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महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक हलचल के बीच सोशल मीडिया पर शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे की पुरानी तस्वीर शेयर हो रही है। इस ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बाला साहब ठाकरे एकनाथ शिंदे को तिलक लगाकर आशीर्वाद दे रहे हैं।
ट्विटर पर कई यूजर्स वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि बाला साहब एकनाथ शिंदे को तिलक लगाकर आशीर्वाद दे रहे हैं।
ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
(ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।)
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने अपने साथ पार्टी के दर्जनों विधायकों के समर्थन होने का दावा किया है। इसी के साथ ही शिंदे कांग्रेस-एनसीपी से गठबंधन तोड़ने की मांग कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार उनका मानना है कि कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन हिन्दुत्व की विचारधारा के उलट है। वहीं, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे की अगुआई वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार को 30 जून को सुबह 11 बजे बहुमत साबित करने के लिए कहा है।
Fact Check/Verification
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स सर्च की मददे से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें शिवसेना के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से 26 अगस्त 2021 को किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। इस ट्वीट में एक तस्वीर संलग्न है जो कि सोशल मीडिया पर एकनाथ शिंदे के नाम से वायरल तस्वीर से मेल खाती है। ट्वीट का कैप्शन मराठी में लिखा है जिसका हिंदी अनुवाद है, “धर्मवीर आनंद दिघे साहब की याद हर शिवसैनिक के मन में रहती है। स्मृति दिवस के अवसर पर उन्हें बधाई।”
इससे ये स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर में जिस शख्स को एकनाथ शिंदे बताया जा रहा है, दरअसल वे धर्मवीर आनंद दिघे हैं।
कौन हैं धर्मवीर आनंद दिघे?
महाराष्ट्र की राजनीति में एकनाथ शिंदे के अलावा आनंद दिघे का नाम भी चर्चा में है। नब्बे के दशक में आनंद दिघे का सफर शिवसेना के एक साधारण कार्यकर्ता से शुरू हुआ था। उसके बाद वह ठाणे जिले के जिला प्रमुख बने। उन्होंने तेम्बी नाका क्षेत्र में आनंद आश्रम की स्थापना की। उस आश्रम में रोज सुबह जनता दरबार लगता था। फ्रंटलाइन पत्रिका में आनंद दिघे पर छपे एक लेख में उनके नेतृत्व के बारे मेंं लिखा गया, “दीघे ने कोई चुनाव नहीं लड़ा या किसी पद की आकांक्षा नहीं की। उन्हें ‘ठाणे के बालासाहेब ठाकरे’ माना गया।”
बता दें, जी हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आनंद दिघे का 2001 में निधन हो गया था। उससे पहले वे अपने शिष्य एकनाथ शिंदे को राजनीतिक तौर पर शुरुआती सफलता दिला चुके थे।
पड़ताल के दौरान हमें ये तस्वीर शिवसेना नेता यशवंत जाधव द्वारा 27 जनवरी 2022 को किए गए एक ट्वीट में भी मिली।
इसके अलावा हमें 21 जनवरी, 2019 को बीबीसी मराठी द्वारा प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। इस लेख में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह तस्वीर संलग्न है। फोटो के कैप्शन में लिखा है ‘बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे’।
प्रमुख मराठी अखबार ‘लोकमत’ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर हमें एक वीडियो मिला। इसके शीर्षक में लिखा है, “आनंद दीघे को ‘ठाणे का बालासाहेब ठाकरे’ क्यों कहा जाता था?” लोकमत द्वारा अपलोड किए गए इस वीडियो के मुताबिक बाला साहेब ठाकरे के साथ तस्वीर में मौजूद शख्स आनंद दिघे हैं।
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Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में साफ हो गया कि शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे आनंद दीघे को आशीर्वाद दे रहे हैं, एकनाथ शिंदे को नहीं।
Result: False
(यह लेख मूलत: Newschecker Marathi में, फैक्ट चेकर संदेश थोर्वे द्वारा लिखा गया था)
Our Sources
Tweet by the official Twitter handle of Shivsena on August 26, 2021
Tweet by Shiv Sena leader Yashwant Jadhav on January 27, 2022
BBC Marathi article on January 21, 2019
YouTube video uploaded by Lokmat on April 22, 2022
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