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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि बिहार में 300 नीलगायों को भाजपा सरकार द्वारा जिंदा दफ़न कर दिया गया.
सोशल मीडिया पर गोवंश को लेकर छिड़ी तमाम बहसें आपने भी देखी होंगी. नीलगाय, जिसे प्रायः गोवंश से जोड़कर देखा जाता है, को लेकर एक ऐसी ही बहस सोशल मीडिया पर तब छिड़ गई जब एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए के इशारे पर 300 नीलगायों को जिंदा दफन कर दिया गया.
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इसे की-फ्रेम्स में बांटा और फिर एक की-फ्रेम को कुछ कीवर्ड्स की सहायता से Google पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें Daily Mail समेत कई अन्य न्यूज़ और मीडिया संस्थानों द्वारा इस विषय पर प्रकाशित रिपोर्ट प्राप्त हुईं.
Daily Mail में प्रकाशित ख़बर के अनुसार सितंबर 2019 में बिहार में किसानों ने नीलगायों द्वारा फसल के भारी नुक़सान की शिकायत की थी जिसके बाद सरकार ने 300 नीलगायों को मार देने का आदेश दिया था. लेकिन 1 नीलगाय जीवित बच गई जिसे जिंदा दफन कर दिया गया.
Daily Mail में प्रकाशित खबर के आधार पर हमने इस विषय पर स्थानीय एवं मुख्यधारा के समाचार संस्थानों द्वारा प्रकाशित खबरों को ढूंढा. जहां हमें DNA में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. DNA की इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के वैशाली में किसानों ने नीलगायों के आतंक के बारे में स्थानीय विधायक राजकिशोर सिंह से शिकायत की थी. जिसके बाद राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की सहायता से शूटर नियुक्त किया गया जिसने वन विभाग के कर्मियों के साथ मिलकर लगभग 300 नीलगायों को मारने का दावा किया. इन्हीं 300 नीलगायों में से एक नीलगाय जीवित बच गई जिसके बाद उसे JCB मशीन की सहायता से जीवित अवस्था में ही दफना दिया गया.
DNA द्वारा प्रकाशित इस लेख में आगे यह जानकारी भी दी गई है कि मामला संज्ञान में आने के बाद स्थानीय अधिकारियों ने इस मामले पर कार्रवाई की बात कही थी. DNA की इस रिपोर्ट में प्रकाशित वैशाली के एसपी के बयान के अनुसार उन्हें घटना की जानकारी नहीं थी. उन्होंने किसानों की फसल की बर्बादी को देखते हुए नीलगायों को मारने का आदेश दिया था लेकिन उन्होंने नीलगायों को जिंदा दफन करने का आदेश नहीं दिया था. वैशाली के तत्कालीन एसपी द्वारा मामले की जांच कर उचित कार्यवाही का दावा किया गया है.
इसके बाद हमने स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स को भी पढ़ा जिनमे DNA में प्रकाशित खबर से मिलती जुलती जानकारी दी गई है. गौरतलब है कि नवभारत टाइम्स में प्रकाशित लेख के मुताबिक जिस JCB की सहायता से नीलगाय को जिंदा दफनाया गया था उसके विरुद्ध FIR दर्ज कर ली गई है.
हमें इस मामले पर समाचार एजेंसी ANI के बिहार ब्यूरो प्रमुख मुकेश सिंह द्वारा 6 सितंबर 2019 को किया गया एक ट्वीट भी प्राप्त हुआ जहां एक नीलगाय को जिंदा दफन कर देने की बात कही गई है.
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ़ हो जाती है कि नीलगाय को जिंदा दफनाने की यह घटना साल 2019 के सितंबर माह में हुई थी. इस घटना में 300 नीलगायें मारी गई थी जिनमे से एक गाय को जिंदा दफन कर दिया गया था. इस प्रकार 300 नीलगायों को जिंदा दफन करने का दावा हमारी पड़ताल में भ्रामक साबित होता है.
DNA: https://www.dnaindia.com/india/report-nilgai-shot-buried-alive-in-vaishali-dist-of-bihar-2787307
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