सोशल मीडिया पर एक बड़े आकार के यंत्र को ट्रांसपोर्ट किए जाने का वीडियो इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि ईरान इजरायल पर हमला करने के लिए बड़ी मिसाइल लेकर जा रहा है.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो उज्बेकिस्तान के कश्कादरिया प्रांत में बनाए गए गैस टू लिक्विड प्रोजेक्ट प्लांट के लिए स्लरी हॉपर यंत्र को 2018-2019 में ट्रांसपोर्ट किए जाने के दौरान का है.
इजरायल और ईरान के बीच बीते 8 दिनों से संघर्ष जारी है. बीते बुधवार को ईरान ने यह दावा किया कि उसने इजरायल पर सबसे घातक हथियार हाइपरसोनिक फतह मिसाइल लांच किया है. इससे पहले इजरायल ने भी ईरान के कई परमाणु केंद्रों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था. अस्पताल पर हमले के बाद इजरायल ने ईरान के अराक और नतांज़ समेत कई परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है.
वायरल हो रहा वीडियो करीब 30 सेकेंड का है, जिसमें एक-एक ट्रक आगे और पीछे से एक बड़े गोलाकार यंत्र को खींचते नजर आ रहे हैं. यह यंत्र आगे से नुकीला दिखाई देता है. इस वीडियो को X पर ईरान द्वारा इजरायल पर हमला करने के लिए बड़ी मिसाइल लेकर जाने के दावे से शेयर किया जा रहा है.

Fact Check/Verification
ईरान द्वारा इजरायल पर हमला करने के लिए बड़ी मिसाइल लेकर जाने के दावे से वायरल हुए वीडियो की पड़ताल के लिए, कीफ्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें उज़्बेकिस्तान के एक यूट्यूब अकाउंट से 2021 में अपलोड किया गया वायरल वीडियो का लंबा वर्जन मिला. हालांकि, वीडियो के साथ मौजूद डिस्क्रिप्शन में कोई ख़ास जानकारी नहीं दी गई थी.

वीडियो को ध्यानपूर्वक देखने पर आगे से खींच रहे ट्रक पर हमें “caba misnak” लिखा हुआ दिखाई दिया. जब हमने कीवर्ड सर्च किया तो पाया कि यह तुर्की की कंपनी है जो भारी सामान को एक जगह से दूसरे जगह पर पहुंचाती है. यह कंपनी तुर्की, इराक और मध्य एशिया के देशों में भी प्रोजेक्ट संभालती है.

इसी वेबसाइट पर हमें इस कंपनी का फेसबुक अकाउंट भी मिला, जब हमने इस फेसबुक अकाउंट को खंगालना शुरू किया तो हमें दिसंबर 2018 से लेकर मई 2019 के बीच पोस्ट किए गए कई वीडियोज और तस्वीरें मिलीं. जिनमें वायरल वीडियो से जुड़े दृश्य मौजूद थे.

इन अलग-अलग पोस्ट्स में मौजूद कैप्शन में बताया गया था कि caba misnak कंपनी ने उज्बेकिस्तान के UGTL प्रोजेक्ट में इस्तेमाल होने वाले 520 टन के स्लरी हॉपर को 1800 किलोमीटर दूर से ट्रांसपोर्ट कर प्लांट में पहुंचाया था.

इस दौरान हमने UGTL के बारे में गूगल सर्च किया तो पाया कि यह उज्बेकिस्तान गैस टू लिक्विड प्रोजेक्ट (UZGTL) है, जिसकी वेबसाइट भी हमें मिली. वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, कश्कादरिया प्रांत में इस प्रोजेक्ट के प्लांट का निर्माण 2014 में शुरू हुआ था और 2021 तक यह काफी हद तक तैयार हो गया था.

इसके बाद हमने ऊपर मिली जानकारी के आधार पर ‘उज़्बेकिस्तान 520 टन स्लरी हॉपर’ जैसे कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया. इस दौरान हमें HEAVY TRANSPORT नाम के यूट्यूब अकाउंट से 13 दिसंबर 2018 को अपलोड किया गया 1 मिनट 37 सेकेंड का वीडियो मिला, जो वायरल वीडियो का ही लंबा वर्जन था. वीडियो के साथ मौजूद डिस्क्रिप्शन और टाइटल में बताया गया था कि 520 टन के स्लरी हॉपर को कजाकिस्तान से उज्बेकिस्तान लाया जा रहा था.

खोजने पर हमें TIMUR Nakkas नामक यूट्यूब अकाउंट से 14 जून 2021 को अपलोड किया गया 7 मिनट 38 सेकेंड का वीडियो भी मिला. यह वीडियो CJ-ICM Logistics के लिए बनाया गया था, जिसने स्लरी हॉपर को प्लांट तक पहुंचाने का काम “caba misnak” के साथ मिलकर किया था. आप वीडियो में स्लरी हॉपर जिस ट्रेलर पर रखकर खींचा जा रहा है, उसमें CJ-ICM Logistics का लोगो देख सकते हैं.

करीब 7 मिनट के इस वीडियो में 2018-2019 के बीच स्लरी हॉपर को उसके मूल स्थान से जहाज के माध्यम से लाने, और फिर रूस में मौजूद डॉन नदी के रास्ते कजाकिस्तान होते हुए उज्बेकिस्तान में मौजूद प्लांट तक लाए जाने के दृश्य दिखाए गए थे. इस वीडियो में उसी स्लरी हॉपर को ट्रांसपोर्ट किया जा रहा था, जो वायरल वीडियो में मौजूद है.

Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. यह वीडियो ईरान द्वारा इजरायल पर हमला करने के लिए बड़ी मिसाइल लेकर जाने को नहीं दिखाता, बल्कि यह स्लरी हॉपर को ट्रांसपोर्ट किए जाने का वीडियो है.
Our Sources
Facebook Posts by Caba Misnak between 2018 and 2019
Video Uploaded by Heavy Transport YT account on 13th Dec 2018
Video Uploaded by Timur Nakkas YT account on 14th Jan 2021
फैक्ट-चेक और लेटेस्ट अपडेट्स के लिए हमारा WhatsApp चैनल फॉलो करें: https://whatsapp.com/channel/0029Va23tYwLtOj7zEWzmC1Z