सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि 10 साल पुराने डीजल तथा 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगी रोक हटा ली गई है.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने साल 2015 में दिल्ली में चल रहे 10 साल से पुराने डीजल तथा 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के पुनः पंजीकरण पर रोक लगा दी थी. बाद में कई अन्य राज्यों में भी आंशिक रूप से इस तरह के वाहनों पर रोक लगाई गई. हालांकि, इस विषय में पूरे देश में एक ही तरह के नियम का पालन नहीं किया जाता, मसलन कुछ जगहों पर ऐसे वाहनों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित है, तो वहीं कुछ जगहों पर ऐसे वाहनों के खरीद-बेच या चालन की अनुमति है. ऐसे में पुरानी गाड़ियों के रजिस्ट्रीकरण तथा नवीनीकरण से संबंधित तमाम दावे आए दिन वायरल होते रहते हैं.
इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स एक तस्वीर शेयर कर यह दावा कर रहे हैं कि 10 साल पुराने डीजल तथा 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगी रोक हटा ली गई है.

Fact Check/Verification
10 साल से पुराने डीजल तथा 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगी रोक हटने के नाम पर शेयर की जा रही इस तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने Gazette Of India (भारत के राजपत्र) की वेबसाइट को खंगाला. इस प्रक्रिया में हमें वह राजपत्र प्राप्त हुआ, जिसका स्क्रीनशॉट वायरल दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. बता दें कि यह राजपत्र पुरानी गाड़ियों के खरीद-बेच तथा स्वामित्व से संबंधित है, ना कि 10 साल से पुराने डीजल तथा 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के पुनः पंजीकरण से.
NGT की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, ट्रिब्यूनल ने 7 अप्रैल, 2015 को यह आदेश दिया था कि 10 साल से पुराने डीजल तथा 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों का पुनः पंजीकरण नहीं किया जाएगा.

‘states where 15 year old vehicles can be sold’ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढने पर हमें दिल्ली सरकार द्वारा 5 अगस्त, 2020 को प्रकाशित एक दस्तावेज प्राप्त हुआ, जिसमें कुछ राज्यों के उन शहरों की सूची मौजूद है, जहां राजधानी में चल रहे 10 साल से पुराने डीजल तथा 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को बेचा जा सकता है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 4 अक्टूबर, 2021 को ऐसे वाहनों के पंजीकरण शुल्क से संबंधित जारी किया गया आदेश प्राप्त हुआ, जिसमें विभिन्न परिस्थितियों में शुल्क के निर्धारण को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही मंत्रालय ने 13 अप्रैल, 2022 को शेयर किए गए एक ट्विटर थ्रेड में फिटनेस सर्टिफिकेट में देरी तथा शुल्क को लेकर प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया था.
इसके अतिरिक्त, हमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा 13 फरवरी, 2023 को शेयर किया गया एक थ्रेड प्राप्त हुआ, जिसमें वायरल दावे को फर्जी बताते हुए हाल-फिलहाल में 10 साल से पुराने डीजल तथा 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के पंजीकरण में छूट से संबंधित कोई नया नियम ना बनने की बात कही गई है.

9 फरवरी, 2023 को दो लोकसभा सदस्यों ने 10 साल से पुराने डीजल तथा 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध की प्रक्रिया और इस नियम के विस्तार को लेकर कुछ सवाल पूछे थे. इस विषय में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री द्वारा दिए गए जवाब में भी उपरोक्त जानकारी का समर्थन किया गया है.
यह लेख मूल रूप से भोजपुरी भाषा में प्रकाशित हुआ है.
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि 10 साल से पुराने डीजल तथा 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगी रोक हटने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा गलत है. असल में जिस तस्वीर को शेयर कर यह दावा किया जा रहा है वह पुरानी गाड़ियों के खरीद-बेच तथा स्वामित्व से संबंधित है.
Result: False
Our Sources
Gazette published by MORTH on 22 December, 2022
Twitter thread shared by MORTH, GoI on 13 February, 2023
Order issued by NGT on 7 April, 2015
Order issued by MORTH on 4 October, 2021
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