Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check
Contact Us: checkthis@newschecker.in
Fact Check
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया गया कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली को लिखे पत्र में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को जंग का अपराधी यानी वॉर क्रिमिनल बताया गया था.
पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली को लिखे पत्र में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को जंग का अपराधी यानी वॉर क्रिमिनल बताये जाने के नाम पर शेयर किया गया यह पत्र, पूर्व में भी वायरल हो चुका है. जिसके बाद Newschecker द्वारा 4 दिसंबर, 2020 को इस दावे की पड़ताल की गई थी. हमारी पड़ताल के अनुसार, यह पत्र स्वयं पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नहीं लिखा था. असल में इस पत्र में लिखी बातें पंडित नेहरू के स्टेनोग्राफर श्यामलाल जैन द्वारा जी डी खोसला आयोग को दिए गए बयान पर आधारित हैं. श्यामलाल जैन ने पत्र में लिखे शब्दों को संस्मरण के आधार पर बताया था, उनके पास इस तरह के किसी पत्र की कोई कॉपी या इसकी पुष्टि करता कोई अन्य दस्तावेज नहीं था. उन्होंने यह दावा किया था कि यह पत्र पंडित नेहरू ने उनसे 26 या 27 दिसंबर, 1945 को कांग्रेस नेता आसफ अली के दिल्ली स्थित आवास पर लिखवाया था. लेकिन हमारी पड़ताल के अनुसार पंडित नेहरू 25 दिसंबर को नेहरू बिहार के पटना में और 26 और 27 दिसंबर, 1945 को इलाहाबाद में थे. इसके साथ ही हमने यह भी पाया था कि आसफ अली, जिनके आवास पर यह पत्र लिखे जाने का दावा श्यामलाल जैन ने किया था, वह स्वयं 25 से 27 दिसंबर, 1945 को मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) में थे और 27 दिसंबर को ही वह दिल्ली के लिए रवाना हुए थे. दोनों नेताओं की लोकेशन से इस बात की पुष्टि हो जाती है कि श्यामलाल जैन की जी डी खोसला आयोग के समक्ष दी गई गवाही ज्यादा विश्वसनीय नहीं है.
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली को लिखे पत्र में, नेताजी सुभाष चंद्र बोस को जंग का अपराधी यानी वॉर क्रिमिनल बताये जाने के नाम पर शेयर किया गया यह दावा भ्रामक है. पंडित नेहरू द्वारा लिखे गए इस पत्र का कंटेंट असल में उनके स्टेनोग्राफर श्यामलाल जैन के संस्मरण पर आधारित है.
यदि आपको यह फैक्ट चेक पसंद आया है और आप इस तरह के और फैक्ट चेक पढ़ना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
Komal Singh
February 10, 2024
Runjay Kumar
October 30, 2023
Shubham Singh
August 18, 2022