहले गोलमेज सम्मेलन में शामिल होने के लिए ब्रिटिश इंडिया के तत्कालीन वायसराय ने डॉ आंबेडकर को निमंत्रण दिया था.
आगे फिल्म में दिखाया गया है कि इस गोलमेज सम्मेलन का कांग्रेस ने बॉयकाट किया था, लेकिन इसके बावजूद डॉ आंबेडकर राव बहादुर श्रीनिवासन के साथ उसमे शामिल हुए और वंचितों की स्थिति और उनके अधिकारों से जुड़े मुद्दों को उठाते हुए यह भाषण दिया. जो वायरल ऑडियो में मौजूद है.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि वायरल ऑडियो गोलमेज सम्मेलन में डॉ आंबेडकर द्वारा दिए गए असल भाषण का नहीं है, बल्कि उनके ऊपर बनाए गए एक फिल्म का है.
Result: False
Our Sources
Speeches available in DR. BABASAHEB AMBEDKAR WRITINGS AND SPEECHES VOL. 2
YouTube video by Buddhist Youth Society account
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