रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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क्या गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में प्रताड़ित आसिफ ने गाया था कमलेश तिवारी को लेकर विवादास्पद गाना?

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर इस्लाम और कमलेश तिवारी के ऊपर गाना गा रहे एक किशोर की वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि यह वही आसिफ है जिसकी गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में घुसने पर पिटाई की गई थी।

सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के साथ-साथ भारत में साम्प्रदायिकता का जहर भी तेजी से फैल रहा है। सोशल मीडिया तथा WhatsApp Groups के माध्यम से सांप्रदायिक नफ़रत की एक बड़ी खेप हर दिन आम लोगों को परोसी जा रही है। पुराने या गलत वीडियो, पुरानी या गलत आशय के साथ शेयर की जा रही तस्वीरें तथा टेक्स्ट फॉर्मेट में व्यक्त इन विचारों की सहायता से लोगों के अंदर धार्मिक भावनाये भड़काने का पूरा बंदोबस्त किया जा रहा है।

गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में हुए घटना के बाद से वायरल हो रहे हैं कई दावे

हाल ही में गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में कथित तौर पर पानी पीने के कारण आसिफ नामक एक मुस्लिम बच्चे की जमकर पिटाई कर दी गई। पिटाई के असल कारणों को लेकर पुलिस की पड़ताल अभी जारी है लेकिन सोशल मीडिया पर यूजर्स द्वारा इस मामले की पूरी सुनवाई कर फैसला भी सुना दिया गया है। कोई आसिफ नामक इस मुस्लिम बच्चे को चोर की संज्ञा देकर पिटाई को जायज़ ठहरा रहा है तो कोई इस घटना को एक समुदाय विशेष के विरुद्ध जनभावना भड़काने के तौर पर देख रहा है।

बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है जिसको लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के दावे किये जा रहे हैं बल्कि देश में घटी लगभग हर महत्वपूर्ण या चर्चित घटना को लेकर सोशल मीडिया पर एक ही घटना के कई वर्जन सत्य के तौर पर शेयर किये जाते हैं। इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि वीडियो में दिख रहा लड़का वही आसिफ है जिसकी गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में घुसने पर पिटाई कर दी गई थी।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में एक बच्चे को गाना गाते हुए देखा जा सकता है जिसके बोल हैं, “कमलेश तिवारी को फांसी पे चढ़ा देंगे। इस्लाम के खिलाफ जो बोलेगा उसे गन से उड़ा देंगे। कमलेश कहां ये भूला है तू… मुहम्मद को जो बोलेगा उसे बम से उड़ा देंगे।”

Fact Check/Verification

सोशल मीडिया पर गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में घुसने को लेकर प्रताड़ित आसिफ के नाम पर शेयर किये जा रहे इस वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को की-फ्रेम्स में बांटा। एक की-फ्रेम को गूगल पर सर्च किया लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में हमें कोई जानकारी नहीं मिल पाई। फिर हमने अन्य की-फ्रेम्स को भी गूगल पर ढूंढा लेकिन यहां भी हमें वायरल वीडियो में दिख रहे लड़के से संबंधित कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई।

गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में

इसके बाद हमने वीडियो पर लिखे टेक्स्ट “Tauseef Pratapgahri” कीवर्ड की सहायता से गूगल सर्च किया जहां हमें ‘Tauseef Pratapgarhi’ नामक एक फेसबुक अकाउंट प्राप्त हुआ। हमसे बातचीत के दौरान तौसीफ़ ने हमें बताया कि वायरल वीडियो गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में प्रताड़ित हुए आसिफ का नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में रहने वाले तौसीफ़ का है।

तौसीफ़ ने हमें यह भी बताया कि वायरल वीडियो में दिख रहे लड़के का नाम भी तौसीफ़ है इसलिए कई लोगों को भ्रम हो जाता है कि वीडियो में वही हैं। तौसीफ़ ने हमें बताया कि इस वीडियो के बारे में जानकारी के लिए पूर्व में उन्हें कई लोगों की कॉल आयी थी।

इसके बाद हमने “Tauseef Pratapgahri” कीवर्ड का इस्तेमाल कर ट्विटर एडवांस्ड सर्च फीचर की सहायता से वायरल वीडियो के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाही। हमें जानकारी मिली कि साल 2019 के अक्टूबर महीने में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद भी यह वीडियो ख़ासा वायरल हुआ था।

इसके बाद कुछ अन्य कीवर्ड्स की सहायता से सर्च करने पर हमें उक्त वीडियो को लेकर Swarajya द्वारा प्रकाशित एक लेख भी प्राप्त हुआ जो कि वायरल वीडियो से संबंधित है।

बता दें कि Swarajya द्वारा प्रकाशित उक्त लेख में Shefali Vaidya द्वारा कोट किया हुआ एक ट्वीट शेयर किया गया है। हालांकि Shefali Vaidya द्वारा जिस ट्वीट को कोट किया गया था वह अब डिलीट हो चुका है जिसका आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है। गौरतलब है कि Swarajya द्वारा प्रकाशित उक्त लेख में वायरल वीडियो में दिख रहे किशोर की उम्र या वह कहां का है इससे संबंधित कोई जानकारी प्रकाशित नहीं की गई है।

गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में

इसके बाद हमने “Tauseef Pratapgahri” कीवर्ड का इस्तेमाल कर यूट्यूब सर्च किया जहां हमें वायरल वीडियो Akram Barkati Official नामक यूट्यूब चैनल द्वारा 7 नवंबर 2019 को प्रकाशित हुआ मिला।

गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में
गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में प्रताड़ित आसफि के नाम पर तौसीफ़ का वीडिया वायरल

इसके साथ ही हमें वायरल वीडियो में विवादास्पद गाना गा रहे किशोर के कुछ अन्य वीडियो भी प्राप्त हुए जिन्हें देखने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि वायरल वीडियो में दिख रहा लड़का गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में घुसने की वजह से प्रताड़ित आसिफ नहीं बल्कि तौसीफ़ नामक एक किशोर है।

गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में घुसने पर प्रताड़ित आसिफ और तौसीफ़ में अंतर

इसके बाद हमने वायरल वीडियो में विवादास्पद गाना गा रहे किशोर तथा गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में प्रताड़ित आसिफ के बीच तुलनात्मक अध्ययन किया जहां यह बात साफ हो गई कि वायरल वीडियो में विवादस्पद गाना गा रहा किशोर गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में प्रताड़ित आसिफ नहीं है।

गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में
गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में प्रताड़ित आसिफ और तौसीफ़ में अंतर

Conclusion

इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि वायरल वीडियो में दिख रहे किशोर को गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में प्रताड़ित आसिफ बताये जाने का यह दावा भ्रामक है।

Result: Misleading

Claim Review: गाज़ियाबाद के डासना मंदिर में बेरहमी से पीटे गए आसिफ ने गाया था कमलेश तिवारी की मौत पर गाना।
Claimed By: Viral Social Media Post
Fact Check: Misleading

Our Sources

YouTube video published by Akram Barkati Official

Comparative Analysis


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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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