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क्या चीन ने कबूल किया कि सीमा पर उसके भी 100 जवान हुए थे शहीद? बीजेपी नेता का ट्वीट सोशल मीडिया में हुआ वायरल

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim

चीन के सैन्य अधिकारियों ने बताया कि गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में 100 से ज्यादा चीनी सैनिक शहीद हुए।

जानिए वायरल दावा

सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक वेबसाइट का लिंक शेयर किया है। लिंक एक ख़बर का है, जहां दावा किया गया है कि चीन के सैन्य अधिकारियों ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में उनके 100 से अधिक सैनिक शहीद हुए हैं।

ट्वीट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

फैक्ट चेक

क्या चीन ने वाकई कबूल किया कि गलबान में उसके भी 100 सैनिक मारे गए थे? ऐसी ही एक ख़बर इन दिनों सोशल मीडिया के यूज़र्स द्वारा खूब शेयर की जा रही है। इस दावे का सच जानने के लिए कुछ कीवर्ड्स की मदद से पड़ताल शुरू की। इस दौरान पता चला कि कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस दावे को तेजी से शेयर किया है।

ट्विटर पर वायरल हो रही इस ख़बर की सच्चाई जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। वायरल खबर में Global times news के हवाले से यह दावा किया जा रहा है कि गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच की हिंसक झड़प में 100 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए।

इसलिए पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले इस खबर को globaltimesnews द्वारा हाल ही में प्रकाशित किये लेखों में कुछ संबंधित कीवर्ड्स के माध्यम से खंगाला। खोज में मिले परिणामों के मुताबिक ग्लोबल टाइम्स न्यूज़ ने हाल ही वायरल खबर से संबंधित कोई लेख प्रकाशित नहीं किया है।

हालांकि वेबसाइट पर हाल ही में भारत-चीन के मसले पर कुछ लेख प्रकाशित जरूर हुए हैं। लेकिन उनका वायरल खबर से कोई संबंध नहीं है।

वायरल पोस्ट में शेयर की जा रही खबर की जानकारी प्राप्त करने के लिए अब हमने पोस्ट के स्क्रीनशॉट के साथ वायरल हो रही चीनी व्यक्ति की तस्वीर को खोजने का प्रयास किया। स्क्रीनशॉट में व्यक्ति को Jainli yang नामक चीन के सैन्य अधिकारी बताया गया है।

चीनी व्यक्ति की जानकारी जुटाने के लिए हमने स्क्रीनशॉट के साथ वायरल हो रहे व्यक्ति की तस्वीर को गूगल पर खोजा। खोज के दौरान हमें वायरल तस्वीर publishedreporter नाम की वेबसाइट पर मई 22 साल 2019 को छपे एक लेख में प्राप्त हुई।

प्राप्त लेख के मुताबिक व्यक्ति का नाम Jianli Yang है। जो पेशे से डॉक्टर हैं और साथ ही कई मानवाधिकार संगठनों में एडवाइजर हैं और दुनिया में इनकी पहचान चीन में लोकतंत्र की लड़ाई लड़ने वाले नेता के तौर पर की जाती है। जबकि वायरल खबर में इन्हें एक सैन्य अधिकारी बताया जा रहा है। उपरोक्त लेख में Jianli Yang के बारे में दी गयी जानकारी की पुष्टि के लिए हमने गूगल पर बारीकी से खोजा। इस दौरान हमें यूट्यूब पर एक वीडियो प्राप्त हुआ। जहां Jianli Yang कुछ भाषण दे रहे हैं। वीडियो के शीर्षक में Jianli Yang को चीन सरकार का विरोधी नेता बताया गया है।

उपरोक्त मिले साक्ष्यों से वायरल दावे की विश्वसनीयता पर शक हुआ। लिहाजा हमने वायरल स्क्रीनशॉट की ओरिजिनल  वेबसाइट को खोजने का प्रयास किया। इस दौरान कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमें kreately.in नाम की वेबसाइट पर वायरल खबर प्राप्त हुई। जिसका स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

गौरतलब है कि उपरोक्त वेबसाइट एक भारतीय वेबसाइट है जिसपर कोई भी व्यक्ति लॉगिन कर कुछ भी पोस्ट कर सकता है। इसके नमूने को आप नीचे दी गयी तस्वीर से देख सकते है। तस्वीर में kreately के डैशबोर्ड को देखा सकता है। डैशबोर्ड से हम कुछ भी एडिट या पोस्ट कर सकते हैं।

वायरल खबर में कोई सत्यता नहीं है इसकी पुष्टि के लिए हमें चीन के globaltimesnews के संपादक का 16 जून को किया गया एक ट्वीट मिला। जहां जानकारी दी गयी है कि चीन सरकार ने गलवान घाटी पर मरने वाले सैनिकों की कोई जानकारी नहीं दी है।

कई टूल्स और कीवर्ड्स के प्रयोग के बाद यह साफ हो गया कि वायरल दावा पूरी तरह से फेक है।

Tools Used 

  • Google Search
  • Twitter Advanced Search
  • Reverse Image Search

Result: False


(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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