Fact Check
बांग्लादेश के 3 साल पुराने वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताकर किया जा रहा है शेयर
सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ के एक वीडियो को खूब शेयर किया जा रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक सड़क पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग हाथ में पोस्टर लेकर नारा लगाते हुए आंदोलन कर रहे हैं। वीडियो शेयर करने वाले यूजर का दावा है कि यह वीडियो कहीं और का नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल का है।
Fact check / Verification
मुस्लिम समुदाय के लोगों की रैली के इस वीडियो को ट्विटर तथा फेसबुक पर भी खूब शेयर किया जा रहा है।


वीडियो के साथ वायरल हो रहे दावे की जाँच के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वीडियो को InVID टूल की सहायता से कुछ कीफ्रेम्स में तोड़कर, Google Reverse Image Search की मदद से खोजना शुरू किया।

लेकिन गूगल पर मिले परिणामों से हमें वायरल वीडियो से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली। वायरल वीडियो की सटीक जानकारी के लिए हमने वायरल वीडियो में दिख रहे पोस्टर को गौर से देखा।

इस दौरान हमने पाया कि पोस्टर में “Stop Genocide in Arakan” लिखा हुआ है। इसके बाद हमने वीडियो की जानकारी के लिए Reverse Image Search व कुछ संबंधित कीवर्ड्स की मदद ली। इस दौरान हमें old.unb.com.bd नाम की वेबसाइट पर 21 सितंबर साल 2017 को छपा एक लेख मिला।
जहां हमें वायरल वीडियो वाले पोस्टर की एक तस्वीर छपी मिली। लेख के मुताबिक वायरल पोस्टर साल 2017 में बांग्लादेश में हुए एक इस्लामी आंदोलन का है।

आंदोलन की अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर खोजा। जिसके बाद हमें dhakatribune नाम की वेबसाइट पर सितंबर साल 2017 में ही प्रकाशित एक लेख मिला।

लेख में जानकारी दी गयी है कि म्यांमार के रकाइन राज्य में रोहिंग्या मुस्लिमों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ बांग्लादेश के ढाका स्थित म्यांमार एम्बेसी के सामने यह आंदोलन किया जा रहा है।
इस आंदोलन की जानकारी फेसबुक पर इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश नाम के एक पेज पर भी दी गयी है।

वीडियो के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने कुछ संबंधित कीवर्ड्स से गूगल पर दोबारा खोजा। खोज के दौरान हमें यूट्यूब पर एक मुस्लिम समुदाय के आंदोलन का वीडियो मिला, जो वायरल वीडियो से काफी मेल खाता है। प्राप्त वीडियो को यूट्यूब पर साल 2017 में अपलोड किया गया है ।
इस दौरान वीडियो के कैप्शन में जानकारी दी गयी है कि यह इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के म्यांमार एम्बेसी के सामने किया जा रहा है। पड़ताल के दौरान हमने पाया कि प्राप्त वीडियो और वायरल वीडियो में कई समानताएं हैं।
जैसे वायरल वीडियो में दिख रही एक इमारत प्राप्त वीडियो में भी है। वीडियो में जो पोस्टर नज़र आ रहे हैं वही यूट्यूब पर प्राप्त वीडियो में भी हैं। इससे साबित होता है कि वायरल वीडियो और प्राप्त वीडियो एक ही आंदोलन के हैं।

वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान हमने पश्चिम बंगाल की पुलिस के ट्विटर हैंडल को भी खंगाला। इस दौरान हमने पाया कि पश्चिम बंगाल की पुलिस ने अभी कुछ घंटे पहले ही वायरल वीडियो पर ट्वीट किया है।
जहाँ पुलिस ने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं बल्कि बांग्लादेश का है। साथ ही पुलिस ने बताया कि वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले पर उचित कार्रवाई की जा रही है।
Conclusion
वायरल वीडियो पर अपनी पड़ताल के दौरान हमने पाया कि वीडियो हाल का नहीं बल्कि कुछ वर्ष पुराना है। साथ ही वीडियो का पश्चिम बंगाल से कोई संबंध नहीं। यह वीडियो बांग्लादेश के ढाका में साल 2017 में हुए इस्लामी आंदोलन के दौरान का है।
Result- Misleading
Our Sources
https://www.dhakatribune.com/bangladesh/politics/2017/09/08/islami-andolon-declares-long-march
https://old.unb.com.bd/photo-gallery/photo/show/albumid=75
https://twitter.com/WBPolice/status/1299245179224743937
https://www.youtube.com/watch?v=nUdUhyRQJXA
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