शुक्रवार, मार्च 29, 2024
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दारुल उलूम देवबंद द्वारा हिन्दू बस्तियों में केमिकल युक्त खाने-पीने की चीजों को बेचने का नहीं जारी किया गया फतवा, भ्रामक दावा वायरल है

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर कर यह दावा किया गया कि मदरसा दारुल उलूम देवबंद द्वारा हिन्दू बस्तियों में केमिकल युक्त खाने-पीने की चीजें बेचने का फतवा जारी किया गया है.

Instagram will load in the frontend.

साल 2020 की शुरुआत में कोरोना के मामलों में वृद्धि होने के बाद सरकार द्वारा लॉकडाउन इत्यादि कदम उठाये गए तभी से लोग हाइजीन (स्वच्छता) को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं. Newschecker द्वारा किये गए विश्लेषण के अनुसार, साल 2020 तथा 2021 में मुस्लिमों द्वारा खाने-पीने की चीजों में थूकने तथा अन्य माध्यमों से खाने को दूषित करने से संबंधित भ्रामक/फेक दावों में बढ़ोत्तरी हुई है।

यूं तो फतवा अक्सर गलत कारणों या ईशनिंदा के मामलों में उलजुलूल आदेशों की वजह से सुर्ख़ियों में रहता है. लेकिन BBC हिंदी द्वारा प्रकाशित एक लेख के अनुसार, ‘आसान शब्दों में इस्लाम से जुड़े किसी मसलों पर क़ुरान और हदीस की रोशनी में जो हुक़्म जारी किया जाए वो फ़तवा है. हर मौलवी या इमाम फतवा जारी नहीं कर सकता है.’

इसी क्रम में, सोशल मीडिया यूजर्स ने यह दावा किया कि मदरसा दारुल उलूम देवबंद द्वारा हिन्दू बस्तियों में केमिकल युक्त खाने-पीने की चीजें बेचने का फतवा जारी किया गया है.

मदरसा दारुल उलूम देवबंद द्वारा हिन्दू बस्तियों में केमिकल युक्त खाने-पीने की चीजे बेचने का फतवा जारी किया गया
फेसबुक पर शेयर किया गया वायरल दावा

Fact Check/Verification

मदरसा दारुल उलूम देवबंद द्वारा हिन्दू बस्तियों में केमिकल युक्त खाने-पीने की चीजें बेचने का फतवा जारी करने के नाम पर शेयर किये जा रहे इस ट्वीट के स्क्रीनशॉट की पड़ताल के लिए, हमने स्क्रीनशॉट में दिए गए यूजरनेम (gayur_sheikh) को ट्विटर पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि उक्त ट्विटर हैंडल वर्तमान में ट्विटर पर मौजूद नहीं है.

ट्विटर यूजर @gayur_sheikh के पेज का स्क्रीनशॉट

‘हिन्दू कोफिर बस्ती’ कीवर्ड्स को ट्विटर पर ढूंढने पर हमें ƝᏆᎢᏆN नामक ट्विटर यूजर द्वारा 28 फरवरी, 2020 को शेयर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ. बता दें कि उक्त ट्वीट का कंटेंट वायरल स्क्रीनशॉट में शेयर किये गए ट्वीट के कंटेंट से हूबहू मेल खाता है.

archive.org टूल पर उक्त ट्विटर प्रोफाइल का आर्काइव वर्जन ढूंढने पर हमें यह जानकारी मिली कि 1 मार्च, 2020 को उक्त ट्विटर प्रोफाइल आर्काइव किया गया था. हालांकि Wayback Machine में कुछ तकीनीकी खराबी के कारण हम उक्त आर्काइव वर्जन को एक्सेस नहीं कर सके.

हालांकि, @gayur_sheikh हैंडल को मेंशन करते हुए 1 जनवरी, 2020 से लेकर 4 मार्च, 2020 तक शेयर किये गए ट्वीट्स में हमें कई स्क्रीनशॉट्स प्राप्त हुए, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि @gayur_sheikh एक पैरोडी हैंडल है. इसके अतिरिक्त भी हमें कुछ ऐसे स्क्रीनशॉट्स प्राप्त हुए जिनसे उक्त हैंडल के पैरोडी होने की पुष्टि की जा सकती है.

‘मौलाना गयूर शेख’ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढने पर हमें अमर उजाला तथा Zee News द्वारा प्रकाशित लेख प्राप्त हुए, जिनमें उक्त फतवे को फर्जी बताया गया है. Zee News द्वारा प्रकाशित लेख के अनुसार, ‘उलेमाओं ने फर्जी फतवे पर अवाम से ध्यान ना दें की बात कही है साथ ही साथ यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर जितने भी फतवे वायरल होते हैं पहले उनकी आवाम तहकीकात करें फिर उन पर जाकर यकीन करें. उन्होंने कहा, क्योंकि आए रोज़ दारूल उलूम देवबंद को बदनाम करने की लगातार साजिशें हो रही है, इसीलिए पहले आवाम तहकीकात करे और सोशल मीडिया पर जो अफवाह फैलाई जा रही है उनका यकीन ना करें.’

Zee News द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

Conclusion

इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि मदरसा दारुल उलूम देवबंद द्वारा हिन्दू बस्तियों में केमिकल युक्त खाने-पीने की चीजें बेचने का फतवा जारी करने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह फतवा असल में एक पैरोडी ट्विटर हैंडल द्वारा जारी किया गया था. बाद में दारुल उलूम के फतवा विभाग ने फतवे को फर्जी बताते हुए स्पष्टीकरण जारी किया था.

Result: False

Our Sources

Newschecker Analysis

Amar Ujala: https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/muzaffarnagar/darul-uloom-strict-on-fake-fatwa-demanding-action-from-police-devband-news-mrt4716968165

Zee News: https://zeenews.india.com/hindi/zeesalaam/news/fake-fatwa-viral-on-social-media-deoband-ulema-filed-complaint/649825

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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