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Fact Check: कोटा में स्मार्ट मीटर में निकली खामियों की छह साल पुरानी खबर हालिया दिनों का बताकर वायरल

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
राजस्थान के कोटा में लगे स्मार्ट मीटर में सामान्य मीटर की तुलना में आई 150 यूनिट ज्यादा रीडिंग.
Fact
अख़बार की वायरल कटिंग 6 साल पुरानी है. कोटा के स्थानीय अख़बार चंबल संदेश ने सितंबर 2017 में यह ख़बर प्रकाशित की थी.

सोशल मीडिया पर अख़बार की एक कटिंग वायरल हो रही है. “सामान्य मीटर@279 यूनिट, ’स्मार्ट मीटर@429 यूनिट” हेडिंग के साथ मौजूद खबर की कटिंग में राजस्थान के कोटा में स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी मीटर की ख़ामियों का ज़िक्र किया गया है. इस अख़बार की कटिंग को हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है.

Courtesy: FB/Indian Tractor

Fact Check/Verification

Newschecker ने इसकी पड़ताल के लिए सबसे पहले अखबार की कटिंग को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें चंबल संदेश नाम के फ़ेसबुक पेज से 26 सितंबर 2017 को अपलोड की गई यह कटिंग मिली. इस फ़ेसबुक पेज को खंगालने पर हमने पाया कि यह कोटा सहित आसपास के इलाकों की ख़बर प्रकाशित करने वाले अख़बार चंबल संदेश का पेज है.

कटिंग में मौजूद ख़बरों को ध्यान से पढ़ने पर हमने पाया कि दरअसल 2017 में कोटा के इन्द्रविहार इलाके के एक ब्यूटी पार्लर संचालक ने स्मार्ट मीटर की खामियों की शिकायत की थी. ब्यूटी पार्लर संचालक के अनुसार, उन्होंने कोटा में स्मार्ट मीटर को लेकर चल रहे विवाद के दौरान बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (केईडीएल) के अधिकारियों को बोलकर स्मार्ट और सामान्य मीटर दोनों लगवाया था.

कटिंग में आगे बताया गया है कि जब कुछ दिनों के बाद उन्होंने दोनों मीटरों की रीडिंग देखी तो केईडीएल कंपनी के सामान्य मीटर में 279 यूनिट बिजली खर्च बताया गया था, जबकि स्मार्ट मीटर में रीडिंग 429 यूनिट था. बाद में उन्होंने इसकी सूचना कंपनी के अधिकारियों को भी दी. रिपोर्ट में केईडीएम की पैरेंट कंपनी सीईएससी के अधिकारी का भी बयान मौजूद था.

इस दौरान हमने चंबल संदेश के एडिटर संजय शर्मा से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि “यह ख़बर सितंबर 2017 की है. दरअसल उस दौरान स्मार्ट मीटर को लेकर कोटा में विरोध चल रहा था. तभी एक व्यक्ति ने स्मार्ट मीटर की खामियों की शिकायत करते हुए बताया था कि उनके यहां स्मार्ट मीटर में सामान्य मीटर की तुलना में 150 यूनिट ज्यादा रीडिंग आई है. बाद में कोटा के लोगों का विरोध देखते हुए केईडीएल ने स्मार्ट मीटर लगाना बंद कर दिया था”. 

जांच में हमें यह ख़बर पत्रिका की वेबसाइट पर 26 सितंबर 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट में भी मिली. इस रिपोर्ट में भी बताया गया है कि कोटा के तलवंडी इलाके के पार्लर संचालक जावेद ने स्मार्ट मीटर में खामियों की शिकायत की थी. जावेद के अनुसार उन्होंने 15 सितंबर 2017 को स्मार्ट मीटर लगाया था और विरोध करने पर साथ में नॉर्मल मीटर भी लगा दिया गया था. बाद में दोनों मीटर में 150 यूनिट का अंतर आ रहा था.

हमने अधिक जानकारी के लिए केईडीएल के जनसंपर्क अधिकारी से भी संपर्क किया है, उनका जवाब आने पर स्टोरी को अपडेट कर दिया जाएगा.

Conclusion

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि अख़बार की यह वायरल कटिंग क़रीब छह साल पुरानी है.

Result: Missing Context

Our Sources
FB Post of Chambal Sandesh
Article Published on Patrika Website
Telephonic Conversation with Sanjay Sharma, Editor Chambal Sandesh

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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