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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र के बेहता हाजीपुर में एक बुजुर्ग के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। कथित तौर पर ऑटो सवार चार युवकों ने बुलंदशहर के बुजुर्ग को बंधक बनाकर उनकी दाढ़ी काटी और बेरहमी से पीटा। ऐसे में व्हाट्सएप (WhatsApp) पर 4 मिनट 25 सेकेंड की एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। इस वीडियो में कुछ युवक दीवार पर चढ़कर छत से एक घर के अंदर घुस रहे हैं। इसके बाद कुछ लोग लाठी और डंडों से तीन युवकों को बेहरमी से पीटते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियो में कुछ महिलाएं और लड़के लाठी-डंडे मारते हुए उन युवकों को गली के बाहर तक घसीटते हुए ले जा रहे हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि, “लोनी में जिन लोगों ने बुजुर्ग की दाढ़ी काटी थी, उन्हें घर से निकाल कर पीटा जा रहा है। अगर मुजरिम ये हैं तो फिर पुलिस ने किसे गिरफ्तार किया है?”
देखा जा सकता है कि वायरल वीडियो को फेसबुक और ट्विटर पर अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
Crowd Tangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि वायरल दावे को सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
वायरल वीडियो के आर्काइव वर्ज़न को यहां देखा जा सकता है।
Fact Check/Verification
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। InVID टूल की मदद मिले कीफ्रेम्स को एक-एक कर के हमने Google Reverse Image Search की मदद से खंगाला। लेकिन हमें वायरल वीडियो से संबधित कोई परिणाम नहीं मिला।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। 1 मिनट 49 सेकेंड पर हमने सड़क किनारे एक मोटर साइकिल को खड़े हुए पाया। तस्वीर को जूम करने पर हमें बाइक का नंबर नजर आया। इस दौरान पता चला कि बाइक यूपी की नहीं बल्कि दिल्ली में पंजीकृत है जिसका नंबर DL8SCW5721 है।
अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें 13 जून 2021 को NDTV और News Nation द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट्स मिली। इन दोनों रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में तीन लोग सब्जी विक्रेता से रंगदारी वसूलने आए थे। सब्जी विक्रेता ने मदद मांगने के लिए शोर मचाया और इलाके के लोगों ने तीनों आरोपियों को पकड़कर लाठी-डंडों से पीटा। तीनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस द्वारा एफआइआर (FIR) दर्ज कर दी गई है।
NDTV और News Nation द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट्स के आर्काइव वर्ज़न को यहां और यहां देखा जा सकता है।
YouTube खंगालने पर हमें 13 जून 2021 को Republic Bharat और TV9 Bharatvarsh के आधिकारिक चैनल पर अपलोड की गई वीडियोज मिली। इन दोनों रिपोर्ट्स में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो को देखा जा सकता है। वीडियो में मिली जानकारी के मुताबिक, यह घटना दिल्ली के जहांगीरपुरी की है। उग्र भीड़ द्वारा तीन युवकों को वसूली करने के मामले में पीटा जा रहा है। दरअसल तीनों युवक एक सब्जी वाले से उगाही कर रहे थे।
वायरल वीडियो पर अधिक जानकारी के लिए हमने लोनी बॉर्डर थाने (Loni Border Police Station) में संपर्क किया। बातचीत के दौरान उन्होंने हमें बताया कि इस तरह की कोई भी घटना उनके क्षेत्र में नहीं हुई है। यह वीडियो लोनी, गाजियाबाद का नहीं है।
वायरल दावे की तह तक जाने के लिए हमने SP Rural Ghaziabad से भी संपर्क किया। बातचीत में उन्होंने बताया, “वायरल वीडियो में जिस तरह का दावा किया जा रहा है वह बिल्कुल गलत है। इस वीडियो का लोनी, गाजियाबाद से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो किसी और जगह का है जिसको लोनी, गाजियाबाद का बताकर शेयर किया जा रहा है।” इससे साबित होता है कि जहांगीरपुरी के वीडियो को लोनी, गाजियाबाद का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
जानिये क्या है बुजुर्ग को पीटे जाने के पीछे का सच?
गाजियाबाद में बीते दिनों कथित तौर पर एक मुस्लिम बुजुर्ग की कुछ लोगों ने ‘जय श्रीराम का नारा’ ना लगाने पर पिटाई कर दी थी और साथ ही दाढ़ी भी काट दी थी। इसके बाद यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगी। सोशल मीडिया पर खबर के वायरल होने के बाद देश के कई मीडिया संस्थानों ने इस खबर को प्रकाशित/प्रसारित किया था। जब इस पूरे मामले की जांच की गई तो पता चला कि इस घटना में कोई भी साम्प्रदयिक एंगल नहीं था। इसके बाद यूपी सरकार ने कई पत्रकारों समेत ट्विटर इंडिया पर भी केस दर्ज कराया है। गाजियाबाद पुलिस की अभी तक की जांच में पता चला है की यह दो परिवारों के बीच का विवाद था जिसे सांप्रदायिक रंग देकर कई व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा शेयर किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने भी पीड़ित बुजुर्ग का एक वीडियो ट्वीट करते हुए बताया है कि इस मामले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है। हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस की तफ्तीश जारी है।
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Conclusion
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि दिल्ली के जहांगीरपुरी की घटना को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो का लोनी गाजियाबाद में हुई घटना से कोई लेना-देना नहीं है।
Result: False
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