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Fact Check
पेंग्विन की देखभाल के लिए जारी की गई रकम को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) सुर्खियों में हैं। दरअसल शिवसेना के साथ सत्ता की साझेदारी कर रही कांग्रेस ने पेंग्विन की देखभाल को लेकर जारी किए गए 15 करोड़ के टेंडर को लेकर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने आदित्य ठाकरे से सवाल करते हुए पूछा है कि बीएमसी पेंग्विन की देखभाल के लिए डॉक्टर नियुक्त कर सकती है, तो 15 करोड़ रुपए का टेंडर जारी करने की क्या जरूरत है। इसी बीच सोशल मीडिया पर आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) की हरे रंग की होर्डिंग के साथ एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है।
होर्डिंग में आदित्य ठाकरे की हाथ हिलाते हुए तस्वीर लगी है और उस पर उर्दू भाषा में ‘सलाम वर्ली’ लिखा हुआ है। दावा है कि शिवसेना ने मुस्लिम समुदाय को लुभाने के लिए ये पोस्टर पूरे महाराष्ट्र में लगवाए हैं। कटाक्ष करते हुए यूजर्स यह भी कह रहे हैं, ‘शिवसेना ने भगवा रंग छोड़ कर अब हरा रंग अपना लिया है और मराठी भाषा को छोड़कर अब उर्दू भाषा अपना ली है। धीरे-धीरे शिवसेना मुस्लिम बनती जा रही है। क्या अब जल्द ही शिवसेना का नाम भी बदलने वाला है?’ बीजेपी National Media Panelist चारु प्रज्ञा ने भी इस दावे को शेयर किया है।
Crowdtangle की सहायता से किए गए विश्लेषण के मुताबिक, वायरल तस्वीर को सोशल मीडिया पर सैकड़ों लोगों ने शेयर किया है। ट्विटर पर बीजेपी की National Media Panelist @CharuPragya की पोस्ट को सबसे ज्यादा शेयर और लाइक किया गया हैं। लेख लिखे जाने तक @CharuPragya की पोस्ट पर 4.7K शेयर और 19.8K लाइक थे।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
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तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च करने पर हमें 2 अक्टूबर, 2019 को Times Now द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रचार करने के लिए शिवसेना ने आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) के इस पोस्टर को लगवाया था। आदित्य ठाकरे, चुनाव में वर्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार थे। इसलिए पोस्टर पर ‘सलाम वर्ली’ लिखवाया गया था। India Today ने भी इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया था।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक ट्वीट, न्यूज एजेंसी ANI के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मिला। ट्वीट के कैप्शन में दी गई जानकारी के अनुसार, शिवसेना ने उर्दू के अलावा गुजराती, तेलुगू और मराठी भाषा में आदित्य ठाकरे के बैनर लगवाए थे। सभी बैनर्स में अलग-अलग भाषा में ‘नमस्ते वर्ली और कैसे हो वर्ली वालों’ लिखा हुआ था। चुनाव में आदित्य ठाकरे को वर्ली सीट से जीत हासिल हुई थी।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट Mumbai Tak के यूट्यूब चैनल पर भी मिली, जिसे 2 अक्टूबर, 2019 को पोस्ट किया गया था। इस रिपोर्ट में भी वायरल पोस्टर के बारे में यही जानकारी दी गई थी कि वर्ली में वोटरों को लुभाने के लिए, शिवसेना ने 4 भाषाओं में आदित्य ठाकरे के पोस्टर लगवाए थे।
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक, आदित्य ठाकरे की होर्डिंग को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। पोस्टर हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि दो साल पुराना है। चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए दो साल पहले लगाए गए पोस्टर्स को अब सांप्रदायिक रंग देकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
Claim Review: शिवसेना ने उर्दू भाषा में लगवाई आदित्य ठाकरे की होर्डिंग। Claimed By: Charu Pragya, National Media Panelist, BJP Fact Check: Misleading |
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Twitter –https://twitter.com/ANI/status/1179256769077530625
India Today –https://www.indiatoday.in/india/story/mizoram-bound-trucks-vandalised-assam-cachar-border-dispute-1838018-2021-08-07
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