Monday, March 17, 2025
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क्या आरएसएस द्वारा अहमदाबाद स्थित पिराना गांव के मुसलमानों को पलायन के लिए किया गया मजबूर? भ्रामक दावा हुआ वायरल

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया है कि अहमदाबाद के पिराना गांव के मुसलमान आरएसएस के कारण पलायन के लिए मजबूर हो गए। वायरल वीडियो में एक व्यक्ति यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पिराना गांव में करीब 400 हिंदुवादी संगठन के लोग घुस आए हैं, जिन्होंने मुसलमानों को पलायन के लिए मजबूर कर दिया है।

Live TV नामक यूट्यूब चैनल ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “गुजरात: पिराना दरगाह पर RSS ने धावा बोल दिया, 500 मुसलमान गांव छोड़ भागने लगे।”

(फेसबुक पोस्ट के कैप्शन को अक्षरशः लिखा गया है।)

Screenshot of Live TV Youtube Channel

एक फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “अहमदाबाद से करीब 20 किलोमीटर दूर पिराना गांव के #मुसलमानों को हिंदूवादी संगठन के लोग बड़े पैमाने पर #पलायन_के_लिए मजबूर कर रहे हैं. वायरल वीडियो में सुना जा सकता है कि गांव में 400 के करीब हिंदूवादी संगठन के लोग घुस गए और मुसलमानों को पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया और लोग घर छोड़कर जा रहे हैं.”

(फेसबुक पोस्ट के कैप्शन को अक्षरशः लिखा गया है।)

Screenshot of Facebook/profile.php?id=100033860430899

वहीं, एक अन्य फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “अहमदाबाद से करीब 20 किलोमीटर दूर पिराना गांव के मुसलमानों को हिंदूवादी संगठन के लोग बड़े पैमाने पर पलायन के लिए मजबूर कर रहे हैं. वायरल वीडियो में सुना जा सकता है कि गांव में 400 के करीब हिंदूवादी संगठन के लोग घुस गए और मुसलमानों को पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया और लोग घर छोड़कर जा रहे हैं.”

(फेसबुक पोस्ट के कैप्शन को अक्षरशः लिखा गया है।)

Screenshot of Facebook/sahadat.choudhary

Fact Check/Verification 

अहमदाबाद के पिराना गांव के मुसलमान आरएसएस के कारण पलायन के लिए मजबूर, दावे के साथ वायरल हो रहे वीडियो की सत्यता जानने के लिए हमने इसे inVid टूल की मदद से कुछ की-फ्रेम्स में बदला। इसके बाद एक की-फ्रेम के साथ गूगल रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें कोई भी मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई।

 

Screenshot of Google Reverse Image

हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल पर सर्च करना आरंभ किया। इस दौरान हमें Indian Express द्वारा 31 जनवरी 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद जिले के दसकारोई तालुका के पिराना गांव के लोग इमाम शाह बाबा संस्थान के परिसर में एक दीवार के निर्माण के विरोध में सड़कों पर उतर आए। इस दौरान असलाली पुलिस ने 64 महिलाओं समेत 133 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। डस्करोई उप जिलाधिकारी (SDM) के.बी. पटेल के अनुसार, जिला कलेक्टर की अनुमति से तार की बाड़ को दीवार में बदलने का कार्य चल रहा था, जहां तीन ट्रस्टियों ने दीवार निर्माण का विरोध किया था। बतौर रिपोर्ट, विरोध प्रदर्शन पिराना गांव के निवासियों द्वारा किया गया था, जिनमें ज्यादातर सैय्यद मुसलमान थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि दीवार के निर्माण से मस्जिद से दरगाह तक पहुंचने का रास्ता बंद हो जायेगा।

Screenshot of Indian Express Article

वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान कुछ कीवर्ड की मदद से ट्विटर पर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें India TV के पत्रकार निर्णय कपूर द्वारा 02 फरवरी 2022 को किया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। पत्रकार निर्णय ने ट्वीट के साथ एक वीडियो संलग्न किया है। वीडियो में नासिर शेख नाम का एक युवक स्पष्ट करता है कि पिराना के लोगों के पलायन के बारे में झूठी अफवाहें फैलाई गई हैं और गांव से पलायन के संबंध में उसने जो कहा है उसके लिए उसे खेद है।

Tweet Post

Newschecker ने मस्जिद की दीवार को लेकर हुए विवाद के संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए पिराना दरगाह से संपर्क किया। इस दौरान वहां मौजूद एक पदाधिकारी द्वारा हमें बताया गया कि वीडियो में हिजरत की बतायी गई कहानी पूरी तरह से भ्रामक है. ग्रामीण दरगाह के साथ हुए अन्याय के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने कलेक्टर कार्यालय गए थे, लेकिन इस मामले में पुलिस विभाग ने 133 से अधिक लोगों को सड़क पर रोक दिया था।

इसके अलावा पिराना दरगाह के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई है। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पिराना गांव में हुई घटना में आरएसएस का कोई हाथ नहीं है, जबकि पलायन की घटना मस्जिद परिसर में एक दीवार खड़ी करने के कारण सैयद परिवार द्वारा किए गए एक आंदोलन का हिस्सा था, असल में किसी ने भी गांव नहीं छोड़ा है।

Tweet Post

इस पूरे मामले पर ज्यादा जानकारी के हमने असलाली पुलिस से संपर्क किया। इस दौरान वहां मौजूद PRO ने हमें बताया कि पिराना गांव में मस्जिद की दीवार को लेकर हुए विवाद में कोई पलायन नहीं हुआ है। सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा शेयर किया जा रहा है।

Live TV इससे पहले भी कई बार फेक दावा शेयर कर चुका है। इस संबंध में Newschecker की पड़ताल को यहां और यहां पढ़ा जा सकता है।

Conclusion

इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ हो गया कि अहमदाबाद के पिराना गांव के मुसलमान, आरएसएस या फिर किसी अन्य हिन्दू संगठनों की वजह से पलायन को मजबूर नहीं किए गए। सोशल मीडिया पर एक वीडियो के साथ भ्रामक दावा शेयर किया जा रहा है।

Result: Misleading/ Partly False

Our Sources

Indian Express

Pirana Dargah Tweet

Direct Contact Pirana Dargah

Direct Contact Aslali Police

India TV Journalist Tweet

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