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गलत या भ्रामक जानकारियां समाज और दुनिया के लिए किसी नासूर से कम नहीं हैं। आये दिन देश-दुनिया में घटित होने वाली कई भयावह घटनाएं इन्हीं जानकारियों की वजह से घटित होती हैं। आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया गलत जानकारियों को साझा करने का सबसे बड़ा माध्यम है। दुनिया भर के फैक्ट चेकिंग संस्थान फेक जानकारियों का पर्दाफाश करने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में फैक्ट चेकिंग संस्थानों ने यूट्यूब को खुला पत्र लिखकर फेक खबरों से लड़ने की मुहिम में साथ आकर काम करने की अपील की है। फैक्ट चेकर्स द्वारा YouTube को लिखे गए पत्र को नीचे पढ़ा जा सकता है।
YouTube के सीईओ को दुनिया के फैक्ट चेकर्स की तरफ से खुला पत्र
12 जनवरी 2022
सुश्री सुसान वोजिस्की,
कोविड-19 महामारी को शुरू हुए लगभग दो साल हो चुके हैं। दुनिया ने समय-समय पर देखा है कि किस प्रकार दुष्प्रचार और गलत जानकारियां सामाजिक सद्भाव, लोकतंत्र और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए विनाशकारी हो सकती हैं. दुष्प्रचार की वजह से बहुतों की जिंदगी और आजीविका चली गई. बहुत से लोगों ने इसकी वजह से अपने प्रियजनों को खो दिया। तथ्य जांचने वाले यानी फ़ैक्ट चेकिंग संगठनों के एक अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क के रूप में, हम इसकी निगरानी करते हैं कि किस प्रकार ऑनलाइन झूठ फैलता है और हम प्रतिदिन देखते हैं कि YouTube दुनियाभर में ऑनलाइन दुष्प्रचार और गलत जानकारी के प्रमुख माध्यमों में से एक है। यह हमारे वैश्विक फैक्ट चेकिंग समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
हमें नहीं लगता कि YouTube ऐसी नीतियों को लागू करने का बहुत प्रयास कर रहा है जो इन समस्याओं का प्रभावी तौर पर समाधान करती हों। इसके उलट, YouTube अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद ऐसे अनैतिक समूहों को ना सिर्फ संगठित होने तथा फण्ड एकत्र करने का अवसर दे रहा है, बल्कि दूसरे यूजर्स को भ्रमित करने तथा उनके शोषण की अनुमति भी दे रहा है। इस संबंध में प्लेटफॉर्म द्वारा ईजाद किये गए मौजूदा उपाय अपर्याप्त एवं अप्रभावी साबित हो रहे हैं। इसीलिए हम आपसे मांग करते हैं कि आप दुष्प्रचार और गलत जानकारी के खिलाफ कारगर कार्रवाई करें, और आप जानकारी के ईकोसिस्टम में सुधार के लिए नीति और उत्पादों में हस्तक्षेप संबंधी रोडमैप को विस्तारित करें, इसके साथ ही हम आपसे यह भी मांग करते हैं कि आप ये कदम दुनिया के स्वतंत्र और निष्पक्ष फैक्ट-चेकिंग संगठनों के साथ मिलकर उठाएं।
पिछले साल हमने देखा था कि षड्यंत्रकारी समूह विभिन्न देशों में स्थित होने के बावजूद भी एक दूसरे के सहयोग से अपना प्रोपेगेंडा आगे बढ़ा रहे हैं, इनमे एक ऐसा अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन भी शामिल है जो जर्मनी से शुरू होकर पहले स्पेन और फिर लैटिन अमेरिका तक फैल गया, ये सब YouTube पर हुआ। इसी बीच, लाखों की संख्या में साधारण यूजर्स यूनानी और अरबी भाषाओं में ऐसे वीडियो देख रहे थे, जिनसे उन्हें टीकाकरण का बहिष्कार करने या अपने कोविड-19 संक्रमण का इलाज फर्जी उपचारों से करने का प्रोत्साहन मिला। कोविड-19 के अलावा, YouTube के वीडियो कई सालों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के झूठे उपचारों को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
ब्राज़ील में इस प्लेटफॉर्म का उपयोग कमजोर वर्गों के खिलाफ नफरत से भरे भाषणों को बढ़ावा देने में किया जाता रहा है, जिनकी ऑनलाइन पहुंच लाखों में है। ऐसे में चुनाव भी सुरक्षित नहीं है। फिलीपींस में मार्शल लॉ के दौरान हुए मानवाधिकार हनन और भ्रष्टाचार को झूठा बताते हुए शेयर किये गए कंटेंट को 2 मिलियन से भी अधिक व्यूज मिले हैं, इस वीडियो का इस्तेमाल वहां के दिवंगत तानाशाह के बेटे की छवि सुधारने के लिए किया जा रहा है, जो 2022 के चुनावों में एक उम्मीदवार है। ताइवान में भी पिछला चुनाव धांधली के निराधार आरोपों से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। पूरी दुनिया दुष्प्रचार के कुप्रभावों की तब साक्षी बनी, जब एक हिंसक भीड़ ने पिछले साल की शुरुआत में अमेरिकी संसद भवन पर हमला किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की पूर्व संध्या से लेकर अगले दिन तक, झूठे नैरेटिव का समर्थन करने वाले YouTube वीडियो 33 मिलियन से ज्यादा बार देखे गए।
हमारे पास ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं। उनमें से कई वीडियो और चैनल आज भी प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं, और वे सभी YouTube की नीतियों के रडार के अंतर्गत चलते हैं, खासतौर पर गैर-अंग्रेजी भाषी देशों और ग्लोबल साउथ में। हमें खुशी है कि कंपनी ने बाद में इस समस्या को हल करने के लिए कुछ कदम उठाए, लेकिन प्लेटफॉर्म पर जो हम रोजाना देख रहे हैं, उसके आधार पर हम कह सकते हैं कि ये कोशिशें कारगर साबित नही हो रही हैं और ना ही YouTube ने उनके प्रभावी होने को लेकर कोई गुणवत्तापूर्ण डेटा प्रस्तुत किया है।
आपके कंपनी प्लेटफॉर्म ने अभी तक दुष्प्रचार के बारे में हो रही चर्चा को कंटेंट हटाने या न हटाने के बीच एक विरोधाभाषी प्रारूप में ढाला है। ऐसा करके, YouTube उन उपायों को लागू करने की संभावना से बच रहा है जो कारगर साबित हो चुके हैं: फैक्ट-चेकर्स के रूप में हमारे अनुभव तथा अकादमिक साक्ष्य यह बताते हैं कि सत्यापित जानकारी को सामने लाना किसी कंटेंट को हटाने से कहीं ज्यादा प्रभावी है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए जीवन, स्वास्थ्य, सुरक्षा और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बेहतर एवं प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक अतिरिक्त जानकारी मुहैया कराने का एक सफल माध्यम भी है। चूंकि YouTube पर व्यूज का एक बड़ा हिस्सा प्लेटफॉर्म द्वारा सुझाये गए कंटेंट से आता है इसीलिए YouTube को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वह दुष्प्रचार को बढ़ावा न दे और अपने यूजर्स को ऐसे कंटेंट भी ना सुझाये जो कि अविश्वसनीय चैनलों द्वारा शेयर किये जाते हैं।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, हम कुछ ऐसे समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं जो YouTube पर दुष्प्रचार और गलत जानकारी के प्रसार को काफी हद तक कम करने में अत्यधिक कारगर साबित होंगे।
1. प्लेटफॉर्म पर दुष्प्रचार को लेकर एक सार्थक पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता: YouTube को विभिन्न दुष्प्रचार अभियानों के मूल, उनकी पहुंच तथा प्रभाव को लेकर स्वतंत्र शोध और गलत जानकारी का पर्दाफाश करने के सबसे प्रभावशील तरीकों का समर्थन करना चाहिए। साथ ही उसे दुष्प्रचार और गलत जानकारी के संबंध में अपनी संपूर्ण मॉडरेशन नीति का प्रकाशन करना चाहिए, इसके साथ ही इसे AI (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) के प्रयोग तथा इसको संचालित करने वाले डेटा के बारे में भी बताना चाहिए।
2. कानूनी अनुपालन के लिए कंटेंट को हटाने के अलावा, YouTube का फोकस किसी गलत जानकारी को लेकर सही संदर्भ प्रदान करने और उनका सच बताने पर होना चाहिए, जो कि वीडियो पर स्पष्ट रूप से सुपरइंपोज्ड या अतिरिक्त वीडियो कंटेंट के रूप में हो सकते हैं। ऐसा सिर्फ ज़िम्मेदारी लेते हुए सार्थक और संरचनात्मक सहयोग के माध्यम से तथा दुनियाभर के उन स्वतंत्र फैक्ट-चेकिंग प्रयासों में निवेश करने से ही आ सकता है, जो इन समस्याओं को हल करने के लिए काम रहे हैं।
3. बार-बार अपराध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना तथा अपने एल्गोरिदम द्वारा सुझाये गए कंटेंट में दुष्प्रचार के ऐसे स्रोतों को बढ़ावा ना देना जो लगातार ऐसा कंटेंट बनाते हैं जो कि दुष्प्रचार और गलत जानकारी के रूप में चिह्नित की गई है, विशेषकर ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स जो ऐसे कंटेंट को प्लेटफॉर्म पर और उससे बाहर मॉनेटाइज़ करते हैं।
4. अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में भी दुष्प्रचार और गलत जानकारी के खिलाफ मौजूदा और संभावी प्रयासों को विस्तार देना, देश और भाषा के आधार पर डेटा के साथ-साथ ऐसी ट्रांसक्रिप्शन सेवाएं उपलब्ध कराना, जो किसी भी भाषा में काम करें।
हमें उम्मीद है कि आप सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए इन विचारों को लागू करने पर विचार जरूर करेंगे और YouTube को सचमुच एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाएंगे, जो दुष्प्रचार और गलत जानकारियों को अपने यूजर्स और समाज के खिलाफ बड़े पैमाने पर औजार बनाने से रोकने के लिए अपना सर्वोत्तम प्रयास करता हो। हम YouTube की मदद के लिए तैयार और सक्षम है। हम इन मामलों पर चर्चा करने के लिए और सहयोग पर आगे के रास्ते तलाशने के लिए आपसे मुलाकात के इच्छुक हैं। हमारे इस प्रस्ताव को लेकर हमें आपके जवाब का इंतजार है।
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