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साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम को लेकर फैलाई गई अफवाह को यूपी विधानसभा चुनाव से जोड़ा गया

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि EVM में हेराफेरी के कारण उत्तर प्रदेश में बसपा को पड़ने वाले वोट भाजपा के खाते में चले गए.

10 मार्च, 2022 को उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आ गए. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर तथा गोवा में जहां एनडीए (NDA) को विजय हासिल हुई, वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) को बहुमत प्राप्त हुआ है. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कुल 255 सीटों पर विजय मिली है. जीत को लेकर जहां भाजपा समर्थकों में खुशी की लहर है तो वहीं विपक्षी दलों के समर्थक हार की समीक्षा के साथ सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का भी आरोप लगा रहे हैं.

मतगणना के पूर्व विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) पर संवैधानिक संस्थाओं तथा EVM के दुरूपयोग का आरोप लगाया. इसके बाद से ही EVM में हेराफेरी तथा खराबी से जुड़े तमाम वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर किये जाने लगे. विपक्षी दलों द्वारा प्रोटोकॉल टूटने (Protocol breach) के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने वाराणसी के ADM नलिनी कांत सिंह के खिलाफ कार्रवाई की है.

इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा के तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि EVM में हेराफेरी के कारण उत्तर प्रदेश में बसपा को पड़ने वाले वोट भाजपा के खाते में चले गए.

Fact Check/Verification

EVM में हेराफेरी के कारण उत्तर प्रदेश में बसपा को पड़ने वाले वोट भाजपा के खाते में चले जाने के नाम पर शेयर की जा रही इस तस्वीर की पड़ताल के लिए, हमने तस्वीर को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि वायरल तस्वीर विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के पहले से ही सोशल मीडिया पर मौजूद है.

EVM में हेराफेरी के कारण उत्तर प्रदेश में बसपा को पड़ने वाले वोट भाजपा के खाते में चले गए.
गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

वायरल तस्वीर को लेकर The Lallantop द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान बिजनौर लोकसभा क्षेत्र के कसोली मतदान केंद्र की है. इसके अतिरिक्त हमें वायरल तस्वीर को लेकर Janta Ka Reporter द्वारा 11 अप्रैल, 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट भी प्राप्त हुई.

The Lallantop द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

अपनी पड़ताल के दौरान हमने यह भी पाया कि वायरल तस्वीर Dalit National Dastak द्वारा 12 अप्रैल, 2019 को शेयर किये गए एक ट्वीट में भी मौजूद है.

इसके अतिरिक्त हमें 2019 में शेयर किये गए कई अन्य सोशल मीडिया पोस्ट्स भी प्राप्त हुए, जिनसे इस बात की पुष्टि हो जाती है कि वायरल तस्वीर 2019 से ही इंटरनेट पर मौजूद है.

वायरल तस्वीर के साथ साल 2019 में शेयर किया गया पोस्ट
वायरल तस्वीर के साथ साल 2019 में शेयर किया गया पोस्ट

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि EVM में हेराफेरी के कारण उत्तर प्रदेश में बसपा को पड़ने वाले वोट भाजपा के खाते में चले जाने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. वायरल तस्वीर असल में साल 2019 से ही इंटरनेट पर मौजूद है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान बिजनौर लोकसभा क्षेत्र के कसोली मतदान केंद्र की है, जहां EVM में खराबी की शिकायत के बाद विवाद बढ़ गया था.

Result: False Context

Our Sources
Article published by The Lallantop
Article published Janta Ka Reporter
Tweet by Dalit National Dastak
Facebook post by Salman Gauri

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Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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