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देश में हर दिन कोरोना के 40 हजार मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले केरल में दर्ज किए गए हैं। इसको देखते हुए वहां नाइट कर्फ्यू और रविवार को लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। इस बीच कोरोना की तीसरी लहर आने की चर्चा काफी तेज़ हो गई है। अलग-अलग स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा दावा किया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का असर बच्चों पर सबसे ज्यादा होगा।
बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच देश के 20 राज्यों में स्कूल खुल गए हैं। इनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश तमिलनाडु, तेलंगाना, राजस्थान, पुडुचेरी और हरियाणा आदि शामिल हैं। अब बात करते हैं उत्तर प्रदेश की, जहां कोरोना महामारी के बीच बुधवार यानी 1 सितंबर, 2021 से प्राथमिक कक्षाओं के लिए भी स्कूल खोल दिए गए हैं। लगभग एक साल के बाद कक्षा 1 से 5 तक के छात्र-छात्राओं ने स्कूल में प्रवेश किया है। प्रदेश सरकार ने कोविड सुरक्षा उपायों के साथ स्कूलों को खोलने का ऐलान किया है। बता दें कि 16 अगस्त, 2021 से यूपी में 9वीं से 12वीं तक स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को खोला गया था।
इसी बीच व्हाट्सएप (WhatsApp) पर एक स्कीनशॉट वायरल हो रहा है। वायरल स्क्रीनशॉट में दावा किया गया है कि इलाहाबाद हाइकोर्ट ने स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
फेसबुक पर इस स्क्रीनशॉट को कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
Fact Check/Verification
क्या यूपी में स्कूल खोले जाने पर इलाहाबाद कोर्ट ने रोक लगा दी है, इस दावे का सच जानने के लिए हमने अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं मिली।
Google Reverse Image Search की मदद से खोजने पर हमें Fact with Amit Pathak नामक YouTube चैनल पर 1 सितंबर, 2021 को अपलोड की गई एक वीडियो मिली। वायरल स्क्रीनशॉट को इस यूट्यूब वीडियो के थंबनेल के तौर पर इस्तेमाल किया गया है। प्राप्त वीडियो में कहा गया है कि इलाहाबाद हाइकोर्ट ने यूपी सरकार को स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं। 44 सेकेंड पर वीडियो में ABP Ganga की खबर का स्क्रीनशॉट लगाते हुए बताया गया है कि इलाहाबाद हाइकोर्ट में याचिका लगाकर स्कूल बंद करने की मांग की गई है। याचिका में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों का हवाला दिया गया है।
अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च करने पर हमें 31 अगस्त, 2021 को Zee News द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिली। बतौर रिपोर्ट, छठी कक्षा के स्कूल खुलने से पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें 1 से 12वीं तक के स्कूलों को बंद करने की मांग की गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि सत्र 2021-2022 की पढ़ाई ऑनलाइन मोड पर ही जारी रखी जाए।
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्कूल बंद करने की मांग को लेकर वकील गौरव द्विवेदी ने याचिका जरूर दाखिल की थी, लेकिन अभी तक इसको लेकर उच्च न्यायालय ने कोई आदेश जारी नहीं किया है। अगर हाईकोर्ट द्वारा इस याचिका पर फैसला ले लिया गया होता तो यह खबर मीडिया में जरूर होती।
बता दें कि वायरल स्क्रीनशॉट के साथ एक और दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश में संक्रमण से 70 बच्चों की मौत हो गई है। इस बारे में पता करने के लिए जब हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें 4 सितंबर 2021 को News18 द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में ‘रहस्यमय बुखार’ से 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस आंकड़े में 50 से अधिक बच्चे भी शामिल हैं। यूपी के कई जिलों में पिछले एक सप्ताह से बच्चों में ‘रहस्यमय बुखार’ का प्रकोप बढ़ रहा है।
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Conclusion
हमारी पड़ताल में साफ होता है कि वायरल स्क्रीनशॉट में किया जा दावा भ्रामक है। इलाहाबाद हाइकोर्ट ने यूपी में स्कूल बंद करने को लेकर अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया है। हालांकि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए, स्कूलों को बंद करने की एक याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई है।
Result: Misleading
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