Fact Check
रिक्शा चालक की पुरानी तस्वीर हालिया दिनों का बताकर हुई वायरल
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि हाल ही में कड़ाके की ठंड की वजह से वृद्ध रिक्शा चालक की मृत्यु हो गई.
यूं तो कई लोगों के लिए सर्दियों का मौसम बहुत सुहावना होता है, लेकिन ऐसे लोग जो गरीबी या अन्य कारणों से गर्म कपड़े नहीं पहन सकते उनके लिए सर्दियों का मौसम काफी कष्टकारी होता है. हर साल ठंड लगने की वजह से सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो जाती है, इनमें अधिकांश छोटे दुकानदार, बेघर, फुटपाथ पर सोने वाले, रिक्शा चालक तथा मानसिक तौर पर असंतुलित लोग होते हैं.
इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स एक तस्वीर शेयर कर यह दावा कर रहे हैं कि इस बार पड़ रही कड़ाके की ठंड की वजह से वृद्ध रिक्शा चालक की मृत्यु हो गई.
Fact Check/Verification
कड़ाके की ठंड की वजह से वृद्ध रिक्शा चालक की मृत्यु के नाम पर शेयर की जा रही इस तस्वीर को गूगल पर ढूंढने पर हमें यह जानकारी मिली कि तस्वीर पिछले कई सालों से इंटरनेट पर मौजूद है. इस प्रक्रिया में हमें यह भी जानकारी मिली कि पिछले कुछ वर्षों में वायरल तस्वीर को कई दावों के साथ शेयर किया गया है.

‘रिक्शा चालक मौत’ कीवर्ड को फेसबुक पर ढूंढने पर हमें यह जानकारी मिली कि साल 2015 में कई फेसबुक यूजर्स ने वायरल तस्वीर को पटना एयरपोर्ट के आसपास दिल का दौरा पड़ने से रिक्शा चालक की मृत्यु के नाम पर शेयर किया था.

उक्त जानकारी के आधार पर हमने कई कीवर्ड्स को गूगल तथा फेसबुक पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें National News Story नामक फेसबुक पेज द्वारा 16 दिसंबर, 2015 को शेयर किए गए पोस्ट में वायरल तस्वीर का एक स्पष्ट वर्जन प्राप्त हुआ, जिसमें उम्रदराज रिक्शा चालक के पास केवल शर्ट पहने दो लोगों को देखा जा सकता है. बता दें कि तस्वीर के विवरण के अनुसार रिक्शा चालक की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई थी.

Shubham Shekhar नामक फेसबुक यूजर ने भी 12 दिसंबर, 2015 को इसी तस्वीर को पटना एयरपोर्ट के आसपास दिल का दौरा पड़ने से वृद्ध रिक्शा चालक की मृत्यु का बताकर शेयर किया था.

Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि हाल ही में कड़ाके की ठंड की वजह से वृद्ध रिक्शा चालक की मृत्यु के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में वायरल तस्वीर साल 2015 से ही इंटरनेट पर मौजूद है. हालांकि, हम स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि वायरल तस्वीर को कब, कहां और किन परिस्थितियों में क्लिक किया गया था.
Result: Missing Context
Our Sources
Facebook posts from 2015
Social media posts since 2015
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