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तेलंगाना के एक मरीज की चार साल पुरानी तस्वीर भ्रामक दावे के साथ वायरल

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार के पास दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति बनाने के लिए पैसा है, लेकिन गरीबों के इलाज के लिए पैसा नहीं है.

Fact

केंद्र सरकार के पास गरीबों के इलाज की व्यवस्था के लिए पैसा ना होने के नाम पर शेयर की जा रही इस तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने इसे गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें k.santhosh नामक यूजर द्वारा रिपोस्ट किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ, जिसे Abhinay Deshpande नामक पत्रकार द्वारा शेयर किया गया है.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

The Hindu के लिए कार्यरत पत्रकार Abhinay Deshpande ने 19 जुलाई 2020 को शेयर किए गए पोस्ट में इस तस्वीर को तेलंगाना के महबूबनगर जिले का बताया है.

k.santhosh नामक यूजर का X पेज

एक यूजर द्वारा घटना के बारे में अधिक जानकारी मांगने पर अभिनय देशपांडे ने यह जानकारी दी है कि Amangal स्थित सरकारी अस्पताल में बेड ना होने की वजह से ड्यूटी कर रही नर्स ने मरीज को लेकर आए वाहन में ही उनका इलाज शुरू कर दिया और बोतल मरीज की पुत्री को देकर उन्हें Kalwakurthy स्थित सरकारी अस्पताल जाने का सुझाव दिया था.

पत्रकार Abhinay Deshpande द्वारा शेयर किया गया ट्वीट

बता दें कि News18 Telugu द्वारा प्रकाशित एक लेख में वायरल तस्वीर को तेलंगाना का बताया गया है. कई अन्य तेलुगु यूजर्स तथा राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने भी इस तस्वीर को तेलंगाना का बताया है.

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि केंद्र सरकार के पास गरीबों के इलाज की व्यवस्था के लिए पैसा ना होने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में वायरल तस्वीर साल 2020 में तेलंगाना के महबूबनगर जिले में बेड की कमी की वजह से उपजी अव्यवस्था की है तथा यह केंद्र सरकार या भाजपा से संबंधित नहीं है.

Result: Partly False

Our Sources
Article published by News18 Telugu on 19 July, 2020
Social media posts


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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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