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Fact Check
वीडियो में बिहार की 'वोटर अधिकार यात्रा' में लोगों का जनसैलाब दिखाया गया है.
ये वीडियो 'वोटर अधिकार यात्रा' के नहीं, बल्कि पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा और महाराष्ट्र की गजानन महाराज पालकी यात्रा के हैं.
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की बिहार में जारी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में जनसैलाब दिखाने का दावा करते हुए कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इसी दौरान दो वीडियो खूब शेयर हो रहे हैं, जिन्हें ‘वोट चोरी’ के ख़िलाफ़ बिहार के लोगों का जनसैलाब बताकर शेयर किया जा रहा है. इनमें एक लंबे और सीधे रास्ते पर बड़ी तादाद में लोगों का हुजूम नज़र आता है.
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि ये दोनों वीडियो बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के नहीं हैं.
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ के ख़िलाफ़ बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत 17 अगस्त को सासाराम से की है. इस यात्रा में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव समेत ‘इंडिया’ गठबंधन के कई नेता हिस्सा ले रहे हैं. 16 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा एक सितंबर को पटना में संपन्न होगी.
एक्स पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “राहुल गांधी ने इतिहास लिख दिया है. रुबिका लियाकत कभी नहीं कहेंगी कि राहुल गांधी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. ये जन सैलाब बिहार में 2 महामानवों का घमंड तोड़ेगा. #RahulGandhi #VoteChori #VoterAdhikarYatra #Bihar” पोस्ट का आर्काइव यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.

इसी तरह, एक दूसरा वीडियो शेयर करते हुए यूज़र ने एक्स पर लिखा, “ये है वोट चोर के ख़िलाफ़ बिहारवासियों का जनसैलाब और #राहुलराहुल के प्रति प्यार और मोहब्बत. सबकी ज़ुबान पर एक ही नारा है #वोटचोरगद्दीछोड़ #वोटरअधिकार यात्रा.” पोस्ट का आर्काइव यहां देखें. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.

रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यूट्यूब पर वायरल क्लिप से मिलते-जुलते कई वीडियो मिले, जिन्हें ओडिशा के पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा का बताया गया था. हालांकि, ये दृश्य पूरी तरह समान नहीं थे, लेकिन आसपास की इमारतों से यह स्पष्ट हो गया कि वीडियो वास्तव में जगन्नाथ रथ यात्रा का ही है. ऐसे कई वीडियो यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
जांच के दौरान हमें इंस्टाग्राम पर एक वीडियो मिला, जिसमें हूबहू वायरल वीडियो वाला दृश्य नज़र आता है. इसे 8 जुलाई 2024 को पोस्ट किया गया था और इसे जगन्नाथ यात्रा का ही बताया गया था. गौरतलब है कि 2024 में पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा 7 जुलाई को निकली थी.
पढ़ें- बिहार में राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का बताकर पुराना वीडियो वायरल
द इंडियन एक्सप्रेस के यूट्यूब चैनल पर 8 जुलाई 2024 को एक वीडियो शेयर किया गया था, जिसमें ड्रोन से रिकॉर्ड किए गए दृश्यों में ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा दिखाई गई थी.
हमने वायरल वीडियो, जगन्नाथ मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद तस्वीर और यूट्यूब वीडियोज़ के दृश्यों का तुलनात्मक विश्लेषण किया, जिसमें समानता देखी जा सकती है. इससे स्पष्ट है कि वायरल वीडियो पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा का है. हालांकि यह 2024 का है या उससे पहले का, इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी, लेकिन यह साफ़ है कि यह वीडियो बिहार की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का नहीं है.

हमने वायरल वीडियो में दिखाई देने वाली उसी लंबी सड़क के हिस्से को, जो सीधे जगन्नाथ मंदिर के सामने से गुज़रती है, गूगल मैप्स के स्ट्रीट व्यू पर देखा, जहाँ आसपास की हूबहू इमारतें नज़र आती हैं.
‘वोट चोरी’ के ख़िलाफ़ बिहार की जनता का जनसैलाब बताकर शेयर किए जा रहे वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजने पर हमें यह ‘दिव्य वर्हद मराठी’ नाम के यूट्यूब चैनल पर शॉर्ट्स के रूप में मिला, जिसे 1 अगस्त 2025 को अपलोड किया गया था. ध्यान देने वाली बात यह है कि बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत सासाराम से 17 अगस्त को हुई थी.
वीडियो के कैप्शन के मुताबिक़, यह खामगांव से शेगांव तक गजानन महाराज के भक्तों की भीड़ का दृश्य है. खामगांव और शेगांव, महाराष्ट्र के बुलढाणा ज़िले के शहर हैं.
ऐसा ही वीडियो हमें मराठी चैनल ‘साम टीवी’ के फ़ेसबुक पेज पर भी मिला, जिसमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते दृश्य नज़र आते हैं. पोस्ट में बताया गया है कि आषाढ़ी वारी के लिए पंढरपुर गई संत गजानन महाराज की पालकी, 1400 किलोमीटर और 64 दिनों की पैदल यात्रा पूरी करने के बाद शेगांव पहुंची.

‘दिव्य मराठी’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर श्री विट्ठल के दर्शन के लिए पंढरपुर गई संत गजानन महाराज की पालकी की वापसी यात्रा 31 जुलाई को संपन्न हुई.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़, संत गजानन महाराज की 56वीं वार्षिक पालकी यात्रा एक जून को सुबह पंढरपुर की ओर रवाना हुई थी. इस यात्रा में 700 से ज़्यादा वारकरी (भक्त), भजन मंडलियां और घोड़े शामिल थे.
गजानन महाराज संस्थान द्वारा आयोजित यह वार्षिक आध्यात्मिक यात्रा एक भक्तिपूर्ण पैदल वारी है, जो दो महीनों में लगभग 1,275 किलोमीटर की दूरी तय करती है. इसमें 725 किलोमीटर पंढरपुर तक और 550 किलोमीटर वापसी की यात्रा शेगांव तक शामिल होती है. इसकी शुरुआत 1968 में हुई थी.
स्पष्ट है कि ओडिशा के पुरी और महाराष्ट्र के बुलढाणा की धार्मिक यात्राओं के वीडियो को बिहार की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में जनसैलाब दिखाने के ग़लत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
Sources
ThePriteshWay, July 2024
Sundayfilms5275, November 2024
Drone View Youtube Video, July 2024
The Indian Express YouTube Video, July 8, 2024
Vikkikeshriphotographer Instagram Video, July 8, 2024
Divya Varhad Marathi YouTube Video, August 1, 2025
Saam TV News Facebook Post, July 31, 2025
Divya Marathi Report, July 31, 2025
The Times of India Report, June 3, 2025
Salman
December 26, 2025
Runjay Kumar
December 26, 2025
Salman
December 26, 2025