सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स भगवान राम और शंकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करता नजर आ रहा है. वीडियो को इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के नेता वीरपाल यादव ने हाल में यह आपत्तिजनक टिप्पणी की है.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो करीब छह वर्ष पुराना है. समाजवादी पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय सचिव वीरपाल सिंह यादव ने साल 2018 में बरेली के उमरिया में यह बयान दिया और तब जिले के बिथरी चैनपुर पुलिस स्टेशन में मामला भी दर्ज किया गया था.
वायरल वीडियो में उजले रंग का कुर्ता-पजामा पहने एक शख्स यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि “समाजवादी पार्टी को लड़ना पड़ेगा राम और शंकर से, अगर देश में अमन-चैन कायम रखना है तो. क्योंकि भाजपाईयों की जान जो है उसी में है. जबतक उसपर अटैक नहीं करेंगे भाजपाई मरेंगे नहीं”.
इस वीडियो को हाल के दिनों में कई X अकाउंट से इस तरह के दावे वाले कैप्शन से शेयर किया गया है कि समाजवादी पार्टी के नेता वीरपाल यादव ने हाल में यह टिप्पणी की है. यूजर इस ट्वीट के रिप्लाई में उत्तर प्रदेश पुलिस से सपा नेता पर कार्रवाई करने की मांग भी कर रहे हैं.

यह वीडियो इसी तरह के दावों से फेसबुक पर भी शेयर किया गया है.

Fact Check/ Verification
Newschecker ने वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान उसके कीफ्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया, तो हमें एक फेसबुक अकाउंट से 27 सितंबर 2018 को अपलोड किया गया वीडियो, जो वायरल वीडियो का लंबा वर्जन था.

इस लंबे वीडियो में वीरपाल सिंह यादव कहते नजर आ रहे हैं कि “”जब मौलाना तौकीर को पकड़ा गया था तो सबसे पहले मैंने बयान दिया था कि ये ज्यादती है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम तो कांवड़ वालों के विरोध में हैं. जब लोग कांवड़ यात्रा का स्वागत कर रहे थे, तब भी मैंने कहा कि ये लोग दारू पीने वाले हैं, गांजा पीने वाले हैं, ये कभी भगत नहीं हो सकते”.
आगे वो कहते हैं “समाजवादी पार्टी को लड़ना पड़ेगा राम और शंकर से, अगर देश में अमन-चैन कायम रखना है तो. क्योंकि भाजपाईयों की जान जो है उसी में है. जबतक उसपर अटैक नहीं करेंगे भाजपाई मरेंगे नहीं. जैसे शैतान की जान तोते में होती है”. आगे वो किसी विधायक के बारे में टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं.
जांच में हमें 26 सितंबर 2018 को एबीपी न्यूज की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाले दृश्य भी मौजूद थे.

रिपोर्ट में बताया गया था कि 2018 में मुहर्रम के दौरान बरेली में ताजिया रोके जाने के विरोध में लोगों ने नेशनल हाइवे 24 पर नकटिया पुलिस चौकी के पास ताजिये रखकर जमकर उत्पात मचाया था. इस घटना के बाद सपा और कांग्रेस के नेता उमरिया गए थे और बीजेपी के नेता खजुरिया गांव गए थे. इसी दौरान समाजवादी पार्टी के नेता वीरपाल सिंह यादव ने यह टिप्पणी की थी. उनकी टिप्पणी का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने बिथरी चैनपुर थाने में मामला दर्ज किया था.
हमें इससे जुड़ी रिपोर्ट इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर भी 27 सितंबर 2018 को प्रकाशित मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि 21 सितंबर 2018 को बरेली में हिंदू बहुल खजुरिया गांव से मोहर्रम जुलूस निकालने की कोशिश के चलते 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 26 सिंतबर 2018 को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरपाल सिंह उमरिया गांव पहुंचे थे और उन्होंने यह विवादित बयान दिया था.

इसके बाद बिथरी चैनपुर पुलिस स्टेशन के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर ब्रजपाल सिंह की शिकायत के बाद वीरपाल सिंह यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 A और 504 के तहत मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए बयान में वीरपाल सिंह यादव ने कहा था कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.
वीरपाल सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा था कि “जब कांवड़ यात्रा होती है, तो कांवड़ियां भगवा टी-शर्ट में जाते हैं. इस टीशर्ट में एक तरफ मोदी और दूसरे तरफ योगी की तस्वीर होती है. उनके एक हाथ में तलवार होती है जबकि दूसरे में शराब की बोतल. मुझे समझ नहीं आता कि भगवान शिव इससे कैसे खुश हो सकते हैं. मैं कभी ऐसे कांवड़ियों का स्वागत नहीं करूंगा. आगे उन्होंने कहा कि मेरे कहने का मतलब था कि “भाजपा के लोग छद्म राम और शिव भक्त हैं और हमें इन नकली राम और शिव से लड़ना है. मैंने ऐसी कोई बात नहीं कही, जिससे साम्प्रदायिक तनाव हो”.
इस मामले से जुड़ी एक रिपोर्ट हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर भी 28 जून 2019 को प्रकाशित मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि कांवड़ियों को लेकर की गई टिप्पणी मामले में पुलिस ने वीरपाल सिंह यादव के खिलाफ आरोप लगभग तय कर दिए थे और शासन से उनपर मुकदमा चलाने के लिए अनुमति भी मांगी थी.

हमने अपनी जांच में समाजवादी पार्टी के वीरपाल सिंह यादव से भी संपर्क किया. उन्होंने बताया कि “यह मामला बहुत पुराना है. और उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था, जिसका उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जवाब दिया था”.
इसके अलावा, हमने बिथरी चैनपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ अभिषेक कुमार से भी संपर्क किया. उन्होंने भी बताया कि वायरल वीडियो करीब छह वर्ष पुराना है और इस मामले में पुलिस स्टेशन में केस भी दर्ज किया गया था”.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो हाल का नहीं, बल्कि छह साल पहले समाजवादी पार्टी के नेता वीरपाल सिंह यादव द्वारा की गई विवादित टिप्पणी का है.
Our Sources
Video Uploaded by a Facebook account on 27th Sep 2018
Article Published by ABP Live on 26th Sep 2018
Article Published by Indian Express on 27th Sep 2018
Telephonic Conversation With SP Leader Veerpal singh Yadav
Telephonic Conversation with Bithri Chainpur SHO
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