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Fact Check
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने यह दावा किया कि तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तानी न्यूज़ संस्था टोलो न्यूज (TOLOnews) के पत्रकार जिआर खान याद (Ziar Khan Yaad) की हत्या कर दी है.
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद, कई पत्रकारों ने रिपोर्टिंग की स्वतंत्रता को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. एक तरफ जहां तालिबान नए विचारों के साथ देश पर शासन का दावा कर रहा है, तो वहीं DW के लिए कार्यरत एक पत्रकार के रिश्तेदार की हत्या तथा कई अन्य पत्रकारों के साथ मारपीट तथा अभद्रता की घटनायें, तालिबान के इस दावे को गलत साबित करती हैं. यूएन समेत कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों तथा समाजसेवियों ने तालिबान की बर्बरता को लेकर उसकी निंदा भी की है.
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी शासन से संबंधित तमाम फेक खबरों का सच हमारी वेबसाइट पर मौजूद फैक्ट चेक रिपोर्ट्स में पढ़ा जा सकता है. बता दें कि हमारी टीम द्वारा अफ़ग़ानिस्तान के मौजूदा हालात से संबंधित फेक खबरों के ट्रेंड को लेकर किये गए एक आंतरिक विश्लेषण में हमने पाया कि तालिबान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जे के बाद से ही फेक न्यूज़ में भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद से ही तालिबान की बर्बरता के तमाम दावे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इसी क्रम में सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए तालिबान ने टोलो न्यूज (TOLOnews) के पत्रकार जिआर खान याद (Ziar Khan Yaad) की हत्या कर दी है.
तालिबान द्वारा टोलो न्यूज के पत्रकार जिआर खान याद की हत्या का यह दावा फेसबुक पर भी ख़ासा वायरल हो रहा है.

तालिबान द्वारा टोलो न्यूज के पत्रकार जिआर खान याद की हत्या के इस दावे की पड़ताल के लिए, हमने TOLOnews का आधिकारिक ट्विटर पेज जांचा, जहां हमें संस्था द्वारा 26 अगस्त, 2021 को शेयर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ. TOLOnews के उक्त ट्वीट के अनुसार (हिंदी अनुवाद), “तालिबान द्वारा TOLOnews एक रिपोर्टर तथा कैमरामैन की पिटाई की गई है.”
इसके बाद हमने तमाम मीडिया तथा न्यूज़ संस्थानों एवं सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा टोलो न्यूज के पत्रकार जिआर खान याद की हत्या का दावा करने के पीछे का कारण जानने के लिए, संस्था द्वारा पूर्व में शेयर किये गए ट्वीट्स खंगालना शुरू किया.
इस प्रक्रिया में हमें संस्था द्वारा 26 अगस्त, 2021 को 10 बजकर 45 मिनट पर शेयर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ, जिसमे मामले की जानकारी दी गई है. गौरतलब है कि TOLOnews द्वारा शेयर किया गया यह ट्वीट पर्शियन (फ़ारसी) भाषा में लिखा गया है, जिसका गूगल द्वारा किया गया अंग्रेजी अनुवाद इस प्रकार है, “TOLOnews reporter killed by Taliban in Kabul.”

टोलो न्यूज द्वारा शेयर किये गए उपरोक्त ट्वीट के गूगल अनुवाद की सत्यता जांचने के बाद, हमारी उर्दू टीम ने पाया कि गूगल द्वारा टोलो न्यूज के इस ट्वीट का जो अनुवाद किया गया है वह भ्रामक है. असल में मारपीट के लिए इस्तेमाल किये गए फ़ारसी भाषा के एक शब्द का गूगल द्वारा किया गया अनुवाद गलत है.
BBC South Asia Bureaux Chief Nicola Careem ने भी यही जानकारी एक ट्वीट के माध्यम से शेयर की है.
TOLOnews के लिए कार्यरत Ziar Khan Yaad ने खुद भी ट्वीट कर अपनी हत्या की खबरों को गलत बताया है. Ziar ने अपने ट्वीट में तालिबान द्वारा पिटाई और अभद्रता का जिक्र किया है.
कई भारतीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने भी इस घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया है.
हालांकि इनमे से अधिकतर संस्थानों ने या तो अपनी रिपोर्ट्स को अपडेट कर दिया है या फिर खंडन जारी किया है.

बता दें कि BILAL SARWARY नामक पत्रकार ने 25 अगस्त, 2021 को शेयर किये गए अपने ट्वीट में भी Ziar Khan Yaad की पिटाई का ही जिक्र किया है.
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि तालिबान ने TOLOnews के पत्रकार जिआर खान याद (Ziar Khan Yaad) की हत्या नहीं बल्कि उनकी तथा उनके साथ मौजूद कैमरामैन की पिटाई की है. इस लेख के माध्यम से हम अपने पाठकों को यह भी बताना चाहते हैं कि गूगल द्वारा किया गया अनुवाद, अपेक्षाकृत नवीन प्रौद्योगिकी की सहायता से होता है, इसलिए कई बार गूगल द्वारा किये गए अनुवाद गलत भी हो सकते हैं.
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