सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल है जिसमें एक नेता एक बुज़ुर्ग के पैरों पर गिरकर वोट मांगते दिख रहा है. इसे बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर शेयर किया गया है. दावा है कि चुनाव आते ही नेताओं ने जनता के पैरों पर गिरकर वोट मांगना शुरू कर दिया है.
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि यह तस्वीर 2020 के मध्य प्रदेश के उपचुनाव की है, इसका बिहार से कोई संबंध नहीं है.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “देखिए इनको काम के समय घर बैठते हैं और चुनाव के समय पैर, बिहार चुनाव के नज़ारे, काम किया होता तो आज इतना लेटना न पड़ता.” पोस्ट का आर्काइव यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.

Fact Check/Verification
वायरल तस्वीर को Google Lens के ज़रिये सर्च करने पर, यह अक्टूबर 2020 के कई फ़ेसबुक पोस्ट्स में मिली, जिनमें इसे मध्य प्रदेश के भांडेर विधानसभा उपचुनाव के दौरान बीजेपी नेता संतराम सिरोनिया को अपनी पत्नी रक्षा सिरोनिया के लिए वोट मांगते हुए दिखाया गया है. स्पष्ट है कि इसका बिहार के मौजूदा चुनाव से कोई संबंध नहीं है.
बिहार में नेता जनता के पैरों पर गिरकर वोट मांग रहे हैं?
जांच के दौरान, हमें यही तस्वीर रक्षा संतराम सिरोनिया के 7 अक्टूबर 2020 के फ़ेसबुक पोस्ट में मिली, जिसमें बताया गया है कि संतराम सिरोनिया समेत अन्य बीजेपी नेता भांडेर विधानसभा के सालोन-बी गांव में जाकर चुनाव प्रचार कर रहे थे. इस पोस्ट में कई तस्वीरें साझा की गई थीं, जिनमें से एक वही तस्वीर है जो अभी बिहार चुनाव से जोड़कर वायरल हो रही है.
इसके बाद, हमने संतराम सिरोनिया से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि तस्वीर उन्हीं की है और यह भांडेर विधानसभा उपचुनाव 2020 के प्रचार के दौरान ली गई थी.
‘हम समवेत’ नामक वेबसाइट पर 14 अक्टूबर 2020 की एक रिपोर्ट में भी यह तस्वीर मौजूद है. रिपोर्ट में लिखा है क संतराम सिरोनिया अपनी पत्नी के लिए वोट मांगने के मकसद से गांव-गांव जाकर जनसंपर्क कर रहे थे. इस दौरान बीजेपी नेता किसी मतदाता के पैरों में साष्टांग दंडवत कर वोट मांगते नज़र आए.
बता दें कि भांडेर मध्य प्रदेश की उन 28 सीटों में से एक है जहां 2020 में उपचुनाव हुए थे. भांडेर उपचुनाव 2020 में बीजेपी उम्मीदवार रक्षा संतराम सिरोनिया की जीत हुई थी. हालांकि, 2023 के विधानसभा चुनाव में रक्षा सिरोनिया को टिकट नहीं मिला था.
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Conclusion
स्पष्ट है कि यह तस्वीर मध्य प्रदेश की पांच साल पुरानी है और इसे बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर भ्रामक रूप में शेयर किया जा रहा है.
Sources
Facebook Post by Raksha Santram Saroniya, Oct 7, 2020
Facebook Post by Indra Vikram Singh, Oct 7, 2020
Facebook Post by Dashrath Singh Yadav, Oct 9, 2020
Report by News18, Nov 10, 2020