इस हफ़्ते सोशल मीडिया पर यूपी में हो रहे विधानसभा चुनाव का मुद्दा छाया रहा। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इससे सम्बंधित फेक दावे शेयर किए। इसके अलावा कई ऐसे भी फेक दावे वायरल होते देखे गए जो देश की सामाजिक समरसता लिए सही नहीं थे। हमारी टीम ने कुछ ऐसे ही फेक दावों का फैक्ट चेक करने उनका सच दुनिया के सामने रखा है।

क्या हालिया बजट सत्र में केंद्र सरकार द्वारा कॉरपोरेट टैक्स को 18% से घटाकर 15% किया गया?
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया गया कि बजट 2022 में केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स 18% से घटाकर 15% कर दिया है। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।

क्या आरएसएस द्वारा अहमदाबाद स्थित पिराना गांव के मुसलमानों को पलायन के लिए किया गया मजबूर?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया है कि अहमदाबाद के पिराना गांव के मुसलमान आरएसएस के कारण पलायन के लिए मजबूर हो गए। हमारी पड़ताल में वायरल हुआ दावा भ्रामक साबित हुआ।

भाजपा पार्षद राघवेंद्र मिश्र द्वारा बुजुर्ग को धमकी दिये जाने के नाम पर वायरल हुआ भ्रामक दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि भाजपा पार्षद राघवेंद्र मिश्र द्वारा एक बुजुर्ग को धमकी दी गई. हमारी पड़ताल में वायरल हुआ दावा भ्रामक साबित हुआ।

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा वर्षों पूर्व पंजाब में दिए गए एक बयान को हालिया विधानसभा चुनाव से जोड़कर किया जा रहा है शेयर
सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग शेयर करते हुए दावा किया गया कि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों से कहा कि वोट नहीं देना मत दो, लेकिन जूते मत चलाओ। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।

पीएम मोदी ने नहीं की जाटों के घर से लस्सी मांगकर लाने की बात, एडिटेड तस्वीर भ्रामक दावे के साथ हुई वायरल
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया गया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे जाटों के घर से लस्सी मांगकर लाते थे। हमारी पड़ताल में वायरल हुआ दावा फेक साबित हुआ।
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