Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check
Contact Us: checkthis@newschecker.in
Fact Check
गुजरात स्थित सूरत की एक अदालत ने बीते शनिवार को सुनवाई करते हुए, 122 लोगों को 20 साल बाद उचित सबूत न मिलने पर सभी आरोपों को खारिज करते हुए बरी कर दिया। इन 122 लोगों पर आरोप था कि वो प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्य हैं। जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इन लोगों की तस्वीरें वायरल होने लगी। दावा किया जा रहा है कि ‘बिना किसी गलती के इन लोगों ने जेल में 20 साल गुजारे। जो क्राइम इन लोगों ने किया ही नहीं उसकी सजा इन लोगों को मिली। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की न्यायपालिका इसी तरह काम करती है।’ Crowd Tangle डेटा के मुताबिक अभी तक सैकड़ों लोग इस वीडियो को ट्विटर और फेसबुक पर शेयर कर चुके हैं।
पोस्ट से जुड़ा आर्काइव लिंक यहाँ देखा जा सकता है।

वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें The Times of India की न्यूज रिपोर्ट मिली। जिसे 7 मार्च 2021 को प्रकाशित किया गया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद इन लोगों ने सिर्फ 9 महीने ही जेल में बिताए थे। उसके बाद अदालत ने इन लोगों को बेल पर रिहा कर दिया था।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी The Indian Express की एक रिपोर्ट मिली। जिसे 8 मार्च 2021 को प्रकाशित किया गया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक 9/11 हमले के दो महीने बाद 28 दिसंबर 2001 में 127 लोगों को प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया के सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जिसमें से 7 लोगों की मौत सुनवाई के दौरान ही हो गई थी। जिसके बाद अदालत ने उन लोगों के खिलाफ मामले को समाप्त कर दिया था। जबकि 5 लोग दूसरे आरोपों के कारण जेल में हैं। तो वहीं 4 लोग गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने के कारण अस्पताल में एडमिट हैं या फिर बिस्तर पर हैं। सभी 122 लोगों ने तकरीबन 10 महीने जेल में बिताए थे। उसके बाद इन लोगों को अदालत से बेल मिल गई थी।
छानबीन के समय हमें IPS ऑफिसर Arun Bothra का एक ट्वीट मिला। जिसमें उन्होंने स्वरा भास्कर के एक ट्वीट को कोट करते हुए रिप्लाई दिया है। दरअसल स्वरा भास्कर ने ट्वीट करते हुए लिखा, “इसे आसान भाषा में समझिए। करीब 100 से ज्यादा मुसलमान आतंकवाद के फर्जी आरोपों में 20 सालों से जेलों के भीतर या अंडर ट्रायल रहे। जरा सोचिये 20 साल।”
इस ट्वीट का रिप्लाई करते हुए IPS ऑफिसर Arun Bothra ने कहा, ‘कोर्ट को इस मामले में फैसला सुनाने में 20 साल लग गए, इसका ये मतलब नहीं है कि आरोपी 20 साल तक जेल में रहे हैं। वो 20 सालों से जमानत पर रिहा हैं।’ उन्होंने आगे लिखा कि गलत आरोपों और आरोप साबित न हो पाने में काफी अंतर होता है।
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक सिमी केस में 122 लोगों ने 20 साल जेल में नहीं गुजारे हैं। सोशल मीडिया पर गलत दावा वायरल हो रहा है। इन लोगों को अदालत द्वारा गिरफ्तारी के तकरीबन 10 महीने बाद बेल दे दी गई थी।
IndiaToday-https://indianexpress.com/article/explained/2001-surat-simi-gathering-case-7217430/
IPS officer Arun Bothra – https://twitter.com/arunbothra/status/1368411237348823046
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
Runjay Kumar
December 13, 2025
Runjay Kumar
December 9, 2025
JP Tripathi
December 3, 2025