Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
किसी बड़ी या सनसनीखेज घटना के बाद घटना से संबंधित व्यक्ति के नाम पर सोशल मीडिया अकाउंट्स की बाढ़ सी आ जाती है. पूर्व में भी हमने अपने कई लेखों के माध्यम से पाठकों को यह जानकारी दी थी कि किसान आंदोलन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के नाम पर 27 पैरोडी अकाउंट्स बनाये गए थे, जिनमें से अधिकांश ने राकेश टिकैत होने का दावा किया था. कुछ ऐसा ही वाकया हमें टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई दिशा रवि के साथ भी देखने को मिला। जब उनके गिरफ्तार होने के तुरंत बाद उनके नाम पर कई फेक अकाउंट बनाकर तमाम दावे किये जाने लगे.
हाल ही में ABP News के लिए रिपोर्टर के तौर पर कार्यरत रक्षित सिंह (Rakshit Singh) ने मेरठ में रालोद की महापंचायत के दौरान पूर्व सांसद और रालोद नेता जयंत चौधरी की मौजूदगी में चैनल से इस्तीफा दे दिया था. रक्षित (Rakshit Singh) ने महापंचायत के बीच अपनी बात रखते हुए किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफा दे दिया था. इस दौरान ने रक्षित ने रिपोर्टिंग की स्वतंत्रता को लेकर चैनल पर कुछ आरोप भी लगाये थे। जिसका चैनल ने खंडन भी किया था. रक्षित के इस्तीफे के बाद किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले यूजर्स रक्षित की सराहना करने लगे और देखते ही देखते रक्षित को लेकर हजारों की संख्या में ट्वीट्स और फेसबुक पोस्ट्स शेयर किये जाने लगे. इसी दौरान रक्षित के नाम पर बने एक अकाउंट द्वारा शेयर किये गए कई ट्वीट्स वायरल होने लगे. हालांकि बाद में रक्षित सिंह (Rakshit Singh) के नाम पर बने इस अकाउंट ने अपने ट्विटर बायो में यह स्पष्ट कर दिया कि यह रक्षित सिंह का पैरोडी हैंडल है। लेकिन बायो में स्पष्टीकरण आने के पहले पूर्व सांसद एवं रालोद नेता जयंत चौधरी (हालांकि इन्होने बाद में अपनी भूल सुधार ली थी), कांग्रेस नेता सन्नी मेहता, पत्रकार अभिशार शर्मा तथा मुन्तज़िर अब्बास ने पैरोडी हैंडल को असल हैंडल समझ बैठे थे.
जब उपरोक्त पैरोडी हैंडल के ट्वीट्स वायरल होने लगे तथा कई नामचीन हस्तियों ने भी उक्त प्रोफाइल को प्रमोट करना शुरू किया, तब रक्षित सिंह के असल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर यह जानकारी दी गई कि उक्त ट्विटर हैंडल उनके नाम पर चल रहा एक पैरोडी हैंडल है.
हम इस लेख के माध्यम से अपने पाठकों को यह बताना चाहते हैं कि सोशल मीडिया पर किसी मशहूर व्यक्ति के असत्यापित अकाउंट से किये गए ट्वीट को शेयर करने से पहले हमें उसकी जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए, क्योंकि जब भी सोशल मीडिया पर कोई खबर वायरल होती है तब उस खबर से संबंधित व्यक्ति के नाम पर कई अकाउंट्स बनाकर उनसे भड़काऊ और भ्रामक ट्वीट्स किये जाते हैं. उपरोक्त लेख में हमने आपको बताया कि कैसे ABP न्यूज़ से इस्तीफा देकर किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले पत्रकार रक्षित सिंह (Rakshit Singh) के नाम पर एक पैरोडी हैंडल बनाकर उसे असल हैंडल की तरह दिखाने की कोशिश की गई। साथ ही कई ऐसे ट्वीट्स भी किये गए जिनको देखने पर यह साफ पता चलता है कि इन ट्वीट्स का मकसद केवल इंगेजमेंट बढ़ाना है.
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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.