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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा पहुंचे थे। सोमवार यानी 30 अगस्त, 2021 को उन्होंने ऐलान किया कि मथुरा और वृंदावन के धार्मिक स्थलों के आसपास शराब और मांस की बिक्री नहीं होगी। योगी के इस फैसले का कई लोगों ने स्वागत किया, जबकि कुछ लोगों ने इसका जमकर विरोध भी किया।
ऐसे में सोशल मीडिया पर उद्योगपति रतन टाटा (Industrialist Ratan Tata) के नाम से एक बयान वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है, ‘व्यवसायी रतन टाटा ने कहा है कि शराब की बिक्री सिर्फ आधार कार्ड के ज़रिए होनी चाहिए। शराब खरीदने वालों को कोई भी सरकारी सब्सिडी या सुविधाएं नहीं देनी चाहिए। अगर किसी के पास शराब खरीदने के पैसे हैं, तो वो राशन खरीदनें में भी सक्षम है। यहां हम लोगों को मुफ्त खाना दे रहे हैं, वहां लोग शराब खरीद रहे हैं।’
आर्टिकल लिखे जाने तक उपरोक्त ट्वीट को 1255 से ज्यादा लोग रिट्वीट और 5485 से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं।
इस दावे को फेसबुक और ट्विटर पर भी कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
Crowdtangle टूल की सहायता से किए गए विश्लेषण से पता चला कि इस दावे को सोशल मीडिया पर कई लोगों द्वारा शेयर किया गया है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
Fact Check/Verification
क्या उद्योगपति रतन टाटा ने कहा कि शराब खरीदने के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य कर देना चाहिए, इस दावे का सच जानने के लिए हमने अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से संबंधित कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली। अगर रतन टाटा द्वारा इस तरह का कोई बयान दिया गया होता, तो यह खबर मेनस्ट्रीम मीडिया के लिए चर्चा का विषय जरूर होती।
रतन टाटा का आधिकारिक ट्विटर हैंडल खंगालने पर भी हमें वायरल दावे से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली।
पड़ताल के दौरान पता चला कि रतन टाटा ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से इंस्टा स्टोरी में, वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा, “यह खबर फर्ज़ी है। मैंने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। धन्यवाद।”
वायरल दावे का सच जानने के लिए की गई पड़ताल के दौरान पता चला कि Tata Group के आधिकारिक फेसबुक पेज पर 4 सितंबर, 2021 को एक पोस्ट शेयर किया गया था। इस पोस्ट के ज़रिए बताया गया है कि सोशल मीडिया पर रतन टाटा के नाम से वायरल हो रहा दावा फर्ज़ी है।
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Conclusion
हमारी पड़ताल में साफ होता है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा पूरी तरह से गलत है। शराब खरीदने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने की बात उद्योगपति रतन टाटा ने नहीं कही है।
Result: False
Our Sources
Ratan Tata’s Instagram Account
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