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WhatsApp से लेकर सोशल मीडिया तक फैलाई जा रही हैं Coronavirus (COVID-19) के बारे में गलत जानकारियां

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Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.

कोरोनावायरस साइज़ में बड़ा होता है जिसका साइज़ 400-500 माइक्रोन होता हैये हवा में नहीं तैरता पर जमीन पर जिंदा रहता है।

UNICEF

कुछ इस तरह की जानकारियां WhatsApp और Sharechat पर शेयर की जा रही हैं जिनमें कोरोनावायरस के साइज़ से लेकर उसके सक्रिय रहने वाले तापमान तक का ज़िक्र है। WhatsApp पर इसे UNICEF के नाम पर शेयर किया जा रहा है।

Fact Check

कोरोनावायरस (COVID-19) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा माहामारी घोषित किए जाने के बाद दुनियाभर में चिंता बढ़ गई है। भारत समेत कई देशों ने एहतियातन अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा दी है। जहां एक तरफ लोगों को कोरोनावायरस संक्रमण के बारे में जागरुक किया जा रहा तो दूसरी तरफ कई तरह के उपचार और जानकारियां सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्स पर शेयर की जा रही हैं जिनमें से एक है:

UNICEF

इसी तरह की जानकारी शेयरचैट पर भी लोगों द्वारा शेयर की जा रही है

हालांकि UNICEF की वेबसाइट पर इस तरह की कोई भी एडवाइज़री जारी नहीं की गई है।

यह जानकारियां कितनी सही हैं इसकी हमने पड़ताल की:

पहली जानकारी:

कोरोनावायरस का साइज बड़ा होता है (400-500 micron) इसलिए यह किसी भी नॉर्मल मास्क से रुक जाता है इसके लिए किसी ख़ास मास्क की जरूरत नहीं है।

फैक्ट:

कोरोनावायरस के साइज़ पर अभी रिसर्च चल रही है तो यह कह पाना मुश्किल है कि यह कितने माइक्रोन का है। हालांकि मास्क कौनसा और कब इस्तेमाल करना है इसकी जानकारी WHO द्वारा दी गई है।

WHO के मुताबिक केवल मास्क पहनना काफी नहीं है इसके साथसाथ आपको अन्य सावधानियां भी बर्तनी होंगी। जैसे हाथ धोन, खांसते या छींकते वक्त बाज़ू या रुमाल का इस्तेमाल करना।

स्वस्थ व्यक्ति को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह साबित नहीं हुआ है कि मास्क पहनने से संक्रमण से बचा जा सकता है। यदि आपको खांसी या जुकाम है तो मास्क पहनें। यदि आप किसी संक्रिमत व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं तो मास्क पहनना जरूरी है।

दूसरी जानकारी:

यह वायरस हवा में नहीं तैरता पर ज़मीन पर जिंदा रहता है, किसी भी तरह के मेटल पर ये 12 घंटे जिंदा रहता है। कपड़ों पर यह 9 घंटे जिंदा रहता है, इसलिए कपड़ों को रोज़ धोएं और धूप में 2 घंटा सुखाएं।

फैक्ट:

WHO के अनुसार अभी यह साफ नहीं है कि यह वायरस जिससे COVID-19 होता है वो सतह पर कितनी देर तक जिंदा रहता है। पर ऐसा माना जा रहा है कि यह अन्य कोरोनावायरस की ही तरह है। ऐसे में यह वायरस किसी सतह पर कुछ घंटे या फिर कई दिनों तक जिंदा रह सकता है। यह निर्भर करता है कि वह किस तरह की सतह और तापमान में है। यदि आपको लगता है कि कोई जगह संक्रमित है तो उसे अच्छी तरह डिसइंफेक्टेंट से साफ करें ताकि वायरस मर जाए। अपने हाथों को अच्छे से धोएं तथा अपनी आंखों, नाक मुंह को छूने से बचें।

तीसरी जानकारी:

यह 26-27 डिग्री सेलसियस का तापमान नहीं झेल पाता इसलिए धूप में ज़रूर जाएं और गरम पानी के गरारे करें।

फैक्ट:

आमतौर पर वायरस ज्यादा तापमान में जाते ही निष्क्रीय हो जाते हैं लेकिन अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि आखिर कितने तापमान पर नोवेल कोरोनावायरस निष्क्रीय होगा। पानी के गरारे ऐसे में कितने कारगर हैं यह भी साबित नहीं हो पाया है।

चौथी जानकारी:

ठंडी चीज़ें, आइसक्रीम वगैरह खाएं

फैक्ट:

आमतौर पर सर्दी, खांसी या जुकाम होने पर सलाह दी जाती है कि ठंडी चीज़ों से बचें लेकिन इस वायरस में यह कहना कितना सही है यह कह पाना मुश्किल है। Newschecker ने इससे पहले भी इस दावे की पड़ताल की है।

यह साबित होता है कि WhatsApp पर फैलाई जा रही जानकारियां सही नहीं है। इनसे लोगों में भ्रम फैल सकता है, कोरोनावायरस से जुड़ी तमाम जानकारियां WHO की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

Source

World Health Organisation (WHO)

Result: Misleading/Partially False

(किसी भी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या मेल करें: checkthis@newschecker.in)

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Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.

Preeti Chauhan
Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.

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