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बीते 20 अगस्त को मुहर्रम के मौके पर मध्य प्रदेश के उज्जैन में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे या नहीं की बहस के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। 2 मिनट 9 सेकेंड लंबे इस वीडियो में पुलिस के जवान तैनात दिख रहे हैं और एक जेसीबी मशीन टिन शेड की झुग्गियों को तोड़ती नज़र आ रही है। वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो उज्जैन की गफ़ूर बस्ती का है। इसी बस्ती के लोगों ने पिछले दिनों मुहर्रम के जुलूस के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। अब शिवराज सरकार ने इस पूरी अवैध बस्ती को ही खाली करवा दिया है।
यह लेख लिखे जाने तक इस ट्वीट को 245 से ज्यादा लोग रीट्वीट और 475 से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं।
इस दावे को फेसबुक और ट्विटर पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
CrowdTangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि इस दावे को सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां और यहां देखा जा सकता है।
Fact Check/Verification
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो का सच जानने के लिए हमने अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से Google सर्च किया। पड़ताल के दौरान हमें 27 अगस्त 2021 को Zee News और दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इन दोनों रिपोर्ट के मुताबिक, उज्जैन के हरि फाटक क्षेत्र में हाईकोर्ट के आदेश के बाद करोड़ों रूपयों की सरकारी ज़मीन पर बनीं 200 अवैध दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया था। साथ ही सुरक्षा के लिए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था। यह कार्यवाही उज्जैन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत की गई थी। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर को 10 गुना बड़ा करने की योजना पर काम चल रहा है।
नहीं तोड़े गए कथित तौर पर उज्जैन में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों के घर
27 अगस्त 2021 को दैनिक भास्कर के भोपाल और उज्जैन एडिशन में भी इस खबर को छापा गया था। दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर इस खबर को पढ़ा जा सकता है।
अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से YouTube खंगालने पर हमें Bansal News MPCG के आधिकारिक चैनल पर 27 अगस्त 2021 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के जैसा ही है।
न्यूज़चेकर से बातचीत में उज्जैन के एडिशनल एसपी, अमरेंद्र सिंह ने बताया कि “उज्जैन के गीता कॉलोनी में देश विरोधी नारे लगे थे, जबकि अतिक्रमण उज्जैन के हरि फाटक क्षेत्र से हटाया गया। यह दोनों घटनाएं उज्जैन के अलग-अलग क्षेत्र की हैं और इनका आपस में कोई लेना-देना नहीं है।” उन्होंने हमें यह भी बताया कि दोनों ही जगहों में करीब चार किलोमीटर का अंतर है।
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Conclusion
हमारी पड़ताल में साफ होता है कि अतिक्रमण हटाए जाने वाले वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। खोज के दौरान हमने पाया कि उज्जैन के हरि फाटक ओवर ब्रिज के पास के इलाके की ज़मीन पर हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई की गई थी।
Result: Misleading
Our Sources
Phone Verification
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