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क्या 5 अप्रैल रात 9 बजे कुछ ऐसा दिख रहा था अंतरिक्ष से भारत? फ़ेक दावा वायरल

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim- इस जगमगाते भारत के नक्शे की तस्वीर को 5 अप्रैल की रात NASA की सैटेलाइट द्वारा खींचा गया है। जिसका पूरा श्रेय मोदी जी को जाता है।

जानिए वायरल दावा क्या है-  भारत में कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने के लिए पूरे देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन किया गया है। देश में दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमित पीड़ितों की संख्या में वृद्धि होने के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता का मनोबल बढ़ाने तथा वायरस से इस लड़ाई में सबको एकजुट रखने के लिए 5 अप्रैल रात 9 बजे देश के सभी लोगों से घर की सारी लाइटें बंद कर 9 मिनट के लिए मोमबत्ती या दिये जलाने का आग्रह किया था। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर भारत के एक जगमगाते नक्शे की तस्वीर शेयर की जा रही है। दावा किया गया है कि यह तस्वीर नासा की सैटेलाइट द्वारा ली गयी है।

Verification

21 दिनों की इस लॉकडाउन के बीच कोरोना वायरस से संक्रमित पीड़ितों की संख्या बढ़कर 4067 हो गयी है, तो वहीं मरने वालों की संख्या 109 पहुँच चुकी है। प्रधानमंत्री द्वारा 5 अप्रैल की रात को मोमबत्ती और दिये जलाने की अपील करने के बाद ट्विटर पर हमें भारत के जगमगाते नक्शे व कई लोगों के एक कतार में खड़े होकर दिए जलाने की तस्वीरें प्राप्त हुई। जहां दावा किया जा रहा है कि उक्त तस्वीरों को नासा ने सैटेलाइट से खींचा है।

तस्वीर के साथ वायरल हो रहे दावे की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी खोज शुरू की। इस दौरान हमने सबसे पहले NASA के आधिकारिक ट्विटर हैंडल और वेबसाइट पर वायरल तस्वीर को खंगाला। लेकिन कहीं पर भी वायरल हो रही तस्वीर प्राप्त नहीं हुई।

आगे खोजने पर हमें 21 मार्च 2020 को फेसबुक पर पोस्ट हुए कोरोना वायरस से संबंधित एक वीडियो में वायरल तस्वीर दिखी  

इसके साथ ही  यूट्यूब पर 23 सितंबर 2019 को अपलोड हुए 2 मिनट के एक वीडियो में भी वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था।

उपरोक्त प्राप्त तथ्यों में तस्वीर की कोई सटीक जानकारी न मिलने के कारण हमने Google पर और बारीकी से खोजा जिसके बाद  हमें vimeo.com नामक वेबसाइट पर अपलोड एक वीडियो में वायरल तस्वीर प्राप्त हुई।

वीडियो के विश्लेषण में अंग्रेजी भाषा में लिखा है कि ‘This motion graphics pack includes 3 looped animated India maps. The outline of the country is set over faint map lines. Numerous dots light up the country, representing a huge number in India for a variable you want to use your video projects. These video clips come in various colors – red, blue, and grey. These are perfect for slideshows, presentations, trailers, advertisements, etc. Available in HD.’  अंग्रजी के इस अनुच्छेद के मुताबिक यह तस्वीर एक ‘मोशन ग्राफ़िक’ का हिस्सा है। जिसे तीन और रंगों जैसे लाल, नीला और ग्रे में भी देखा जा सकता है।  

इसके बाद पोस्ट में वायरल हो रही लोगों के एक लंबी कतार में खड़े हो कर मोमबत्ती और दिए जलाने वाली’ तस्वीर का पता लगाने के लिए हमने रिवर्स सर्च किया । इस दौरान हमें newsclick नामक वेबसाइट पर 13 दिसंबर साल 2016 को प्रकाशित एक लेख में वायरल तस्वीर प्राप्त हुई । लेख के मुताबिक उक्त तस्वीर साउथ कोरिया के एक ऐतिहासिक  प्रदर्शन की है। जहां 30 हजार प्रदर्शनकारी एक साथ राष्ट्रपति के दोषारोपण के जश्न को मनाने के लिए एकजुट हुए थे। 

पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए तथ्यों का बारीकी से अध्ययन करने पर हमें पता चला कि वायरल तस्वीर NASA द्वारा नहीं खींची गयी बल्कि इस तस्वीर को मोशन ग्राफ़िक एवं एनीमेशन की सहायता से बनाया गया है।  साथ ही लोगों के एक लंबी कतार में खड़े हो कर मोमबत्ती जलाने वाली तस्वीर भी भारत की नहीं बल्कि साउथ कोरिया की है।   

 

Tools Used 

  • Reverse Image Search 
  • Google Search
  • Youtube Search     

  

Result- False 

 

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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