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Fact Check
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर तेजी से शेयर की जा रही है। तस्वीर में एक पुलिसकर्मी कंधे पर एक शव लेकर जाता हुआ दिखाई दे रहा है। तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर उत्तर प्रदेश के बदायूं की है। जहां पर परिवार वालों ने लाश को हाथ लगाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद एसआई प्रशांत कुमार सिंह ने शव को कंधे पर उठा लिया। इसी के साथ ही यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि आखिर एंबुलेंस क्यों नहीं दी गई, शवयान वाहन कहां है? कई यूजर्स इस तस्वीर को देश के हालिया कोरोना हालातों से भी जोड़ रहे हैं।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

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वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ा बदायूं पुलिस का एक ट्वीट मिला। जिसे 16 मई 2021 को पोस्ट किया गया था। जिसमें बदायूं पुलिस ने एक स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए वायरल तस्वीर को पुरानी और वायरल दावे को भ्रामक बताया है। बदायूं पुलिस ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘जनपद बदायूं में इस प्रकार की कोई घटना प्रकाश में नहीं आई है, फोटो मे दर्शाये गये पुलिसकर्मी ने शीतकालीन वर्दी पहनी है, यह फोटो कई माह पुरानी है। अतः इस घटना को वर्तमान समय का बताकर कृपया भ्रामक ट्वीट ना करें। इस घटना का जनपद बदायूं से कोई संबंध नहीं है।’
पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ा एक अन्य ट्वीट पुलिसकर्मी सचिन कौशिक के ट्विटर अकाउंट पर भी मिला। सचिन ने वायरल तस्वीर की हकीकत बताते हुए लिखा है, ‘जिन तस्वीरों को बदायूं का बताया जा रहा है, वो आगरा के थाना फतेहपुर सीकरी की हैं और पिछले वर्ष सर्दियों की हैं। ये तस्वीरें COVID 19 की भी नहीं बल्कि, उससे पूर्व की हैं। SI प्रशांत और का० अमन शव को मोर्चरी तक ले जाने के लिए गाड़ी तक कंधे पर लाए थे ना कि अंतिम संस्कार के लिए। घटनास्थल तक वाहन नहीं पहुंच सकता था इसलिए 200-250 मीटर दूर खड़ा कर दिया गया था।’
प्राप्त जानकारी की सहायता से हमने SI प्रशांत से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि, “वह फिलहाल आगरा के एत्माद्दौला थाने में सब इंस्पेक्टर के तौर पर तैनात हैं। पिछले साल वह आगरा के फतेहपुर सीकरी थाने में तैनात थे। वहां कछपुरा नाम के एक गांव के तालाब में एक अज्ञात शव मिला था। जिस पर कार्रवाई करने के लिए मैं अपने कुछ साथियों के साथ वहां पर गया था। गांव काफी अंदर था, वहां की गलियां भी सही नहीं थीं। ऐसे में एंबुलेंस का अंदर जा पाना मुमकिन नहीं था। इसलिए हमने शव को कुछ दूर तक अपने कंधे पर उठाकर ले जाने का फैसला किया। हम शव को कंधे पर उठाकर तकरीबन आधा किलोमीटर तक लेकर गए थे। उसके बाद हमने उसे एंबुलेंस में रख दिया था।” साथ ही उन्होंने हमें यह भी बताया कि इस तस्वीर का कोरोना से कोई संबंध नहीं है।
सर्च के दौरान हमें वायरल तस्वीर Dhammamitra J P Ashok नाम के एक फेसबुक अकाउंट पर मिली। Dhammamitra J P Ashok ने इस तस्वीर को 7 अप्रैल 2020 को पोस्ट किया था। जिसके बाद ये साफ होता है कि ये तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं बल्कि एक साल पुरानी है।

हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। तस्वीर बदायूं की नहीं है। साथ ही इस तस्वीर का कोरोना संक्रमण से कोई संबंध नहीं है।
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| Claim Review: कोरोना काल में कंधे पर शव ले जाते पुलिसकर्मी की तस्वीर हुई वायरल। Claimed By: Viral post Fact Check: Misleading |
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