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कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच देश में ब्लैक फंगस (Black Fungus) का संकट भी बढ़ता जा रहा है। देश के अलग-अलग- राज्यों से ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आ रहे हैं। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा इसे महामारी भी घोषित कर दिया गया है। भारत में इस समय ब्लैक फंगस के 9 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जब देश में कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी उस समय कई घरेलू नुस्खे सामने आए थे। इसी तरह इन दिनों भी ब्लैक फंगस से लड़ने के लिए सोशल मीडिया पर कई घरेलू उपचार साझा किए जा रहे हैं। शेयरचैट पर एक अखबार की कटिंग शेयर की जा रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि ब्लैक फंगस से लड़ने में तेल, नमक, हल्दी और फिटकरी का मंजन कारगर है।
ब्लैक फंगस को लेकर किए जा रहे दावे को फेसबुक और ट्विटर पर अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
Crowd Tangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि वायरल दावे को सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
Fact Check/Verification
ब्लैक फंगस (Black Fungus) के उपचार को लेकर वायरल हो रहे दावे की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। गगूल कीवर्ड्स सर्च की मदद से खंगालने पर हमें वायरल दावे से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं मिली।
पड़ताल जारी रखते हुए हमने Ministry of Health की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला। इस दौरान वेबसाइट पर भी हमें वायरल दावे से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली।
World Health Organization की आधिकारिक वेबसाइट को खंगालने पर भी हमें ब्लैक फंगस के घरेलू उपचार से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली।
कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल खंगालने पर हमें Navbharat Times और पंजाब केसरी द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट्स मिली। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक सरसों का तेल और नमक का इस्तेमाल करने से दातों का पीलापन दूर होता है। इसके साथ-साथ तेल और नमक से मालिश करने से दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं। सरसों के तेल में हल्दी मिलाकर पेस्ट लगाने से दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं। इसके इस्तेमाल से दांतों का पीलापन दूर हो जाता है। फिटकरी का इस्तेमाल करने से दांतों में लगे कीड़ों से छुटाकारा पाया जा सकता है।
वायरल दावे की तह तक जाने के लिए हमने डॉक्टर हरीश गुप्ता (Dr. Harish Gupta, Elected Member National Medical Commission & DMA) से संपर्क किया। बातचीत में उन्होंने बताया, “कोरोना संक्रमित मरीज़ों पर अधिक मात्रा में स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसकी वजह से लोग ब्लैक फंगस यानि म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) से संक्रमित हो रहे हैं। डायबिटीज़ के मरीज़ों को ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा बताया जा रहा है। अधिक मात्रा में स्टीम लेना भी हानिकारक हो सकता है और इसके भी कई मामले सामने आ रहे हैं। जिन लोगों का शुगर कंट्रोल में नहीं रहता है ऐसे लोगों को भी स्टेरॉइड्स अधिक दिया जाता है। स्टेरॉइड्स का अधिक इस्तेमाल हानिकारक साबित हो रहा है। ब्लैक फंगस चेहरे, नाक और आंख के ऑरबिट को प्रभावित करता है, जिससे आंखों की रोशनी भी जा सकती है। यह केवल डायबिटीज़, कोविड रोगी और स्टेरॉयड पर रहने वाले लोगों को ही हो रहा है।” उन्होंने हमें बताया कि हल्दी, तेल, फिटकरी और नमक से ब्लैक फंगस ठीक नहीं होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के नुस्खे आज़माने से नुकसान भी हो सकता है। डॉक्टर की सलाह के बिना घर पर खुद से इलाज नहीं करें यह किसी खतरे से कम नहीं है।
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ट्विटर खंगालने पर हमें 24 मई, 2021 को PIB Fact Check द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला। इसके मुताबिक सोशल मीडिया पर ब्लैक फंगस को लेकर किया जा रहा दावा फर्ज़ी है। इस नुस्खे से ब्लैक फंगस के उपचार का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
Conclusion
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि ब्लैक फंगस को घरेलू नुस्खों से ठीक नहीं किया जा सकता है। पड़ताल के दौरान हमने पाया कि नमक, फिटकरी, हल्दी और तेल के इस्तेमाल से ब्लैक फंगस से निजात नहीं पाया जा सकता। लोगों को भ्रमित करने के लिए इस तरह के दावे किए जा रहे हैं।
Result: False
Our Sources
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