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असम में ‘डी वोटर’ के विरोध में किए गए प्रदर्शन का वीडियो गलत दावे के साथ हुआ वायरल

Written By Pragya Shukla
Jun 11, 2021
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असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य के प्रवासी मुस्लिम समुदाय से जनसंख्या नियंत्रण की तर्कसंगत नीति अपनाने को कहा है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है, “बढ़ती जनसंख्या हर सामाजिक संकट की मूल जड़ है। अगर हम जनसंख्या को नियंत्रित करना शुरू कर देगें तो सामाजिक बुराई अपने आप ही कम हो जाएगी।” हिमंता बिस्वा की इस अपील पर एक बड़ा तबका उनकी सराहाना करते हुए उनकी नितियों की तारीफ कर रहा है तो वहीं, एक बड़ा तबका हिमंता बिस्वा की इस अपील को गलत और अधिकारों का हनन करने वाला बता रहा है।

असम में छिड़ी इसी बहस के बीच इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लोग एक पोस्टर पकड़े हुए प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे हैं। कुछ देर बाद वहां पर पुलिस आ जाती है और प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच में झड़प हो जाती है। दावा किया जा रहा है कि असम में बांग्लादेशी मुस्लिम अपने लिए एक अलग राज्य की मांग कर रहे हैं, उसके लिए उन्होंने वहां पर प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस ने वहां जाकर उनकी जमकर पिटाई की है।

https://twitter.com/UmaShankar2054/status/1402814059745931266

पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

https://twitter.com/raatokaraja/status/1402509335360524288
https://twitter.com/RajBector/status/1403164268736835585

Fact Check/Verification

वायरल हो रहे वीडियो का सच जानने के लिए हमने इसे InVID टूल की मदद से कीफ्रेम्स में बदला। फिर एक कीफ्रेम की सहायता से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो TIMES OF DHUBRI नामक यूट्यूब चैनल पर मिला। जिसे 2 जुलाई 2017 को अपलोड किया गया था। इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, “गोलापारा घटना – पुलिस ने एक युवा प्रदर्शनकारी याकूब अली की हत्या कर दी।” डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, ये प्रदर्शनकारी ‘डी वोटर टैग’ के खिलाफ असम में प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि सरकार ‘डी वोटर टैग’ कानून को वापस ले। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट Scroll.in पर मिली। जिसे 3 जुलाई 2017 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, असम में लोग ‘डी वोटर टैग’ के कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि राज्य में मुसलमानों का कथित रूप से उत्पीड़न किया जा रहा है। उन पर गलत तरीके से झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और उन्हें डी वोटर टैग दिया जा रहा है। 

उन्हें अवैध प्रवासी घोषित किया जा रहा है, जबकि वो वहीं के रहने वाले हैं। इसी दौरान देखते ही देखते इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था। जिसके बाद एक मुस्लिम प्रदर्शनकारी की हिंसक झड़प में मौत हो गई थी। Scroll.in ने अपनी इस रिपोर्ट में Hussain Ali Madani नामक एक शख्स का फेसबुक वीडियो भी अटैच किया है। जिसने इस हिंसक झड़प के वीडियो को शूट कर अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर शेयर किया था।

पड़ताल के दौरान हमें Newsclick की वेबसाइट पर उस पोस्टर का स्क्रीनशॉट मिला, जिसे वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारियों ने पकड़ा हुआ है। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, पोस्टर में असमिया भाषा में लिखा गया है, “डी वोटर टैग एक गलत कानून है, जिसकी वजह से राज्य के मूल निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।”

”इस कानून के जरिए असम के निवासियों पर अत्याचार किया जा रहा है। असम के वास्तविक नागरिकों को डी मतदाता के रूप में सूचीबद्ध करके परेशान नहीं किया जाना चाहिए। हम इस कानून के विरोध में 30 जून 2017 को राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर प्रदर्शन करेंगे।” इसके बाद ये साफ होता है कि ये वीडियो साल 2017 का है। उस दौरान असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा नहीं, बल्कि सर्बानंद सोनोवाल थे।

डी वोटर
डी वोटर

क्या है डी वोटर कानून ?

संदिग्ध मतदाता (डी वोटर और डॉउटफुल वोटर) असम में मतदाताओं की एक श्रेणी है। इस श्रेणी में वो लोग आते हैं जिसे सरकार द्वारा उचित नागरिकता प्रमाण पत्रों की कथित कमी के कारण मताधिकार से वंचित कर दिया गया है। ‘डी मतदाता’ घोषित व्यक्तियों के कुछ मामले विदेश न्यायाधिकरणों के पास लंबित हैं। हालांकि असम सरकार की वेबसाइट के अनुसार ‘डी मतदाता राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर’ (एनआरसी) में अपना नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन विदेशी ट्रिब्यूनल से हरी झंडी मिलने और ‘डी वोटर’ के रूप में दर्ज नाम हटने के बाद ही उनका नाम एनआरसी में दर्ज हो सकता है।

Conclusion

हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक, वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो साल 2017 में ‘डी वोटर’ के खिलाफ हुए एक प्रदर्शन का है। जिसे अब गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। 

Read More : क्या राजस्थान में हो रही है ऑक्सीजन की बर्बादी? करीब एक साल पुराना वीडियो गलत दावे के साथ हो रहा है वायरल

Result: False

Claim Review: असम में बांग्लादेशियों ने किया प्रदर्शन।
Claimed By: Uma Shanker
Fact Check: False

Our Sources

Youtube –https://www.youtube.com/watch?v=beCahIrM0qQ

Scroll –https://scroll.in/article/842445/muslim-protestor-dies-in-police-firing-in-assams-goalpara-video-shows-policeman-shot-to-kill

Facebook –https://www.facebook.com/100008388824230/videos/1949926405296968/

NewsClick –https://www.newsclick.in/muslim-youth-killed-police-firing-assams-goalpara

NBT –https://navbharattimes.indiatimes.com/elections/assembly-elections/assam/election-news/fear-of-d-voter-more-than-90-percent-voting-in-assam-where-concentration-of-muslim-voters/articleshow/81961525.cms


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