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साल 2019 में सेनेगल एयरपोर्ट पर हुए मॉक ड्रिल का वीडियो इटली और चीन में कोरोना मरीजों से जोड़कर किया गया शेयर

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Claim

चीन के एक एयरपोर्ट पर कोरोना के मरीजों के हाल का वीडियो देखिए और अंदाजा लगाए की स्थिति कितनी गंभीर है।

दावे का संक्षिप्त विवरण-
सोशल मीडिया प्लैटफार्म शेयरचैट पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसमें एक विमान के पास कुछ पैसेंजर्स जमीन पर बैठकर खांसते, जमीन पर गिड़गिड़ाते नजर आते हैं। सुरक्षा कर्मचारी उनकी मदद करते दिख रहे हैं। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह दृश्य चीन के एक एयरपोर्ट का है और संदिग्ध करोना मरीजों का यह हाल हुआ है। इससे ही अंदाजा लगाना चाहिए कि स्थिति कितनी गंभीर है।
Verification
हमने इस बारे में पड़ताल शुरु की। वायरल दावे को लेकर कुछ कीवर्डस की मदद से खोज की लेकिन इस बारे में कुछ खबर हाथ नहीं लगी। ट्विटर पर हमें इसी दावे के साथ कई ट्विट्स मिले।
फेसबुक पर भी यह वीडियो जगह का नाम बदलकर उसी दावे के साथ शेयर हो रहा है। पोस्ट में बताया गया है कि इथियोपियन एयरलाइंस की यह फ्लाइट इटली से उड़ान भरने के बाद एडिस अबाबा एयरपोर्ट पर लैंड हुई। इस फ्लाइट में ज्यादातर यात्री कोरोना वायरस से पीड़ित हैं और उनकी बुरी हालत हुई है। यहां तक उन्हें सांस लेने मे भी दिक्कत हो रही है।
हमने इस वायरल वीडियो में से कुछ स्क्रीनशाॅट्स निकाले रिवर्स इमेज की सहायता से खोज की तो हमें thiesinfo.com नामक वेबसाइट पर वायरल वीडियो को लेकर 28 नवंबर 2019 को प्रकाशित आर्टिकल मिला। जिसमें बताया गया है कि यह वीडियो नवंबर 2019 में सेनेगल के डेकार स्थित ब्लेस डियान एयरपोर्ट पर हुए क्राइसिस मैनेजमेंट ट्रेनिंग एक्सरसाइज यानि मॉक ड्रिल का है।
इस माॅक ड्रिल के बारे में जानकारी देने वाला वीडियो भी इस आर्टिकल में मिला।
हमारी पड़ताल में सामने आया कि यह वीडियो चीन या इटली के कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की नहीं बल्कि पिछले साल सेनेगल के डेकार स्थित ब्लेस डियान एयरपोर्ट पर की गई माॅक ड्रिल की है। कोरोना वायरस के मामलों के बीच इस वीडियो को भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया में शेयर किया जा रहा है।
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InVID
Result- Misleading
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़तालसंशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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