Fact Check
महाराष्ट्र में हिंदुत्व की रैली में मुस्लिमों ने डाली बाधा? भ्रामक है ये पोस्ट
सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में हिंदुत्व की रैली में मुस्लिमों ने बाधा डालने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी से दंगा होने से बच गया.
वायरल हो रहा वीडियो किसी इमारत के अंदर से शूट किया गया है, जहां मेन गेट पर मुस्लिम टोपी पहने कुछ लोग नारेबाजी कर रहे हैं. पुलिस इन लोगों को रोकने की कोशिश कर रही है. साथ ही, बाहर सड़क पर भगवा झंडे लिए लोगों की एक रैली निकलते नजर आ रही है.

मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए यह वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर काफी वायरल हो रहा है. इसके साथ लोग कैप्शन में लिख रहे हैं, “महाराष्ट्र में शांतिदूत ( #जिहादी ) हिंदुत्व की रैली में विघन डालने का प्रयास करने की कोशिश की। प्रशासन की मुस्तैदी से हिन्दू मुस्लिम दंगा होने से बच गया। लेकिन सेकुलरो को यह शांति दूत की दिखते रहेंगे”.
Fact Check/Verification
वायरल वीडियो को In-Vid टूल की मदद से रिवर्स सर्च करने पर हमें 26 अप्रैल 2022 का एक ट्वीट मिला, जिसमें वायरल वीडियो मौजूद है. ट्वीट में वीडियो को आंध्र प्रदेश के नेल्लूर में निकाली गई हनुमान शोभायात्रा का बताया गया है.
कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें 27 अप्रैल 2022 की द क्विंट की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो का एक स्क्रीनशॉट देखा जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, 24 अप्रैल 2022 को आंध्र प्रदेश के नेल्लूर में हनुमान शोभायात्रा निकाली गई थी.
इसको लेकर बीजेपी नेता सुनील देवधर ने वायरल वीडियो जैसा ही एक वीडियो ट्वीट करते हुए आरोप लगाया था कि नेल्लूर में हनुमान शोभायात्रा पर मस्जिद से पत्थर और बीयर की बोतल फेंकी गई.
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हालांकि, पूरे मामले पर बाद में नेल्लूर के पुलिस अधीक्षक का बयान आया था, जिसमें उन्होंने इन दावों को खारिज किया था. उन्होंने कहा था कि “शोभायात्रा शांतिपूर्वक निकली थी. बस एक जगह पर जब यात्रा मस्जिद के सामने से गुजर रही थी तो डीजे की आवाज थोड़ी ज्यादा कर दी गई. जय श्रीराम के नारे भी लगाए गए. इसी समय मस्जिद के अंदर कुछ युवा अल्लाह हू अकबर के नारे लगाने लगे. इसके अलावा ना ही मस्जिद के अंदर से पत्थर या बोतलें फेंकी गई और ना ही कोई झड़प हुई”.
इस वीडियो को लेकर उस समय इंडिया टुडे और द हिंदू ने भी खबरें प्रकाशित की थीं. इन खबरों में भी वीडियो को नेल्लूर का बताया गया है.
Conclusion
कुल मिलाकर निष्कर्ष निकलता है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा है ये दावा भ्रामक है. वीडियो महाराष्ट्र का नहीं, बल्कि आंध्र प्रदेश के नेल्लूर का है और लगभग एक साल पुराना है.
Result: False
Tweet of a user posted on April 26, 2022
Reports of The Quint, The Hindu & India Today
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