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ब्राज़ील के राष्ट्रपति की तस्वीर को इटली का प्रधानमंत्री बताकर गलत दावे के साथ किया गया शेयर

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim
इटली के प्रधानमंत्री गियुसेप्पे कोंटे अपनी देश की जनता को कोरोना वायरस के चलते मरता देखकर रो पड़े।
 
 
जानिए क्या है वायरल दावा –
दुनिया भर में अपने संक्रमण से कहर मचाने वाले कोरोना वायरस ने अब तक विश्व के ज्यादातर देशों को अपनी चपेट में ले लिया। चीन के वुहान शहर से निकले इस वायरस ने दुनिया भर में अब तक 14 हज़ार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है वहीं 3 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस संक्रमित हैं। दुनिया भर के देशों में इटली एक ऐसा देश है जो चीन के बाद सबसे ज्यादा कोरोना वायरस प्रभावित हुआ है। जहां एक तरफ चीन ने इस वायरस पर पूरी तरह काबू पा लिया है वहीँ दूसरी तरफ इटली में अब 5 हजार लोगों से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है जहां एक रोते हुए व्यक्ति की कोट-सूट वाली तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह व्यक्ति इटली के प्रधान मंत्री गियुसेप्पे कोंटे है जो अपने देश की जनता को मरते हुए देख कर रो पड़े और पोस्ट में दावा किया जा रहा है यह आंसू उनकी बेबसी के हैं। प्रधानमंत्री की सारी ताकत होने के बावजूद वह अपनी जनता को मरने से बचा नहीं पा रहें हैं।
Verification- 
समाचार एजेंसी Aljazeera की रिपोर्ट के मुताबिक इटली में अब तक 5476 मौतें हो चुकी है और ये सिलसिला अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है।

Italy coronavirus deaths at 5,476 after 651 rise: Live updates

The death toll from the coronavirus pandemic continued its relentless rise in Europe on Sunday with Italy announcing 651 dead in one day, bringing its total to 5,476. It was an increase of 13.5 percent but down from Saturday’s figure when 793 people died.

स्क्रीनशॉट में एक रोते हुए व्यक्ति की तस्वीर को सोशल मीडिया में खूब शेयर किया जा रहा है।
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने सबसे पहले स्क्रीनशॉट में दिख रहे इटली के प्रधानमंत्री गियुसेप्पे कोंटे के नाम से गूगल पर खोजा। इस दौरान हमें गूगल पर उनकी तस्वीर प्राप्त हुई।
लेकिन प्राप्त तस्वीर और वायरल तस्वीर दोनों में बहुत अंतर था। रोते हुए व्यक्ति की तस्वीर किसी वृद्ध व्यक्ति की है जबकि इटली के प्रधानमंत्री गियुसेप्पे कोंटे काफी जवान है।
वायरल तस्वीर वाले वृद्ध व्यक्ति की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। खोज के दौरान nypost नामक वेबसाइट पर प्रकाशित तस्वीर से पता चला कि वायरल तस्वीर ब्राज़ील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो की है।

Brazil President Jair Bolsonaro will be tested for coronavirus again

Brazilian President Jair Bolsonaro will be retested for coronavirus after his first test came back negative. The test will be done early next week, to rule out any chance that the firebrand leader caught the virus during his trip last week to President Trump’s Florida resort, Mar-a-Lago, a Sao Paolo paper reported, according to Reuters.

लेकिन वायरल तस्वीर में जैर बोल्सोनारो रोते हुए नजर आ रहे थे इसलिए वह रोने वाली तस्वीर का पता लगाने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से बारीकी से खोजा। इस दौरान यूट्यूब पर ब्राजील के राष्ट्रपति द्वारा साल 2019 को दी जा रही एक स्पीच प्राप्त हुई जहां वही वायरल तस्वीर वाला दृश्य प्राप्त हुआ।
इसके बाद तस्वीर के साथ वायरल हुए इटली के प्रधान मंत्री के हताश होने वाले दावे की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने खोजा। इस दौरान हमें ट्विटर पर इटली के प्रधानमंत्री गियुसेप्पे कोंटे के अधिकारी ट्विटर हैंडल से किया गया इटैलियन भाषा में एक ट्वीट प्राप्त हुआ जहां उन्होंने बताया कि 59 साल पहले एकजुट हुए हमारे देश ने हज़ारों मुश्किलों का सामना किया जैसे विश्वयुद्ध और फासीवादी शासन। लेकिन इटालियंस हमेशा डटकर पूरी निष्ठा के साथ दोबारा खड़े हुए और आगे चलते रहे हैं।
पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए तथ्यों का बारीकी से अध्ययन करने पर पता चला कि वायरल हो रही तस्वीर इटली के प्रधानमंत्री की नहीं है बल्कि ब्राजील के राष्ट्रपति की है और साथ ही तस्वीर के साथ वायरल हो रहा इटली के प्रधानमंत्री के हताश हो जाने वाला दावा भी गलत है।
Tools Used 
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Result- False
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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