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एक तरफ जहां सरकार कोरोना वायरस को मात देने के लिए टीकाकरण पर ज़ोर दे रही है। वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर वैक्सीन को लेकर कई गलत जानकारियां शेयर की जा रही हैं। कांग्रेस के नेशनल कॉर्डिनेटर गौरव पांधी ने दावा किया है कि कोवैक्सिन (Covaxin) में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया गया है। पांधी ने अपने ट्वीट में एक स्क्रीनशॉट शेयर कर कहा है कि मोदी सरकार ने RTI में ये बात मानी है।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
Fact Check/Verification
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी स्वास्थ्य मंत्रालय की एक प्रेस रिलीज़ मिली। प्रेस रिलीज़ में मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि Covaxin को लेकर सोशल मीडिया पर गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं। तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर लोगों के सामने गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। Covaxin में नवजात बछड़े का सीरम नहीं है। नवजात बछड़े के सीरम को शुरुआती प्रक्रिया में सिर्फ वीरो सेल्स को तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वीरो सेल्स के विकास के बाद उन्हें कई बार पानी और रसायनों के जरिए साफ किया जाता है।
प्रेस रिलीज़ में मंत्रालय ने आगे कहा है कि यह एक ग्लोबल स्टैंडर्ड प्रकिया है। यह पहली बार नहीं है कि जब नवजात बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किसी वैक्सीन को बनाने के लिए किया गया हो। इससे पहले पोलियो, रेबीज़ और इन्फ्लूएंजा जैसी कई वैक्सीन में बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया गया है।
न्यूज़चेकर से बातचीत में Bharat Biotech ने इस दावे को ग़लत बताया है। Bharat Biotech के मुताबिक बछड़े के सीरम का इस्तेमाल सिर्फ कोशिकाओं के विकास के लिए किया जाता है। SARS-Cov 2 वायरस के विकास में और फाइनल फॉर्मूले में इसका इस्तेमाल कंपनी द्वारा नहीं किया गया है। सभी अशुद्धियों को हटाकर Covaxin को तैयार किया गया है, यह एक पूरी तरह से शुद्ध वैक्सीन है। वैक्सीन बनाने के लिए बछड़े के सीरम का इस्तेमाल दशकों से दुनियाभर में किया जा रहा है। पिछले नौ महीनों में कई बार, कई सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर इसकी जानकारी दी गई है।
सर्च के दौरान हमें RTI के स्क्रीनशॉट से जुड़ी अधिक जानकारी नहीं मिली। लेकिन स्क्रीनशॉट को ध्यान से पढ़ने पर हमें पता चला कि उसमें लिखा हुआ है, वीरो सेल्स की प्रक्रिया के दौरान बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है।
अमेरिकी हेल्थ वेबसाइट FDA के अनुसार वैक्सीन को बनाने के लिए बीमारी को पैदा करने वाले मरे हुए या फिर कमजोर वायरस का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान कई सूक्ष्मजीवों और कोशिकाओं का विकास करने के लिए जानवरों के सीरम या फिर खून की जरूरत पड़ती है।
Conclusion
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक कोरोना वैक्सीन को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। Covaxin के अंतिम फॉर्मूले में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। सिर्फ वीरो सेल्स के विकास के लिए बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी Bharat Biotech ने साफ किया है कि उनकी वैक्सीन में बछड़े के सीरम का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
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Result: False
Claim Review: बछड़े के सीरम से बनी है Covaxin Claimed By: Gaurav Pandhi Fact Check: False |
Our Sources
Bharat Biotech
Ministry of Health
Twitter: https://twitter.com/ANI/status/1405077671785029638
Twitter: https://twitter.com/MoHFW_INDIA/status/1405070440641355776
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