Fact Check
खरगोन में हुई पत्थरबाजी के वीडियो को यूपी का बताकर फैलाया गया भ्रम
सोशल मीडिया पर पत्थरबाजी का एक वीडियो काफी वायरल है। इस वीडियो को यूपी का बताते हुए योगी सरकार से इन पत्थरबाजों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है। वीडियो में कुछ लोग एक छत पर खड़े होकर पत्थरबाजी करते नज़र आ रहे हैं।
ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने पत्थरबाजी के इस वीडियो को शेयर कर इसे यूपी का बताया है।
ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है।
दरअसल, बीजेपी नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई एक विवादित टिप्पणी को लेकर देश विदेश में काफी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। कतर, सऊदी अरब समेत कई इस्लामिक देशों ने इस मामले पर अपना विरोध दर्ज कराया। जिसके बाद बीजेपी ने इन नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया। वहीं, नूपूर के बयान के विरोध में बीते दिनों यूपी के कानपुर शहर में बाजार बंद कराने को लेकर दो पक्षों में बवाल होने की घटना सामने आई। इस दौरान पथराव के कई वीडियो वायरल होने लगे। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को स्थिति को काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से कानपुर में हुई पत्थरबाजी की घटना को लेकर कई वीडियो वायरल हुए, इन वीडियोज पर की गई हमारी पड़ताल को यहां और यहां पढ़ा जा सकता है।
Fact Check/Verification
दावे की सत्यता जानने के लिए हमने वीडियो को ध्यान से देखा। हमें वीडियो में नीचे लिखी तारीख और समय दिखाई दी, जिससे ये समझ आ गया कि वीडियो 10 अप्रैल 2022 को शाम 6 बजकर 13 मिनट पर रिकॉर्ड किया गया है।

पड़ताल के दौरान 10 अप्रैल 2022 को यूपी में पत्थरबाजी की किसी घटना का कोई वीडियो या मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। इसके बाद हमने वीडियो के एक कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च किया। हमें SamiullahKhan__ नामक ट्विटर यूजर का एक ट्वीट मिला। 14 अप्रैल 2022 को किए गए इस ट्वीट में एक वीडियो भी है, जो सोशल मीडिया पर यूपी का बताकर शेयर किए गए वीडियो से काफी मिलता जुलता है। वीडियो में लिखे कैप्शन के मुताबिक, ‘ये खरगोन का वीडियो है, जहां हिंदुत्व कट्टर पंथियों ने टाउदी मोहल्ले में माता चौक के पास मुस्लिम आबादी पर पथराव किया, लेकिन पत्थरबाजी करने वालों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।’
इससे ये स्पष्ट है कि वीडियो हालिया घटना से संबंधित नहीं बल्कि दो महीने पहले से इंटरनेट पर मौजूद है।
बता दें, अप्रैल 2022 में रामनवमी के अवसर पर मध्यप्रदेश के खरगोन में तालाब चौक के पास पथराव हो गया था। खरगोन में रामनवमी पर हुई हिंसा में कई दुकानों, घरों और वाहनों को भारी नुकसान पहुंचा था।
हमने कुछ कीवर्डस की मदद से गूगल पर सर्च किया, लेकिन वायरल वीडियो से जुड़ी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। इसके बाद हमने मध्य प्रदेश के एक स्वतंत्र पत्रकार काशिफ़ ककवी से संपर्क किया। उन्हें हमने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई जाननी चाही। उन्होंने हमें बताया, “ये वीडियो यूपी का नहीं बल्कि एमपी के खरगोन का है। 10 अप्रैल को हुई पत्थरबाजी के दौरान इसे रिकॉर्ड किया गया था।” काशिफ़ ने हमें इसी घटना का एक और वीडियो भेजा, जिसे उन्होंने 10 अप्रैल 2022 को ट्वीट भी किया था। काशिफ़ के मुताबिक, ये वीडियो भी उसी घटना का है और उसी छत से लिया गया है जिसे अभी यूपी का बताकर वायरल किया जा रहा है।

काशिफ़ ने हमें उस घर की छत की दूसरे एंगल से खींची गई तस्वीर भी भेजी, जहां से पत्थरबाजी हो रही थी। इसके अलावा, उन्होंने हमें बताया कि पत्थरबाजों ने रिटायर्ड एएसआई नासिर अहमद खान के घर पर निशाना बनाया था। Newschecker ने काशिफ की मदद से नासिर खान से संपर्क किया।
नासिर अहमद खान ने हमें बताया, “ये घटना 10 अप्रैल 2022 की हमारे मोहल्ले की है। उस दौरान सामने वाले घर से, हमारे घर पर कुछ लोग पत्थरबाजी कर रहे थे। पत्थरबाजों ने तीन घरों पर पत्थर चलाए थे। हमने इस मामले में आठ लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148 और 150 के अलावा 427, 336 और 426 के तहत एफआईआर दर्ज कराया है, लेकिन इसमें अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।”
इसके अलावा मीडिया वेबसाइट ‘द वायर’ ने 14 अप्रैल 2022 को खरगोन हिंसा से जुड़ी रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में नासिर अहमद खान के घर पर निशाना बनाकर हुई पत्थरबाजी का भी जिक्र है।
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह साबित हो जाता है कि पत्थरबाजी का यह वायरल वीडियो यूपी का नहीं बल्कि एमपी के खरगोन का है और लगभग दो महीने पुराना है।
Result: False Context/False
Our Sources
Tweet by SamiullahKhan_ on April 14,2022
Telephonic Conversation with Journalist Kashif Kakvi On June 09, 2022
Telephonic Conversation with Retired ASI Nasir Ahmed Khan On June 09, 2022
Report Published by The Wire on April 14, 2022
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