Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
Claim
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि तमिलनाडु में मंदिरों से सबसे अधिक बिजली का बिल लिया जाता है.
Fact
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से शेयर की जा रही है, तस्वीर में यह जानकारी दी गई है कि तमिलनाडु में मस्जिद तथा चर्च 2.85 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली के बिल का भुगतान करते हैं जबकि मंदिरों को 8 रुपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना पड़ता है. यह दावा पूर्व में भी वायरल हो चुका है, जिसके बाद Newschecker द्वारा 8 जून, 2021 को वायरल दावे की पड़ताल कर इसे भ्रामक बताया गया था. हमने अपनी पड़ताल के दौरान पाया कि सूबे में अलग-अलग धार्मिक स्थलों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हैं बल्कि हर धर्म से जुड़े स्थल को एक समान दर पर बिजली के बिल का भुगतान करना पड़ता है. Tamil Nadu Generation and Distribution Corporation की वेबसाइट पर मौजूद लेटेस्ट जानकारी के अनुसार धार्मिक स्थलों पर बिजली के भुगतान की दरें दो श्रेणी में विभाजित हैं. बिजली की खपत अगर 0 से लेकर 120 यूनिट तक के बीच में है तो 2.85 रुपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान होगा. वहीं अगर बिजली की खपत 120 यूनिट से ज्यादा है, तो 5.57 रुपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा. धार्मिक स्थलों को हर दो महीने पर 120 रुपए प्रति किलोवाट का अतिरिक्त चार्ज भी देना होता है.
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि तमिलनाडु में मंदिरों से सबसे अधिक बिजली का बिल लिए जाने का यह दावा भ्रामक है. असल में राज्य में सभी धार्मिक स्थलों के लिए बिजली की दरें एक समान हैं.
Result: Misleading/Partly False
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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.