Authors
Claim
यह मणिपुर हिंसा का वीडियो.
Fact
ये वीडियो लगभग तीन साल पुराना है और इसका मणिपुर हिंसा से कोई संबंध नहीं है.
मणिपुर इस समय हिंसा (Manipur Violence) की आग में जल रहा है. हिंसा इतनी बढ़ चुकी है कि दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला वीडियो काफी वायरल है, जिसमें दो लोगों को अंधेरे में ताबड़तोड़ फायरिंग करते देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि ये मणिपुर हिंसा का वीडियो है. वीडियो के जरिए लोग केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सेवादल ने भी इस वीडियो को मणिपुर का बताकर शेयर किया है और कैप्शन में लिखा है, “ये कोई फ़िल्मी सीन नहीं मणिपुर में मोदी जी की डबल इंजन की सरकार है अब दलाल मीडिया और मोदी भक्त ये बताए कि यहाँ कौन सा विपक्ष और नेता गये थे भड़काने ? कहावत है “नाच न जाने, आँगन टेढ़ा” देश बर्बाद कर दिया..” वीडियो इस दावे के साथ फेसबुक और ट्विटर पर काफी वायरल है.
मणिपुर में ये हिंसा ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन द्वारा बुधवार को बुलाई गई सॉलिडेरटी मार्च के दौरान शुरू हुई. ये झड़प आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों के बीच की है. आदिवासी समुदाय इस बात का विरोध कर रहा है कि गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा क्यों नहीं मिलना चाहिए. दरअसल, मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वे मैतेई समुदाय की एसटी कैटेगरी में शामिल करने की मांग पर विचार करे. इसी बात को लेकर ये हिंसा हो रही है. खबरों के अनुसार, हिंसा में अभी तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
Fact Check/Verification
वायरल वीडियो के एक कीफ्रेम को Yandex सर्च इंजन पर रिवर्स सर्च करने पर हमें एक इंस्टाग्राम पोस्ट मिला. इस पोस्ट में वायरल वीडियो को देखा जा सकता है. गौर करने वाली बात ये है कि ‘threatty_’ नाम के हैंडल से वीडियो को 5 जुलाई 2020 को शेयर किया गया था. सच यहीं सामने आ जाता है कि वीडियो पुराना है, अभी का नहीं.
Instgram पोस्ट में वीडियो के बारे में कोई खास जानकारी नहीं दी गई है. कैप्शन में सिर्फ “Warzone!” लिखा है. साथ में #gaming #justforfun जैसे हैशटैग्स का इस्तेमाल किया गया है. ‘threatty_’ नाम के इस हैंडल के बायो में इसी नाम के एक YouTube चैनल का जिक्र किया गया है. ये एक गेमिंग चैनल हैं. चैनल पर गेमिंग के तमाम वीडियो देखे जा सकते हैं.
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हांलाकि, हम इस बात कि पुष्टि नहीं कर सकते कि वायरल वीडियो गेमिंग वीडियो है या असली, लेकिन ये बात स्पष्ट है कि इसका मणिपुर हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है.
Conclusion
हमारी जांच में ये बात साबित हो जाती है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वीडियो मणिपुर में हुई हिंसा के तीन साल पहले से इंटरनेट पर मौजूद है.
Result: False
Our Sources
Instagram post by ‘threatty_’
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