मंदिर में पुजारी को लाठी मारते पुलिसकर्मी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इन तस्वीरों को हालिया घटना बताते हुए सांप्रदायिक एंगल के साथ शेयर किया जा रहा है।
8 अप्रैल को किये गए एक्स पोस्ट (आर्काइव) में दो तस्वीरें शेयर की गई हैं, जिसमें किसी व्यक्ति को पुलिसकर्मी लाठी मारते नजर आ रहे हैं। पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है, “मध्यप्रदेश में रीवा के मन्दिर में अकेले पूजा कर रहे पुजारी को बेरहमी से पीटा। जल से भरा बर्तन लात मार कर फेंक दिया गया, और पूजा क्षेत्र को बूंट पहन के तबियत से कुचला गया है। बताते चले रीवा पुलिस के SP आबिद खान हैं।”
ऐसे अन्य पोस्ट्स का आर्काइव यहाँ और यहाँ देखें।

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Fact Check/Verification
दावे की पड़ताल के लिए हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमने पाया कि ये तस्वीरें अप्रैल 2020 में भी वायरल हुई थी। ऐसे पोस्ट्स यहाँ और यहाँ देखें। क्योंकि ये तस्वीरें 5 साल से इंटरनेट पर मौजूद हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि ये तस्वीरें किसी हालिया घटना की नहीं हैं।

जांच में आगे संबंधित की-वर्ड्स को सर्च करने पर हमें इस घटना से संबंधित कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं। दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि यह 1 अप्रैल 2020 को मध्य प्रदेश के रीवा जिले में हुई एक घटना की तस्वीर है। जहाँ एक पुजारी द्वारा लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए मंदिर में भीड़ जमा कर पूजा-पाठ की जा रही थी। जब इसकी सूचना पुलिस को मिली तो पुलिस मंदिर पहुंच गई और वहां एकत्र हुए लोगों को भगा दिया। इसके बाद रीवा के सिविल लाइन थाना प्रभारी राजकुमार मिश्रा ने पुजारी की उन्हीं के डंडे से पिटाई कर दी थी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल 2020 में जब इस घटना की फोटो वायरल हुई, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इसे गंभीरता से लिया था और उसके थोड़ी देर बाद ही रीवा के सिविल लाइन टीआई राजकुमार मिश्रा को लाइन अटैच कर दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना सिविल थाना क्षेत्र के ढेकहा मोहल्ले में स्थित देवी मंदिर की थी। पुलिस की इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई को लेकर वहां के लोगों ने डीजीपी विवेक जौहरी से भी सिविल लाइन थाना प्रभारी राजकुमार मिश्रा की शिकायत की थी। साथ ही रीवा के विधायक व पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने भी इसे लेकर राज्य के आला पुलिस अधिकारियों से बात की थी। इस मामले पर प्रकाशित अन्य रिपोर्ट्स यहाँ और यहाँ पढ़ें।

जांच के दौरान इस मामले के संबंध में आईजी रीवा द्वारा 3 अप्रैल 2020 को किया गया फेसबुक पोस्ट मिला। इस पोस्ट में उन्होंने उस दौरान वायरल हो रहे सांप्रदायिक दावे का खंडन करते हुए बताया था कि “फोटोग्राफ में जो पुलिस कर्मी दिखाई दे रहे हैं वह रीवा पुलिस अधीक्षक, आबिद खान नहीं हैं। यह कार्यवाही लॉकडाउन को लागू करने के लिए थाना प्रभारी निरीक्षक श्री राजकुमार मिश्रा एवं स्टॉफ द्वारा मन्दिर में लोगों के एकत्रित होने की सूचना के बाद की गई। उक्त घटना में थाना प्रभारी निरीक्षक राजकुमार मिश्रा द्वारा अनुचित ढंग से कार्यवाही करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक, रीवा जोन श्री चंचल शेखर द्वारा तत्काल लाईन अटैच कर दिया गया है एवं उपनिरीक्षक शिवपूजन सिंह बिशेन को थाना प्रभारी बनाया गया है।” उस दौरान वायरल तस्वीर में नजर आ रहे पुलिसकर्मी के आबिद खान होने का खंडन जनसम्पर्क विभाग, मध्य प्रदेश सरकार ने भी अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट द्वारा की गई पोस्ट में किया था।

Conclusion
जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि मंदिर में पुजारी को लाठी मारते पुलिसकर्मी की तस्वीरें 5 साल पुरानी हैं, और इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
Sources
Report published by Dainik Bhaskar on 3rd April, 2020.
Report published by Navbharat Times on 3rd April, 2020.
FB Post by IG Rewa on 3rd April, 2020.
X Post by Jansampark MP on 3rd April, 2020.