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क्या कोरोना संकट के बीच बंगाल हिंसा के विरोध में धरने पर बैठे केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन?

पश्चिम बंगाल में आये चुनाव नतीजों के बाद से राज्य के कई इलाकों में हिंसा भड़की हुई है। बीजेपी इस हिंसा का जिम्मेदार टीएमसी को ठहरा रही है। अब तक इस झड़प में आधिकारिक रूप से 17 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। इसके विरोध में बीजेपी नेताओं ने 5 मई को देश के अलग-अलग हिस्सों में धरना प्रदर्शन किया था। इसी बीच शेयरचैट पर केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन की एक तस्वीर वायरल हो रही है।

इस तस्वीर में हर्षवर्धन के साथ बीजेपी के अन्य नेताओं और मंत्रियों को भी देखा जा सकता है। तस्वीर में नज़र आ रहे सभी लोग हाथों में “बंगाल बचाओ लोकतंत्र बचाओ” का बैनर लिए धरने पर बैठे हैं। तस्वीर में देखा जा सकता है कि सभी नेता अपने मुंह पर उंगली रखकर बैठे हैं। तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि “बीच में बैठा आदमी, इस देश का स्वास्थ्य मंत्री है। इनको मास्क लगाने की जरुरत नहीं है। 5-7 लोगों के मरने पर धरने पर बैठ गए, रोज ऑक्सीजन और दवा की कमी से 3000 से 3500 और ज्यादा लोग भी मर रहे हैं तब दिखाई नहीं देता। क्योंकि इनको सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं की चिंता है, जनता जाए भाड़ में.”     

हर्षवर्धन द्वारा टीएमसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

इस दावे को फेसबुक और ट्विटर पर अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।

हर्षवर्धन द्वारा टीएमसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

Crowd Tangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि वायरल दावे को सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।

हर्षवर्धन द्वारा टीएमसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां और यहां देखा जा सकता है।

Fact Check/Verification

केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन की वायरल हो रही तस्वीर की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। Google Reverse Image Search की मदद से खंगालने पर हमें 15 मई, 2019 को दैनिक जागरण और HW हिंदी द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट्स मिली। इन दोनों रिपोर्ट्स के मुताबिक 14 मई 2019 को कोलकाता में गृहमंत्री अमित शाह के रोड शो के दौरान उनके काफिले पर पथराव हुआ था। इस पथराव के बाद बीजेपी और टीएमसी के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प देखी गई थी। इस विरोध के बाद बीजेपी नेता दिल्ली के जंतर मंतर पर मौन धारण कर धरने पर बैठे थे। इन दोनों रिपोर्ट्स में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

हर्षवर्धन द्वारा टीएमसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

अधिक खोजने पर हमें 15 मई 2019 को दूरदर्शन द्वारा प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल में भाजपा के रोड शो के दौरान एक हिंसा हुई थी। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह के रोड शो में उनके काफिले पर पथराव किया गया था।

हर्षवर्धन द्वारा टीएमसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

खोज के दौरान हमें न्यूज़ एजेंसी ANI द्वारा 15 मई 2019 को किया गया एक ट्वीट मिला। ट्वीट के ज़रिए बताया गया है कि बीजेपी के नेता दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठे थे। ट्वीट में वायरल तस्वीर को भी देखा जा सकता है, जिसमें केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन के साथ अन्य केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, विजय गोयल और निर्मला सीतारमण को देखा जा सकता है। पश्चिम बंगाल में हिंसा होने के बाद बीजेपी के नेता टीएमसी के खिलाफ मौन धारण कर धरने पर बैठे थे। 

Read More: क्या पीएम मोदी ने कहा देश में जुलाई 2021 तक बंद रहेंगे सभी स्कूल और कॉलेज? जानें वायरल दावे की सच्चाई

Conclusion

सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की वायरल हो रही तस्वीर का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि दो साल पुरानी तस्वीर को अभी का बताकर शेयर किया जा रहा है। पड़ताल में हमने पाया कि यह तस्वीर मई 2019 की है। जब हर्षवर्धन और अन्य बीजेपी नेताओं ने टीएमसी के खिलाफ दिल्ली में मौन धरना किया था। गौर करने वाली बात है कि उस वक्त देश में कोरोना का कोई संक्रमण नहीं था. लिहाजा लोगों को मास्क पहनने की कोई अनिवार्यता भी नहीं थी।


Result: Misleading


Conclusion

Dainik Jagran

DD News

HW News

Twitter


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